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साले की बीबी की गांड और चूत दोनों चोद डाली

सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।

मेरा नाम अथर्व सिंह है। मैं नॉएडा का रहने वाला हूँ। मेरी शादी हो गयी है। मेरी बीबी बहुत जवान और सुंदर है। उसका नाम सीमा है जिसके साथ मैं खूब चूत चुदाई और गांड चुदाई करके अपना मूड बनाता हूँ। दोस्तों मेरी जब शादी हुई थी तो मेरे ससुर ने मुझे कोई दहेज़ नही दिया। वो बड़ा होशियार आदमी था। कह रहा था की सब कुछ देगा, 15 लाख कैश, चार पहिया गाड़ी, अंगूठी, जंजीर, सब कुछ देगा। पर साले से कुछ नही दिया। कुछ दिन बाद मेरे ससुर को हार्ट अटैक पड़ गया और बुड्ढा भगवान को प्यारा हो गया। मेरा एक ही साला तो जो बहुत सीधा था। उसका नाम राजेश्वर था। कुछ दिनों में मेरे साले की शादी हुई तो क्या मस्त बीबी उसे मिली।

मेरी सरहज जब घर आई तो क्या मस्त आलिया भट्ट की तरह दिख रही थी। उसका नाम सोनिया था। उसे देखकर मुझे बड़ा अच्छा लगा। मैं तो उसे देख देखकर मौज लेने लगा। अब तो अक्सर ही अपने साले और सरहज (यानी की सोनिया) से मिलने चला जाता था। दिल में कई बात सोचता था की काश इसकी चूत चोदने को मिल जाए तो कितना मजा मिले। सोनिया शुद्ध देसी लड़की थी। 5’ 3” का कद था उसका। आँखे बड़ी कजरारी थी। रंग गोरा और फिगर 34 30 36 का था। जब जब उसे देख लेता था की यही दिल करता था की अगर कभी अकेले में मिल जाए तो उनकी चूत मार लूँ। अपनी बीबी सीमा की चूत मार मार कर मैं थक चूका था।

अब तो मुझे सोनिया का गेम बजाना था। कभी कभी उसे लाइन देता था। फिर कुछ दिनों बाद मेरे साले की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी। ये खबर सुनकर मैं बहुत दुखी हुआ। सोनिया काफी सदमे में आ गयी थी। मेरे साले राजेश्वर की मौत के बाद वो अक्सर उदास रहती थी। कुछ दिन बाद मेरी बीबी सीमा ने मुझसे कहा की मैं सोनिया को बाइक पर बिठाकर घर ले आऊ। क्यूंकि वो जब घर में रहती थी वो अक्सर उदास और दुखी रहती थी। मैंने आपकी पल्सर बाइक बाहर निकाली और सरहज के घर की तरफ निकल गया। कुछ देर बाद नॉएडा का सेक्टर 32 आ गया। सोनिया का घर आ गया। मैंने डोर बेल बजाई। सोनिया से दरवाजा खोला।

“ननदोई जी आप??” वो बोली

“हाँ सीमा कह रही है की तुम कुछ देर मेरे ही घर पर रहो आकर। क्यूंकि अकेले तुम रहोगी तो हमेशा उदास ही रहोगी” मैंने कहा

“नही मैं इधर ही ठीक हूँ” सोनिया बोली और रसोई में जाकर चाय बनाने लगी

अब वो विधवा हो गयी थी। पहले जैसा बिंदी, चूड़ियाँ और बालो में सिंदूर नही था पर आज भी मेरा मन उसके मस्त मस्त जिस्म को भोगने का था। मैं रसोई में चला गया। सोनिया सलवार सूट में थी और खड़े होकर चाय बना रही थी, कि इतने में मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और गालो पर किस करने लगा। विधवा होने के बादजूद वो मुझे 1 नम्बर की माल लग रही थी।

“ननदोई जी!! ये आप क्या कर रहे है??” सोनिया बोली

“तुमने प्यार कर रहा हूँ और क्या मेरी रानी??” मैंने बोला और फिर से उसके गाल पर पप्पी ले ली

“पर अभी तो मेरे पति को मरे 1 महिना भी नही हुआ” सोनिया बोली

“जान!! कौन यहाँ पर कोई कैमरा लगा हुआ है। आओं हम दोनों मजा करे” मैंने और उसकी कमर में हाथ डाल दिया। जब मेरा साला जिन्दा था तो भी सोनिया मुझे अक्सर घूर घूर कर देखा करती थी। हम दोनों का नैन मटक्का चलता रहता था। कभी कभी उसे एकांत में पाकर उसकी चूचियां मसल लेता था। पर चोदने का मौका नही मिला था। और आज तो हमारे दरम्यान कोई नही था। इस तरह मेरी सरहज सोनिया भी मुझसे चिपक गयी और हम दोनों रसोई में ही चालू हो गये। मैंने उसे बाहों में भर लिया और हमारी किसिंग और चुम्बन वाला सीन चालू हो गया। मैं हमेशा से जानता था की जिस दिन हम दोनों अकेले मिले उस दिन चुदाई जरुर होगी।

