ससुराल में साली, सास और बीवी तीनों की चुदाई

हाय दोस्तों, मेरा नाम राहुल है। उम्र 28 साल, लंबा, गठीला, और मेरा मोटा, काला लंड किसी की भी चूत को भोसड़ा बना दे। मैं दिल्ली में एक अच्छी नौकरी करता हूँ और दो साल पहले मेरी शादी रीना से हुई थी। रीना 25 की थी—गोरी, मोटी चूचियाँ, और एक मटकती गांड जो मुझे हर रात चुदाई के लिए तड़पाती थी। पिछले हफ्ते मैं ससुराल गया, जहाँ मेरी साली, सोनी, और सास, उषा, रहती थीं। सोनी 19 की थी—पतली, छोटी चूचियाँ, और टाइट गांड वाली कुंवारी लड़की। सास 45 की थी—मोटी चूचियाँ और भारी गांड वाली औरत, जो अभी भी चुदने लायक थी। ससुर जी का देहांत हो चुका था। एक रात ससुराल में ऐसा मौका मिला कि मैंने साली, सास, और बीवी—तीनों की चूत और गांड चोद डाली। ये मेरी गंदी और हॉट कहानी है।

ससुराल का पहला दिन: बीवी की चुदाई

पहले दिन ससुराल पहुँचते ही रीना मुझे अपने कमरे में ले गई। वो बोली, “राहुल, आज रात मुझे चोद डाल। ससुराल में मज़ा लेना है।” मैं हँसा, “रीना, तेरी चूत को चोद-चोदकर भोसड़ा बनाऊँगा।” उसने अपनी साड़ी उतारी। उसकी मोटी चूचियाँ मेरे सामने थीं। मैं बोला, “रीना, तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं।” उसने सिसकारी, “उफ्फ… राहुल… चूस ले… मेरी चूचियों को चूस डाल…” मैंने उसकी चूची को मुँह में लिया। “आह्ह्ह… रीना… तेरी चूचियाँ गज़ब की हैं… उफ्फ…” मैं चूस रहा था, और वो सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… राहुल… ज़ोर से चूस… मेरी चूचियाँ काट डाल… ओहhh…”

मैंने उसकी साड़ी पूरी उतार दी। उसकी चूत मेरे सामने थी—गीली और चुदाई के लिए तैयार। मैं बोला, “रीना, तेरी चूत को चाटूँगा।” वो बोली, “चाट, राहुल… मेरी चूत को चूस डाल…” मैंने उसकी चूत पर जीभ रखी। “आह्ह्ह… राहुल… मेरी चूत में क्या डाल रहा है… ओहhh…” वो सिसकार रही थी। मैं बोला, “रीना, तेरी चूत का पानी मस्त है।” मैं उसकी चूत को चूस रहा था, और वो चिल्लाई, “उफ्फ… राहुल… चाट ले… मेरी चूत को फाड़ डाल… आह्ह्ह…” उसकी मोटी गांड हिल रही थी। मैंने अपनी पैंट उतारी। मेरा मोटा लंड उसके सामने था। वो बोली, “राहुल, तेरा लौड़ा कितना मोटा है…”

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मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया। वो बोली, “राहुल, मेरी चूत में लौड़ा डाल…” मैं बोला, “रीना, तेरी चूत को चोद डालूँगा।” मैंने उसकी चूत में लौड़ा रगड़ा और एक धक्का मारा। “आह्ह्ह… राहुल… मेरी चूत फट गई… उफ्फ…” वो सिसकार रही थी। मैं ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। “थप-थप-थप” की आवाज़ गूँज रही थी। मैं बोला, “रीना, तेरी चूत गज़ब की है…” वो चिल्लाई, “आह्ह्ह… राहुल… चोद डाल… मेरी चूत को फाड़ दे… ओहhh…” मैंने उसकी गांड में उंगली डाल दी। वो बोली, “उफ्फ… राहुल… मेरी गांड भी चोद…” मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड में लौड़ा पेल दिया। “आह्ह्ह… मर गई… राहुल… मेरी गांड फट गई… ओहhh…” वो सिसकार रही थी। मैं बोला, “रीना, तेरी गांड का भोसड़ा बनाऊँगा…” उस रात मैंने उसे चोद-चोदकर थका दिया।

