सास दामाद सेक्स स्टोरी : शुरुआत: एक नशीली शाम का नशा
हाय दोस्तों, मेरा नाम राहुल है। उम्र 28 साल, लंबा, गठीला, और मेरा मोटा, काला लंड किसी भी चूत को सुलगा सकता है। मैं दिल्ली में एक अच्छी नौकरी करता हूँ, और दो साल पहले मेरी शादी रीतिका से हुई थी। रीतिका 25 साल की थी—गोरी, मस्त चूचियाँ, और एक टाइट गांड जो मुझे हर रात तड़पाती थी। लेकिन उसकी चुदाई में वो मज़ा नहीं था जो मैं चाहता था। वो शर्मीली थी, और बिस्तर पर ठंडी रहती थी। फिर एक दिन मेरी नज़र अपनी सास, उषा, पर पड़ी। सास 45 साल की थीं—गोरी, भरे हुए चूचियाँ जो उनकी साड़ी में उभरती थीं, और एक मटकती गांड जो उनकी उम्र को झुठलाती थी। उनकी आँखों में एक चमक थी, जो मुझे बुलाती थी। उस शाम जब मैं उनके घर पहुँचा, सास ने मुझे ऐसा सबक सिखाया कि मैं उनकी बेटी को चोदने का गुरु बन गया। ये कहानी मेरे लंड और उनकी चूत की मस्ती से शुरू होती है।
उस दिन शाम का वक्त था। दिल्ली की हवा में हल्की ठंडक थी, और मैं रीतिका के साथ ससुराल आया था। ससुर जी किसी काम से बाहर गए थे, और घर में सिर्फ सास और रीतिका थीं। मैंने काली शर्ट और जींस पहनी थी, और मेरा लंड पहले से ही रीतिका की चूत के ख्याल से तन रहा था। सास ने एक टाइट क्रीम साड़ी पहनी थी, जो उनके जिस्म से चिपक रही थी। उनका ब्लाउज गहरे गले का था, और उनकी चूचियाँ बाहर झाँक रही थीं। रीतिका किचन में थी, और मैं ड्राइंग रूम में सास के साथ बैठा था। “राहुल, आज थोड़ा मज़ा करें?” सास ने शरारत से कहा। उनकी आवाज में एक नशा था। मैंने चौंककर पूछा, “सासु माँ, क्या मतलब?” वो मेरे पास सरक आईं, और उनकी गोरी जांघ साड़ी से बाहर झाँक रही थी। “उफ्फ… राहुल… तू जवान है, और रीतिका को संभाल नहीं पाती। मैं तुझे सिखाऊँगी कैसे चोदते हैं,” उन्होंने मेरे कान में फुसफुसाया। उनकी साँसें मेरे चेहरे पर गर्म लहरें छोड़ रही थीं।
मैं सिहर उठा। “आह्ह्ह… सासु माँ… ये क्या कह रही हो…” मैं सिसकार उठा। लेकिन वो मेरे और करीब आईं, और उनका हाथ मेरे लंड पर सरक गया। “उफ्फ… राहुल… तेरा लंड तो पहले से तन रहा है…” उन्होंने मेरी जींस के ऊपर से मेरे लंड को दबाया। मैं तड़प उठा, “आह्ह्ह… सासु माँ… मत करो… रीतिका देख लेगी…” लेकिन वो हँसीं और मेरी जींस का बटन खोल दिया। मेरा मोटा, काला लंड बाहर आ गया—लंबा, सख्त, और नसों से भरा हुआ। “उफ्फ… राहुल… तेरा लंड तो मस्त है… आह्ह्ह…” वो मेरे लंड को मुँह में लेने लगीं। “उम्म… सासु माँ… कितना मोटा है… ओहhh…” वो चूस रही थीं, और उनकी जीभ मेरे लंड पर घूम रही थी। मैं सिसकार रहा था, “आह्ह्ह… सासु माँ… चूसो… मुझे सिखाओ…”
उन्होंने मेरी शर्ट फाड़ दी, और मेरा नंगा सीना उनके सामने था। मैंने उनकी साड़ी का पल्लू खींचा, और उनका ब्लाउज फाड़ दिया। उनकी गोरी, मोटी चूचियाँ मेरे सामने थीं—निप्पल सख्त और भूरे। “उफ्फ… सासु माँ… आपकी चूचियाँ कितनी मस्त हैं…” मैंने उनकी एक चूची को मुँह में भर लिया। “आह्ह्ह… राहुल… चूस ले… मेरी चूचियों को चूस डाल… ओहhh…” वो सिसकार रही थीं। मैं उनकी चूचियों को चूस रहा था, और मेरी उंगलियाँ उनकी दूसरी चूची को मसल रही थीं। उनकी साड़ी पूरी उतर गई, और उनकी चूत मेरे सामने थी—हल्के बालों से ढकी, गीली, और गर्म। “राहुल, मेरी चूत को चाट… तुझे सिखाऊँगी,” उन्होंने कहा। मैंने उनकी चूत पर जीभ फिराई। “आह्ह्ह… सासु माँ… आपकी चूत कितनी रसीली है… उफ्फ…” मैं उनकी चूत को चूस रहा था, और वो मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थीं। “आह्ह्ह… राहुल… चाट ले… मेरी चूत को फाड़ डाल… ओहhh…” वो सिसकार रही थीं।
उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया। “राहुल, अब मेरे साथ चोद… फिर रीतिका को ऐसे ही चोदना,” उन्होंने कहा। मैंने उनकी टाँगें चौड़ी कीं और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ा। “सासु माँ… धीरे करूँगा… उफ्फ…” मैंने कहा। लेकिन उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और एक झटके में मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया। “आह्ह्ह्ह… राहुल… चोद दे… मेरी चूत को फाड़ दे… उफ्फ…” वो चिल्ला रही थीं। मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और “थप-थप-थप” की आवाज कमरे में गूँज उठी। “आह्ह्ह… सासु माँ… आपकी चूत कितनी टाइट है… ओहhh…” मैं उनकी चूत को चोद रहा था, और वो मेरी चूचियों को मसल रही थीं। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया। “राहुल, मेरी गांड भी चोद… तुझे पूरा सबक दूँगी,” उन्होंने कहा। मैंने उनकी गांड पर थूक लगाया और अपना लंड उनकी गांड में सरकाया। “आह्ह्ह्ह… मर गई… राहुल… धीरे… मेरी गांड फट रही है… ओहhh…” वो सिसकार रही थीं। मैं उनकी गांड को चोदने लगा, “उफ्फ… सासु माँ… आपकी गांड कितनी मस्त है… आह्ह्ह…”
रात होने वाली थी। तभी रीतिका किचन से बाहर आई। “ये क्या हो रहा है?” वो चौंक गई। सास हँसीं, “रीतिका, आज राहुल को चोदना सिखा रही हूँ।” रीतिका ने अपनी साड़ी उतारी और मेरे पास आई। “राहुल, मुझे भी चोद,” उसने कहा। मैंने रीतिका की चूत को चाटा। “आह्ह्ह… राहुल… चाट ले… मेरी चूत को चूस डाल… ओहhh…” वो सिसकार रही थी। मैंने उसकी चूत में लंड पेल दिया। “आह्ह्ह्ह… रीतिका… तेरी चूत को सासु माँ ने सिखाया हुआ चोद रहा हूँ… उफ्फ…” मैं चोद रहा था, और सास मेरी गांड में उंगली डाल रही थीं। “उफ्फ… राहुल… मेरी बेटी को फाड़ डाल… आह्ह्ह…” वो सिसकार रही थीं।
अंत: दीवानगी का नया रंगमैंने रीतिका को घोड़ी बनाया और उसकी गांड में लंड डाला। “आह्ह्ह्ह… राहुल… मेरी गांड फट रही है… ओहhh…” वो चिल्ला रही थी। सास मेरे लंड को सहला रही थीं। “राहुल, अब हम दोनों को चोद,” उन्होंने कहा। मैंने सास को लिटाया और उनकी चूत में लंड पेला, फिर रीतिका की चूत में। “आह्ह्ह… सासु माँ… रीतिका… आप दोनों की चूत और गांड मेरे लंड की दीवानी हैं… उफ्फ…” मैं चिल्ला रहा था। मेरा रस सास की चूत में छूट गया, और रीतिका मेरे मुँह में झड़ गई। “आह्ह्ह… राहुल… तूने हमें चोदना सिखा दिया…” सास हाँफते हुए बोलीं। मैं लेट गया, मेरा लंड अभी भी तन रहा था। “सासु माँ, आपने मुझे मर्द बनाया,” मैं हँसा। उस रात के बाद मैं सास और रीतिका को चोदने का गुरु बन गया। दोस्तों, मेरी ये हॉट कहानी आपको कैसी लगी?