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हमारे किस करने की वजह से चाय उफन गयी और बर्तन से बाहर गिर गयी। मैंने उसी वक्त सोनिया को अपनी गोद में उठा लिया और फिर कमरे में ले जाकर बेड पर पटक दिया। वो लाल रंग के सलवार सूट में थी। मैंने उसके दूध से दुप्पटा हटा दिया। ओह्ह कितने मस्त मस्त दूध थे उसके। रसीले, कमनीय और चूसने के लिए मुझे आमंत्रित कर रहे थे। मैंने भी न आव देखा न ताव अपने हाथ सोनिया के दूध पर रख दिए और सहलाने लगा। फिर हम दोनों के बीच अपने आप मौसम बन गया और मैं उसके लब चूसने लगा। वो “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। मैंने भी उसकी जवानी को खूब चूसा। वो विधवा थी पर मुझे तो आज भी कयामत दिख रही थी। काफी देर उसके मस्त मस्त लबो का चुम्बन लिया। फिर दोनों रसीले और बेहद गोल दूध को उसके सूट के उपर से दबाने लगा।

“ननदोई जी!! मैं भी आपसे चुदने को तडप रही थी। आज आप मुझे भरपूर प्यार करो!!” सोनिया बोली

“रांड!! ये तो कहो की मेरा साला मर गया वरना तुझे कभी मेरा लंड खाने को नही मिलता। चल टाइम बेकार मत कर। कपड़े उतार दे” मैंने कहा

उसके बाद मैंने अपनी जींस शर्ट उतार दी। फिर लगे हाथ कच्छा भी उतार दिया। मेरा लंड भी काफी खूबसूरत और जवान था। सोनिया ने जल्दी से अपनी सलवार का नारा खोल और उतार दी। फिर उसने अपना सूट उतार दिया। फिर लेट गयी। सर से पाँव तक वो चांदी की तरह चमक रही थी। मैं भी उसके उपर आ गया और फिर बाहों में भरके खेलने लगा। ब्रा में कसे उसके बड़े बड़े गोल 34” के दूध क्या सेक्सी दिख रहे थे। मैं उसकी चूचियों पर हाथ लगाकर सहलाने लगा और दबाने लगा। फिर उसके सारे बदन पर हाथ लगाकर किस किया। सोनिया अपनी ब्रा खोलने लगी।

“रुको!! तेरी ब्रा मैं ही उतारूंगा” मैंने कहा

फिर हम दोनों बैठ गये। मैंने उसके कंधे पर अनेक बार चुम्मा लिया। मैं उसकी पीठ के साइड आ गया और ब्रा के हुक खोलने लगा। उसे उतार दिया। अब सोनिया उपर से नंगी हो गयी। हम दोनों प्यार करने लगे। मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसकी पीठ पर पुलकित होकर किस करने लगा। अपनी सरहज के सेक्सी जिस्म से खेलने लगा। फिर मैं बड़े ही जोश में आ गया और सोनिया की पूरी पीठ पर हाथ से सहला सहलाकर किस करने लगा। कितनी मांसल गुदाज सफ़ेद चिकनी पीठ थी इस मादरजात की।

““ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…ननदोई जी कितना मजा आ रहा है..अई..अई… उ उ उ…” सोनिया कहने लगी

“तू बड़ी सेक्सी औरत है सोनिया तुझे नही पता!!” मैंने कहा फिर उसे अपनी गोद में पीछे से पकड़कर बिठा लिया। मेरा 9” का लंड उसकी कमर और चूतड में गड़ने लगा। उसके बाद मित्रों मेरे हाथ उसके दोनों मस्त मस्त कबूतर पर चले गये और दबा दबाकर आनन्द लेने लगा।

“करिये जी!! और करिये!! मजा मिल रहा है” वो बोली

मैंने उसे अपनी गोद में बिठाकर उसके गाल, गले और सेक्सी गुदाज पीठ पर चुम्बनों की बारिश कर दी। और उसके मस्त मस्त आमो को खूब दबा भी लिया। फिर अपनी जवान और भरे बदन वाली सरहज के बाल खोल दिए। अब तो ऐसा लग रहा था की हम दोनों अपनी सुहागरात मनाने जा रहे है। धीरे धीरे सोनिया बिस्तर पर लेट गयी। मैं भी उसके उपर आ गया। उसके बाद दोनों लोग बड़े गर्म और जोश भरे भाव से एक दूसरे के लब चूसने लगे। आज अपने साले की मौत के बाद अपनी सरहज की चूत बजाने जा रहा था। उसकी भीनी भीनी सुघंधित सांसो की महक मुझे परफ्यूम की तरह लगी। मैंने उसकी नाक से नाक लगाकर खूब उसकी साँसों का परफ्यूम लिया। उसके बाद फिर से चुम्बन करने लगा।

