स्लीपर बस में मेरी चुदाई हुई

मेरा नाम प्रिया है, और मैं 25 साल की एक जवान, चुदास भरी लड़की हूँ। मेरा गोरा बदन, भरे हुए चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर हर मर्द की आँखों में आग लगा देती है। मेरे रसीले होंठ और गीली चूत किसी को भी चुदाई का न्योता देती है। ये कहानी उस रात की है, जब मैं दिल्ली से जयपुर जा रही थी एक स्लीपर बस में, और मेरी जिंदगी की सबसे उन्मादी, चुदास भरी चुदाई हुई।

रात के 10 बजे थे। बस दिल्ली के बाहरी इलाके से निकल चुकी थी, और हल्की ठंडी हवा खिड़कियों से आ रही थी। मैंने एक टाइट काली टॉप और लेगिंग्स पहनी थी, जो मेरे चूचियों और गांड के उभारों को पूरी तरह उजागर कर रही थी। मेरे लंबे बाल मेरी नंगी पीठ पर लहरा रहे थे, और मेरी चूत में एक अजीब सी चुदास सुलग रही थी। मैं अपनी स्लीपर सीट पर लेटी थी, जो डबल बर्थ थी। मेरे साथ वाला यात्री अभी नहीं आया था, और मैं अकेले अपनी चूत को हल्के से सहलाते हुए फोन में एक हॉट चुदाई वीडियो देख रही थी। मेरी चूचियाँ टॉप के नीचे तनी हुई थीं, और मेरी लेगिंग्स मेरी चूत के पास गीली होने लगी थी। मेरे निप्पल टॉप में सख्त हो गए थे, और मेरी गांड बस की हलचल के साथ हल्के से हिल रही थी।

तभी बस रुकी, और एक लंबा, चौड़ा मर्द मेरी स्लीपर बर्थ में चढ़ा। उसका नाम विक्रम था, करीब 30 साल का, गठीला बदन, गहरी आँखें, और एक मर्दाना ठसक। उसने एक टाइट टी-शर्ट और जींस पहनी थी, और उसकी पैंट में उसके लंड का उभार साफ दिख रहा था। उसकी नजर मेरे चूचियों पर ठहर गई, और उसकी आँखों में एक चुदास भरी चमक थी। मेरी चूत में बिजली सी दौड़ गई, और मेरे होंठ हल्के से काँपने लगे।

“हाय, मैं विक्रम। लगता है हम दोनों साथ में सफर करने वाले हैं,” उसने कहा, उसकी आवाज में एक मादक, चुदास भरी तड़प थी।

“हाय, मैं प्रिया। हाँ, रात लंबी है, और… गर्म भी,” मैंने शरारत से कहा, और अपनी जीभ से अपने रसीले होंठ चाट लिए। मेरे चूचे टॉप में और तन गए, और विक्रम की नजर मेरी चूत की ओर फिसल गई, जहाँ मेरी लेगिंग्स गीली चमक रही थी।

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वह मेरे पास लेट गया, और बस की मद्धम रोशनी में उसका चेहरा और मादक लग रहा था। हमारी बर्थ का पर्दा बंद था, और बस की हल्की हलचल हमें और करीब ला रही थी। मैंने जानबूझकर अपनी लेगिंग्स को थोड़ा नीचे सरकाया, ताकि मेरी गोरी जाँघें और मेरी चूत का उभार दिखे। विक्रम की साँसें तेज हो गईं, और उसने अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड को हल्के से सहलाया। मेरी चूत और गीली हो गई, और मेरे चूचियों के निप्पल टॉप को फाड़ने को तैयार थे।

“तुम्हारी लेगिंग्स… बहुत टाइट है,” विक्रम ने फुसफुसाया, उसकी आँखें मेरी जाँघों और चूत पर जमी थीं।

“हाँ, और मेरी चूत इसे और टाइट कर रही है,” मैंने मादक अंदाज में कहा, और अपनी एक जाँघ को हल्के से उसकी ओर बढ़ाया। विक्रम का लंड उसकी पैंट में तन गया, और उसने मेरी जाँघ को हल्के से सहलाया। उसका स्पर्श मेरी चूत में आग लगा रहा था।

“प्रिया, तुम्हारी चूचियाँ और गांड… मैं इन्हें चोदना चाहता हूँ,” उसने कहा, और उसकी उंगलियाँ मेरे टॉप के ऊपर से मेरे चूचियों को दबाने लगीं। मेरी सिसकारी निकल गई, और मैंने उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को पकड़ लिया। वह सख्त और गर्म था, और मेरी चूत में चुदाई की प्यास और बढ़ गई।

