Sasur Ji Ne Bahoot ko Holi Par Choda: हाय दोस्तों, मेरा नाम प्रिया है। उम्र 26 साल, गोरा रंग, भरे हुए चूचियाँ जो मेरी साड़ी में मुश्किल से समाती थीं, और एक गोल, मटकती गांड जो हर किसी की नजरों को अपनी ओर खींचती थी। मेरे गुलाबी होंठ और चिकनी जांघें मेरे जिस्म की खूबसूरती को और बढ़ाती थीं। मेरी शादी राहुल से हुई थी, जो 30 साल का था—लंबा, स्मार्ट, और उसका लंड मेरी चूत को हर रात संतुष्ट करता था। हम दिल्ली में रहते थे, लेकिन इस बार होली के लिए मैं राहुल के साथ उसके गाँव, ससुराल, गई थी। वहाँ मेरे ससुर जी, रमेश, रहते थे—55 साल के, मजबूत कद-काठी, और उनकी आँखों में एक ऐसी चमक थी जो मुझे हर बार असहज कर देती थी। सास कई साल पहले गुजर चुकी थीं। होली की रात ससुर जी ने मुझे इतना चोदा कि मेरी गांड फट गई, और वो अनुभव मेरे जीवन का सबसे गंदा और मस्त पल बन गया। ये मेरी कहानी है।
ससुराल का पहला दिन: होली की तैयारी
ससुराल पहुँचते ही होली का माहौल बन रहा था। गाँव में ढोल की थाप गूँज रही थी, और लोग रंग-गुलाल से खेल रहे थे। मैंने एक हल्की गुलाबी साड़ी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरी चूचियाँ साड़ी में उभर रही थीं, और गांड हर कदम पर मटक रही थी। राहुल खेतों में कुछ काम देखने गया था, और मैं घर में ससुर जी के साथ अकेली थी। ससुर जी आंगन में बैठे थे, उनकी नजरें मेरे जिस्म पर टिकी थीं। वो बोले, “प्रिया, होली की तैयारी कर ली?” मैंने मुस्कुराकर कहा, “हाँ, ससुर जी। रंग और गुलाल तैयार है।” वो मेरे पास आए और बोले, “बहू, तू आज बहुत सुंदर लग रही है।” उनकी आवाज में कुछ अलग था। मैं सिहर उठी, “उफ्फ… ससुर जी… आप क्या कह रहे हैं…”
वो मेरे और करीब आए और बोले, “प्रिया, तेरी चूचियाँ और गांड देखकर मन डोल रहा है।” मैं डर गई, “आह्ह्ह… ससुर जी… ये ठीक नहीं…” लेकिन वो मेरी साड़ी का पल्लू खींचने लगे। मैं बोली, “ससुर जी, राहुल को पता चल गया तो…” वो हँसे, “राहुल खेतों में है, प्रिया। आज होली का रंग तुझ पर चढ़ाऊँगा।” मैं सिसकार उठी, “उफ्फ… ससुर जी… मत करिए…” लेकिन मेरी चूत में हल्की सी गुदगुदी शुरू हो गई थी। उनकी बातों ने मेरे जिस्म में आग लगा दी थी। वो बोले, “प्रिया, तेरी चूत को चोदने का मन है।” मैं शर्म से लाल हो गई, पर मेरे मन में भी कुछ चल रहा था।
होली की शाम: ससुर जी की शुरुआत
शाम होने लगी थी। होली का उत्सव शुरू हो चुका था। गाँव में लोग रंगों में डूबे थे। मैंने ससुर जी के साथ थोड़ा रंग खेला। उनकी उंगलियाँ मेरी चूचियों को छू रही थीं। वो बोले, “प्रिया, रंग तो बस बहाना है। तुझे अंदर ले चलूँ?” मैं सिहर उठी, “उफ्फ… ससुर जी… ये क्या कह रहे हैं…” वो मुझे कमरे में ले गए। राहुल अभी भी खेतों से नहीं लौटा था। ससुर जी ने दरवाजा बंद किया और बोले, “प्रिया, आज तेरी चूत और गांड का भोसड़ा बनाऊँगा।” मैं डर गई, “आह्ह्ह… ससुर जी… मैं आपकी बहू हूँ…” लेकिन वो मेरी साड़ी खींचने लगे। मैं बोली, “ससुर जी, ये गलत है…” वो बोले, “प्रिया, गलत-सही छोड़, आज तेरी चूत को चोद डालूँगा।”
उसने मेरी साड़ी उतार दी। मेरी मोटी चूचियाँ उसके सामने थीं—गुलाबी निप्पल सख्त और तैयार। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूचियाँ कितनी मस्त हैं।” मैं सिसकारी, “उफ्फ… ससुर जी… मत छूइए…” लेकिन वो मेरी चूची को मुँह में लेने लगा। “आह्ह्ह… प्रिया… तेरी चूचियाँ गज़ब की हैं… उफ्फ…” वो चूस रहा था, और मैं सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… ससुर जी… धीरे चूसिए… मेरी चूचियाँ दुख रही हैं… ओहhh…” उसकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी, और मेरी चूत में आग लग रही थी। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत को भी चूसूँगा।” मैं डर गई, “उफ्फ… ससुर जी… ऐसा मत करिए…” उसने मेरी पेटीकोट खींची। मेरी चूत उसके सामने थी—टाइट और गीली। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत तो चुदने के लिए बनी है।”
पहली चुदाई: चूत का भोसड़ा