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“आज मुझे कायदे से चोद डालिए ननदोई दी!! …अह्हह्हह… मैं भी आपके मोटे लंड की प्यासी हूँ!!” सोनिया बोली

मैंने कुछ नही कहा।

उसके बाद दोनों एक दूसरे पर ऐसे टूट पड़े जैसे खा ही जाएँगे। उसकी नंगी चूचियां दबा दबाकर मैं सोनिया के लबो को चूसने लगा। वो जोश और कामवासना में आकर अपनी जीभ मेरे मुंह में देने लगी जिसे मैंने खूब चूसा। मैंने भी उसे अपनी जीभ दे दी जिसे वो जोश में आकर चूस गयी। इस तरह से हम दोनों का बड़ा मनोरंजन हुआ। उसके पुरे चेहरे पर मैंने अनगिनत बार किस किया। उसकी आँखे बड़ी बड़ी और काफी खूबसूरत थी। मैंने कई बार सोनिया की आँखों पर किस किया। फिर दांत से उसके गालो को काटते लगा। जिसमे हम दोनों की भरपूर चुदाई वाला जोश मिल गया। मेरी सरहज सोनिया कटवाती रही। मैंने कई बार उसके दोनों गालो पर काट दिया। मेरे दांतों के निशान उसके गोरे चिकने गालो पर पड़ गये।

अब मैं नीचे आ गया और उसकी सेक्सी चुचियों से खेलने लगा। फिर हाथो से दबा दबाकर सोनिया की 34” चूचियों का रस निकालने लगा। जिसमे मुझे बहुत मजा आया। सोनिया के अनार तो देखते ही बनते थे। उसके दूध भरे हुए और निपल्स के चारो तरफ भूरे भूरे बड़े बड़े गोले थे जो उसके नारी सौन्दर्य, कोमलता और खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे। मैं हाथ लगाकर उसकी निपल्स को सहलाए जा रहा था और हल्का हल्का दबाये भी जा रहा था। ऐसा करने से सोनिया “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करते हुए सिस्कारियां लेने लगी और बिस्तर पर मचलने लगी। अंगड़ाईयाँ लेने लगी। मैं प्यार भरे अंदाज ने उसकी दोनों निपल्स मसल रहा था। फिर मुंह में लेकर चूसने लगा।

आज अपनी गोरे बदन वाली जवान सरहज के बदन के सारे पके फल मैं मुंह में लेकर खा रहा था। मित्रो, मैं इतना अधिक जोश में आ गया की सम्पूर्ण 34 की चूचियों को मुंह में लेकर चूसने लगा। और हाथ से बार बार दबाये भी जा रहा था। इस तरह से हम दोनों ने बड़ा इंटरटेनमेंट किया।

“सोनिया बेबी!! अब पैर खोलो और अपनी सुघड़ योनी के दर्शन करवाओ!” मैंने कहा

वो तो पहले से चुदासी थी। पैर खोल दिए। उसकी मस्त मस्त चूत का दर्शन हुआ। कितनी गुलाबी और गद्दीदार चूत थी। मैं हाथ लगाने लगा और उपर नीचे उँगलियाँ दौड़ाने लगा। वो फिर से “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। मैंने चूत को उँगलियों की मदद से खोला तो गुलाबी गुद्देदार बुर के दर्शन हो गये। मैं ललचा गया और जीभ लगाकर चाटने लगा। सोनिया उई उई करने लगी और अपने पैर और अधिक उपर को उठा दी। मैं चूत के छिद्र में जीभ घुसा घुसाकर रस लेने लगा। और इसी बीच मेरी सेक्सी सरहज मेरे कन्धो पर अपने नाख़ून गड़ाने लगी। मैं उसे गड़ाने दिया क्यूंकि अभी तो मेरा पूरा ध्यान उसकी बुर की तरफ था।

मैंने चाट चाटकर उसे गर्म करना शुरू किया।

“हूँउउउ हूँउउउ सी सी सी चाटिये ननदोई दी अच्छा लग रहा है .. ओ हो हो….” इस तरह से वो कहने लगी

मैं भी चाटने में मस्त हो गया। 15 16 मिनट सिर्फ चूत चुसाई और चटाई में चला गया। इसी बीच वो रांड मेरे मुंह में भी झर गयी। अब उसकी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली करने लगा। सोनिया ने थोडा और पानी चूत से छोड़ा। मुझे उसका झड़ना बहुत सेक्सी लगा। अपने कच्छे को उतार दिया और अपने 9” लंड को जल्दी जल्दी मुठ देने लगा। जब अच्छे से खड़ा हो गया तो सोनिया के भोसड़े में डाल दिया और उसकी चुदाई स्टार्ट कर दी।