मैंने अपना टॉप उतार दिया, और मेरी भरी हुई चूचियाँ मेरी काली ब्रा में उछल पड़ीं। विक्रम की आँखें चमक उठीं, और उसने मेरी ब्रा के हुक खोल दिए। मेरे नंगे चूचे हल्की रोशनी में चमक रहे थे, और मेरे निप्पल सख्त होकर उसे न्योता दे रहे थे। उसने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और उसे चूसने लगा, जबकि उसकी उंगलियाँ मेरे दूसरे चूचे के निप्पल को मसल रही थीं। मेरी चूत गीली होकर मेरी लेगिंग्स को भिगो रही थी, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी।

“विक्रम… मेरी चूत को चूसो,” मैंने मादहोश होकर कहा, और अपनी लेगिंग्स और पैंटी उतार दी। मेरी गीली, चिकनी चूत अब उसके सामने नंगी थी, और वह उसकी ओर लपका। उसने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया, और मेरी सिसकारियाँ बस में गूँजने लगीं। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी, और मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे, और मेरी चूत से रस टपक रहा था।

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मैंने विक्रम की पैंट और अंडरवियर उतार दिया, और उसका तना हुआ, मोटा लंड मेरे सामने था। वह कम से कम 8 इंच का था, और उसकी नसें फूली हुई थीं। मैंने उसे अपने रसीले होंठों में लिया और चूसने लगी। विक्रम की सिसकारियाँ निकल रही थीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया। मैं उसके लंड को गहराई तक चूस रही थी, और मेरी चूत चुदाई के लिए तड़प रही थी।

“प्रिया, मैं तुम्हारी चूत चोदना चाहता हूँ,” विक्रम ने गुर्राते हुए कहा, और मुझे बर्थ पर लिटा दिया। उसने मेरी जाँघें चौड़ी कीं, और उसका मोटा लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया। मैं चीख पड़ी, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। वह जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका लंड और गहरा ले रही थी, और मेरी सिसकारियाँ बस में गूँज रही थीं।

“विक्रम… मेरी चूत को फाड़ दो… और जोर से चोदो,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरे निप्पलों को चूसा, और मेरी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उसका लंड मेरी चूत में गहराई तक जा रहा था। मैं मादहोश हो रही थी, और मेरी गांड उसके हर धक्के के साथ थरथरा रही थी।

उसने मुझे घोड़ी बनाया, और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाल दिया। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और मैं और मादहोश हो गई। “विक्रम… मेरी गांड भी चोदो,” मैंने सिसकारी के साथ कहा। उसने अपनी उंगली मेरी गांड में डाली, और फिर धीरे-धीरे अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन जल्दी ही मेरी गांड उसके लंड को गले लगाने लगी। वह मेरी गांड और चूत को बारी-बारी चोद रहा था, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे।

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उसने मुझे फिर से लिटाया, और मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ा। हमारी जीभें एक-दूसरे से उलझ रही थीं, और उसका लंड मेरी चूत में फिर से डूब गया। मैंने अपनी जाँघें और चौड़ी कीं, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था। उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत को अपने लंड से चोदता रहा।

“प्रिया… मैं झड़ने वाला हूँ,” विक्रम ने गुर्राते हुए कहा। “मेरे चूचियों पर झड़ो,” मैंने चुदास में कहा। उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाला, और अपने गर्म, गाढ़े वीर्य को मेरे चूचियों और चेहरे पर छोड़ दिया। मैंने उसका वीर्य अपने होंठों से चाटा, और मेरी चूत अभी भी चुदास में तड़प रही थी।

हम दोनों हाँफ रहे थे, और बस की हलचल हमें और करीब ला रही थी। उस रात, हमने बार-बार चुदाई की—मेरी चूत, मेरी गांड, मेरे चूचे, और मेरे होंठ उसके लंड के गुलाम बन गए। सुबह तक मेरी चूत और गांड चुदाई से सुजा गई थी, और मेरा बदन उसके वीर्य से चमक रहा था।

जयपुर पहुँचने से पहले, विक्रम ने मेरे होंठों पर एक आखिरी चुंबन छोड़ा। “प्रिया, तुम्हारी चुदाई मेरे लंड को हमेशा याद रहेगी,” उसने कहा। मैंने मुस्कुराकर अपनी लेगिंग्स ठीक की, लेकिन मेरी चूत अभी भी उसकी चुदाई की आग में सुलग रही थी।

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