उसने मेरी चूत पर मुँह रखा। “आह्ह्ह… ससुर जी… मेरी चूत में क्या डाल रहे हैं… ओहhh…” मैं सिसकार रही थी। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत का रस कितना मस्त है।” वो मेरी चूत को चूस रहा था, और मैं चिल्लाई, “उफ्फ… ससुर जी… चाट लीजिए… मेरी चूत को चूस डालिए… आह्ह्ह…” उसकी जीभ मेरी चूत के होंठों को चूस रही थी। मैं बोली, “ससुर जी, अब मेरी चूत को चोद डालिए…” वो हँसा, “प्रिया, तेरी चूत को भोसड़ा बना दूँगा।” उसने अपनी धोती उतारी। उसका मोटा, काला लंड मेरे सामने था—लंबा, सख्त, और नसों से भरा। मैं डर गई, “उफ्फ… ससुर जी… आपका लौड़ा बहुत बड़ा है…” वो बोला, “प्रिया, इसे चूस… फिर तेरी चूत में डालूँगा।”
मैंने उसका लौड़ा मुँह में लिया। “उम्म… ससुर जी… कितना मोटा है… उफ्फ…” मैं चूस रही थी, और वो सिसकार रहा था, “आह्ह्ह… प्रिया… ज़ोर से चूस… मेरे लौड़े को चाट डाल… ओहhh…” उसका लौड़ा मेरे गले तक जा रहा था। वो बोला, “प्रिया, अब तेरी चूत की बारी है।” उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया। मेरी चूत उसके सामने थी। मैं बोली, “ससुर जी, धीरे डालिए…” उसने अपना लौड़ा मेरी चूत पर रगड़ा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। “आह्ह्ह्ह… मर गई… ससुर जी… मेरी चूत फट गई… उफ्फ…” मैं चीख पड़ी। उसका लौड़ा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया था। वो ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। “थप-थप-थप” की आवाज़ गूँज रही थी। वो बोला, “प्रिया, तेरी चूत कितनी टाइट है… मज़ा आ रहा है…” मैं सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… ससुर जी… चोद डालिए… मेरी चूत को फाड़ दीजिए… ओहhh…”
दूसरी चुदाई: गांड का भोसड़ा
मैं बोली, “ससुर जी, मेरी गांड भी चोदिए…” वो हँसा, “प्रिया, तेरी मटकती गांड को भोसड़ा बना दूँगा।” उसने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी गांड उसके सामने थी। उसने मेरी गांड पर थूक डाला और बोला, “क्या मस्त गांड है तेरी…” मैं सिसकारी, “उफ्फ… ससुर जी… धीरे डालिए…” उसने अपना लौड़ा मेरी गांड में रगड़ा और एक धक्का मारा। “आह्ह्ह्ह… मर गई… ससुर जी… मेरी गांड फट गई… ओहhh…” मैं चिल्ला रही थी। उसका लौड़ा मेरी गांड को चीरता हुआ अंदर घुस गया था। वो ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। “उफ्फ… प्रिया… तेरी गांड का मज़ा गज़ब है… आह्ह्ह…” मैं सिसकार रही थी, “आह्ह्ह… ससुर जी… मेरी गांड को फाड़ डालिए… ओहhh…”
उसने मेरी चूचियाँ पकड़ लीं और मसलने लगा। मेरी गांड में जलन हो रही थी, पर मज़ा भी आ रहा था। वो बोला, “प्रिया, तेरी गांड और चूत दोनों चोद-चोदकर लाल कर दूँगा।” मैं चिल्लाई, “उफ्फ… ससुर जी… मेरे दोनों छेद भर दीजिए… आह्ह्ह…” वो रातभर मेरी चूत और गांड चोदता रहा। हर बार उसका रस मेरी चूत और गांड में छूटता। “आह्ह्ह… प्रिया… ले मेरा रस… तेरी गांड भर दी…” वो चिल्लाया। मैं बोली, “आह्ह्ह… ससुर जी… मेरी गांड फट गई…” मेरी चूचियाँ लाल थीं, मेरी गांड और चूत सूज गई थीं। मैं थककर लेट गई।
सुबह का हाल: गांड का दर्द
सुबह हुई। मेरी गांड में दर्द था, और मैं ठीक से चल नहीं पा रही थी। ससुर जी मेरे पास आए और बोले, “प्रिया, होली का मज़ा कैसा लगा?” मैं सिसकारी, “उफ्फ… ससुर जी… आपने मेरी गांड फाड़ दी…” वो हँसे, “प्रिया, तेरी चूत और गांड चोदने में मज़ा आ गया।” मैं बोली, “आह्ह्ह… ससुर जी… राहुल को पता चला तो…” वो बोला, “राहुल को कुछ नहीं पता चलेगा। अब हर बार तेरी चुदाई करूँगा।” मेरे जिस्म में दर्द था, पर एक गंदा सुख भी था। वो बोला, “प्रिया, तेरी गांड और चूत मेरे लौड़े की गुलाम हैं।” मैं हँसी, “ससुर जी, आपने होली पर मेरी गांड फाड़कर मज़ा दे दिया।”
होली बीत गई। राहुल को कुछ पता नहीं चला। ससुर जी हर बार मुझे चोदने लगे। मेरी गांड और चूत उनकी चुदाई की आदी हो गई। मैं बोली, “ससुर जी, आपका लौड़ा मेरे लिए बना है।” वो बोले, “प्रिया, तेरा जिस्म मेरे लिए बना है।