वो फिर से ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा—करने लगी। सोनिया ने अपने दोनो पैर किसी जहाज के परो की तरह खोल दिये। मैं जल्दी जल्दी उसकी भरी हुई गुदाज और गुद्देदार चूत में लंड दौडाने लगा। वो अपना मुंह खोल खोलकर मेरे लंड को खाने लगी। उसके चेहरे के हावभाव देखकर मुझे बड़ा मजा मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी गिपचिप उसका गेम बजाने लगा।

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““….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… ननदोई जी!! आपके लंड का स्वाद कितना मीठा है हूँ—हमममम…अई…अई…..” सोनिया कहने लगी

मैं धक्के पर धक्के देता रहा और काफी स्पीड में चुदाई कर रहा था। उसकी चूत इतनी गहरी थी की मेरा 9” क्या 12” लंड भी निगल जाती। मैं कमर उठा उठाकर चूत की गुफा पर हमला कर रहा था। इसी बीच सोनिया को परम सुख मिलने लगा और अपने हाथ को चूत पर लगा दी और चूत के दाने को जल्दी जल्दी हिलाने लगी। इससे उसके आंनद में बढ़ोतरी हो रही थी। मैं हाथ से उसके 34” के मस्त मस्त दूध पकड़ लिए और दबा दबाकर गहरी चुदाई करने लगा। मैं जानबुझकर गहरे धक्के दे रहा था जिससे उसे भरपूर सम्भोग का सुख मिल सके।

“आऊ…..आऊ…. ननदोई जी!! आपने तो मेरी भोसड़ी का बाजा ही बजा दिया!!” सोनिया अपने चेहरे को उपर छत की तरफ देखते हुए बोली

“रंडी!! अभी तेरी गांड का तबला भी बजाऊंगा!!” मैंने कहा और लम्बे लम्बे धक्के देने लगा

फिर मैं कुछ मिनट बाद झड़ने को आया। जल्दी से लंड उसकी भोसड़ी से बाहर निकाला और हाथ से मुठ देने लगा। लगभग 30 40 सेकंड बाद मेरा मोटा लंड अपनी पिचकारी छोड़ने लगा और सोनिया के पेट, नाभि, चूचो, कमर और मुंह पर सिर्फ मेरी ही सफ़ेद क्रीम दिख रही थी।

“हा हा हा—मजा आ गया!!” वो मेरे माल को ऊँगली से लेकर मुंह में चाटते हुए बोली

मैंने एक चांटा चट से कामवश उसके गाल पर मार दिया।

“मुझे और चोदो!!” किसी बजारू और माहिर खाई खेलाई रंडी की तरह सोनिया फिर से 5 मिनट बाद बोदी

“चल रांड बन जा कुतिया!!” मैंने कहा

वो बन गयी। अब उसके कुल्हे और खरबूजे जैसे दिखने वाले 36” के चुतड से मैं खेलने लगा। उसपर किस्सी करने लगा और दांत गड़ाकर काटने लगा। फिर चूतड़ पर हाथ लगा लगाकर सहलाने लगा। क्या मस्त खरबूजे थे दोस्तों। उनसे खेलकर कितना मजा मुले मिला, बता नही सकता। फिर लपर लपर करते चुतड को खोलकर उस मादरचोद की गांड चेक करने लगा। कुछ बार गांड चुदवा चुकी थी। जरुर मेरे साले से उसकी गांड मारी होगी।

“सोनिया तेरी गांड राजेश्वर ने चोदी??” मैंने पूछा

“नही!! वो तो कभी मेरी गांड मारते ही नही थे। उनका एक दोस्त है विजय। उसे से चुदवा ली थी” सोनिया बोली

मैं उसकी कामुकता पर मुस्कुराने लगा। फिर जीभ लगा लगाकर मित्रो मैंने अपनी सरहज की गांड चाटी और फिर लंड घुसाकर उसे भी चोद डाला। फिर चुदाई होने के बाद उसे बाइक पर बिठाकर अपने घर ले आया।

“अरे भाभी आपके गालो पर ये निशान कैसा??” मेरी बीबी सीमा ने सोनिया से पूछा

1 सेकंड के लिए तो मेरा दिल धकर धकर करने लगा। मैं घबरा गया की कही सीमा हमारी चुदाई वाली घटना जान गयी तो जीना हराम कर देगी

“नही सीमा!! रात को सो रही थी। मच्छर ने काट लिया” सोनिया बोली फिर मेरी ओर देखकर मुस्कुराने लगी। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।