दूसरा दिन: साली की कुंवारी चूत

अगले दिन सुबह थी। होली की तैयारियाँ चल रही थीं। रीना किचन में थी, और मैं आंगन में लेटा था। सोनी, मेरी साली, वहाँ आई। उसने टाइट कुर्ती और लहंगा पहना था। उसकी छोटी चूचियाँ साफ दिख रही थीं। वो बोली, “जीजा, रंग तैयार कर रहे हो?” मैं हँसा, “सोनी, तुझे पहले रंग दूँगा।” वो सिहर उठी, “उफ्फ… जीजा… ये क्या बोल रहे हो…” मैं उसके पास गया और बोला, “सोनी, तेरी कुंवारी चूत और छोटी चूचियाँ देखकर मेरा लंड तड़प रहा है।” वो बोली, “आह्ह्ह… जीजा… मैं आपकी साली हूँ…” मैंने उसकी कुर्ती पर हाथ रखा और बोला, “साली हो तो क्या, तेरी चूत को चोद डालूँगा।”

मैंने उसकी कुर्ती खींची। उसकी छोटी चूचियाँ मेरे सामने थीं। मैं बोला, “सोनी, तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं।” वो सिसकारी, “उफ्फ… जीजा… मत करो…” मैंने उसकी चूची को मुँह में लिया। “आह्ह्ह… सोनी… तेरी चूचियाँ चूसने में मज़ा आ रहा है… उफ्फ…” वो सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… जीजा… धीरे चूसो… ओहhh…” मैंने उसकी सलवार नीचे खींची। उसकी कुंवारी चूत मेरे सामने थी—गुलाबी और टाइट। मैं बोला, “सोनी, तेरी चूत को चाटूँगा।” वो बोली, “उफ्फ… जीजा… मेरी चूत कुंवारी है…” मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा। “आह्ह्ह… जीजा… मेरी चूत में क्या डाल रहे हो… ओहhh…” वो सिसकार रही थी। मैं बोला, “सोनी, तेरी चूत का पानी मस्त है।” मैं चूस रहा था, और वो चिल्लाई, “आह्ह्ह… जीजा… चाट ले… मेरी चूत को चूस डाल… उफ्फ…”

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मैंने अपनी पैंट उतारी। मेरा मोटा लंड उसके सामने था। वो डर गई, “उफ्फ… जीजा… तेरा लौड़ा बहुत बड़ा है…” मैं बोला, “सोनी, इसे चूस…” उसने मेरा लौड़ा मुँह में लिया। “उम्म… जीजा… कितना मोटा है… उफ्फ…” वो चूस रही थी, और मैं बोला, “आह्ह्ह… सोनी… ज़ोर से चूस… मेरे लौड़े को चाट… ओहhh…” मैंने उसे लिटाया और उसकी चूत में लौड़ा रगड़ा। वो बोली, “जीजा… धीरे… मेरी चूत फट जाएगी…” मैंने एक धक्का मारा। “आह्ह्ह्ह… मर गई… जीजा… मेरी चूत फट गई… उफ्फ…” वो चीख पड़ी। मेरा लौड़ा उसकी कुंवारी चूत की सील तोड़कर अंदर घुस गया था। मैं चोदने लगा, “सोनी, तेरी चूत को भोसड़ा बना दूँगा…” वो सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… जीजा… चोद डाल… मेरी चूत को फाड़ दे… ओहhh…”

तीसरा दिन: सास की चुदाई

तीसरे दिन शाम थी। रीना और सोनी बाहर गई थीं। सास, उषा, घर में थी। उसने एक ढीली साड़ी पहनी थी, और उसकी मोटी चूचियाँ लटक रही थीं। मैं उनके पास गया। वो बोली, “राहुल, आज थक गया होगा?” मैं हँसा, “सासु माँ, आपकी चूचियाँ देखकर थकान भूल गया।” वो सिहर उठी, “उफ्फ… राहुल… ये क्या बोल रहा है…” मैं बोला, “सासु माँ, आपकी चूत को चोदना चाहता हूँ।” वो बोली, “आह्ह्ह… राहुल… मैं बूढ़ी हूँ…” मैंने उसका पल्लू खींचा। उसकी ढीली चूचियाँ मेरे सामने थीं। मैं बोला, “सासु माँ, आपकी चूचियाँ अभी भी मस्त हैं।” वो सिसकारी, “उफ्फ… राहुल… चूस ले… मेरी चूचियों को चूस डाल…”

मैंने उसकी चूची को मुँह में लिया। “आह्ह्ह… सासु माँ… आपकी चूचियाँ गज़ब की हैं… उफ्फ…” वो सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… राहुल… ज़ोर से चूस… ओहhh…” मैंने उसकी साड़ी उतारी। उसकी चूत मेरे सामने थी—ढीली, पर गीली। मैं बोला, “सासु माँ, आपकी चूत को चाटूँगा।” वो बोली, “चाट, राहुल… मेरी चूत को चूस डाल…” मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा। “आह्ह्ह… राहुल… मेरी चूत में क्या डाल रहा है… ओहhh…” वो सिसकार रही थी। मैं बोला, “सासु माँ, आपकी चूत का पानी मस्त है…” मैं चूस रहा था, और वो चिल्लाई, “उफ्फ… राहुल… मेरी चूत को फाड़ डाल… आह्ह्ह…”

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मैंने उसे लिटाया। मैं बोला, “सासु माँ, आपकी चूत को चोद डालूँगा।” वो बोली, “चोद, राहुल… मेरी चूत को भोसड़ा बना दे…” मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला। “आह्ह्ह… राहुल… मेरी चूत फट गई… उफ्फ…” वो सिसकार रही थी। मैं चोदने लगा। “थप-थप-थप” की आवाज़ गूँज रही थी। मैं बोला, “सासु माँ, आपकी चूत अभी भी मस्त है…” वो चिल्लाई, “आह्ह्ह… राहुल… मेरी गांड भी चोद…” मैंने उसकी गांड में लंड डाला। “आह्ह्ह… मर गई… राहुल… मेरी गांड फट गई… ओहhh…” मैं बोला, “सासु माँ, आपकी गांड का भोसड़ा बनाऊँगा…” उस रात सास की चुदाई ने मुझे तृप्त कर दिया।

होली की रात: तीनों की चुदाई

होली की रात थी। रंगों की मस्ती चारों तरफ थी। रीना, सोनी, और सास—तीनों ने साड़ी पहनी थी। मैंने सबको भांग पिलाई। रीना बोली, “राहुल, आज हमें चोद डाल।” सोनी सिसकारी, “जीजा, मेरी कुंवारी चूत फिर चोदो…” सास बोली, “राहुल, मेरी चूत भी तैयार है…” मैंने तीनों को बिस्तर पर लिटाया। मैं बोला, “आज तुम तीनों की चूत और गांड चोद डालूँगा।” मैंने रीना की चूत में लंड डाला। “आह्ह्ह… राहुल… चोद डाल… ओहhh…” फिर सोनी की चूत में। “आह्ह्ह… जीजा… मेरी चूत फाड़ दो… उफ्फ…” फिर सास की चूत में। “आह्ह्ह… राहुल… मेरी चूत को भोसड़ा बना दे… ओहhh…” मैं तीनों को बारी-बारी चोद रहा था। फिर तीनों की गांड चोदी। रंगों में उनकी चुदाई का मज़ा गज़ब था।