बूर और चूचियाँ दिखाकर भाई को गर्म किया और चुदवाई – हिंदी सेक्स स्टोरी

मेरा नाम रिया है। मैं 23 साल की हूँ, और दिल्ली में अपने बड़े भाई रोहन के साथ रहती हूँ। रोहन 27 साल का है, लंबा, हट्टा-कट्टा, और बहुत हैंडसम। मैं भी हसीन हूँ—मेरी चूचियाँ बड़ी और गोल हैं, मेरा गांड रसीला और लचकदार है, और मेरी बूर हमेशा कामुकता से भरी रहती है। मेरी कमर की लचक और देसी अंदाज किसी का भी लंड सख्त कर सकता है। मैंने हमेशा नोटिस किया कि रोहन भैया मुझे चोरी-छिपे देखते हैं, उनकी नजर मेरी चूचियाँ और गांड पर टिक जाती है। मुझे भी उसकी ये हरकतें पसंद थीं, और मैंने सोच लिया कि इस बार मैं उसे गर्म करके उससे चुदवाई करवाऊँगी। पिछले हफ्ते मम्मी-पापा बाहर गए थे, और घर पर सिर्फ मैं और रोहन भैया थे। मैंने उस दिन एक टाइट टॉप और छोटी सी शॉर्ट्स पहनी, जिसमें मेरी चूचियाँ और गांड साफ दिख रहे थे। मेरा टॉप इतना टाइट था कि मेरी चूचियाँ का उभार साफ नजर आ रहा था, और शॉर्ट्स इतनी छोटी थी कि मेरी बूर की शेप साफ दिख रही थी। मैं जानबूझकर रोहन भैया के सामने झुकी, ताकि मेरी चूचियाँ का गहरा क्लीवेज दिखे। “भैया, आज बहुत गर्मी है ना?” मैंने मासूमियत से कहा, और अपने टॉप को थोड़ा नीचे खींचा। रोहन भैया की नजर मेरी चूचियाँ पर टिक गई, और मैंने देखा कि उसका लंड उसकी पैंट में सख्त हो रहा था। “हाँ, रिया, बहुत गर्मी है,” उसने कहा, लेकिन उसकी आँखें मेरी चूचियाँ से हट नहीं रही थीं। मैंने जानबूझकर पानी की बोतल गिरा दी, और उसे उठाने के लिए नीचे झुकी। मेरी शॉर्ट्स ऊपर चढ़ गई, और मेरा गांड और बूर की शेप साफ दिखने लगी। “रिया, ये क्या कर रही हो?” रोहन भैया ने गहरी साँस लेते हुए कहा। “कुछ नहीं, भैया, बस पानी गिर गया,” मैंने मासूमियत से कहा, लेकिन मेरी बूर गीली हो रही थी। मैंने देखा कि रोहन भैया का लंड अब पूरी तरह सख्त हो गया था। मैं उसके पास गई, और जानबूझकर अपनी चूचियाँ उसकी बाँहों पर रगड़ दीं। “भैया, मुझे बहुत गर्मी लग रही है,” मैंने कहा, और अपना टॉप थोड़ा ऊपर उठाया, ताकि मेरी चूचियाँ और बाहर दिखें। “रिया, तू बहुत सेक्सी लग रही है,” रोहन भैया ने कहा, और मेरी बूर में आग लग गई। मैंने उसकी आँखों में देखा, और कहा, “भैया, अगर इतनी गर्मी लग रही है, तो मुझे ठंडा कर दो ना।” उसकी आँखों में कामुकता की चमक थी, और उसने मुझे अपनी बाँहों में खींच लिया। रोहन भैया ने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया। उसके होंठ मेरे होंठों को चूस रहे थे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में खेल रही थी। मैं सिसकारियाँ लेने लगी, और मेरी बूर गीली होकर टपकने लगी। “रिया, तूने मुझे पागल कर दिया,” उसने कहा, और मेरा टॉप उतार दिया। मेरी चूचियाँ उसके सामने थीं—सख्त और गोल। उसने मेरी चूचियाँ को अपने मुँह में लिया, और चूसना शुरू किया। “अहह… भैया, और चूसो,” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। उसने मेरे निप्पल को अपनी जीभ से चाटा, और मैं कामुकता में पागल हो गई। उसने मेरी शॉर्ट्स उतार दी, और मेरी बूर उसके सामने थी—गीली और गर्म। उसने अपनी जीभ मेरी बूर पर रखी, और चाटना शुरू किया। “अहह… भैया, ये क्या कर रहे हो?” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। “रिया, तेरी बूर बहुत स्वादिष्ट है,” उसने कहा, और जोर-जोर से चाटने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और मेरा शरीर काँप रहा था। उसकी जीभ मेरी बूर के अंदर-बाहर हो रही थी, और मैं कामुकता की चरम सीमा पर थी। “भैया, अब मुझे चुदाई चाहिए,” मैंने सिसकारी लेते हुए कहा। रोहन भैया ने अपनी पैंट उतारी, और उसका लंड मेरे सामने था—लंबा, सख्त, और गर्म। “रिया, मेरा लंड ले,” उसने कहा। मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया, और चूसना शुरू किया। उसका लंड मेरे मुँह में अंदर-बाहर हो रहा था, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। “रिया, तू बहुत अच्छा चूसती है,” उसने कहा, और मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह में जोर-जोर से चुदाई की। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, और मेरी बूर गीली होकर टपक रही थी। “रिया, अब मैं तेरी बूर की चुदाई करूँगा,” उसने कहा। उसने मुझे सोफे पर लिटाया, और मेरी टाँगें फैला दीं। उसने अपने लंड को मेरी बूर पर रगड़ा, और मैं सिसकारियाँ लेने लगी। “चुदाई करो, भैया, और मत तड़पाओ,” मैंने कहा। उसने अपने लंड को मेरी बूर में डाला, और धीरे-धीरे चुदाई शुरू की। मेरी बूर टाइट थी, और उसका लंड उसे चीर रहा था। “अहह… भैया, और जोर से,” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, और मेरी चूचियाँ उसके हर धक्के से उछलने लगी। उसने मेरा गांड पकड़ा, और जोर-जोर से चुदाई की। “रिया, तेरी बूर स्वर्ग है,” उसने कहा। मैं उसकी कामुकता में खो गई। उसने मेरी चूचियाँ को चूसना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी। मेरी बूर गीली होकर चिकनी हो गई थी, और उसका लंड अंदर-बाहर हो रहा था। “भैया, और जोर से चुदाई करो,” मैंने चिल्लाते हुए कहा। उसने अपनी पूरी ताकत से चुदाई की, और मेरा शरीर काँपने लगा। उसने मुझे पलटा, और मेरा गांड ऊपर कर दिया। उसने मेरे गांड को चाटा, और उसकी जीभ मेरे गांड के छेद पर नाचने लगी। “अहह… भैया, ये क्या कर रहे हो?” मैं सिसकारी लेते हुए बोली। “रिया, तेरा गांड बहुत रसीला है,” उसने कहा, और अपने लंड को मेरी बूर में डालकर फिर से चुदाई शुरू की। उसने मेरे गांड को पकड़ा, और जोर-जोर से चुदाई की। मेरा शरीर काँप रहा था, और मेरी बूर झड़ गई। मैंने पानी छोड़ दिया, और उसने अपने लंड को बाहर निकालकर मेरे गांड पर अपना पानी छोड़ दिया। हम दोनों हाँफते हुए सोफे पर लेट गए। मेरी चूचियाँ उसकी छाती पर दबी हुई थी। “रिया, तूने मुझे पागल कर दिया,” उसने कहा। “भैया, तुमने मुझे चुदाई का असली मजा दिया,” मैंने मुस्कुराते हुए कहा। उसने मेरे होंठों को फिर से चूमना शुरू किया, और मेरा गांड सहलाया। “फिर से करें?” उसने पूछा। मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, मेरे प्यारे भैया।” अगली सुबह, मैंने फिर से एक टाइट ड्रेस पहनी। मेरी चूचियाँ और गांड फिर से उसे ललचा रहे थे। उसने मुझे रसोई में पकड़ा, और मेरी बूर को सहलाते हुए कहा, “रिया, तेरी कामुकता मुझे फिर से बुला रही है।” मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया, और हम फिर से कामुकता की दुनिया में खो गए। उसने मुझे काउंटर पर बिठाया, और मेरी बूर में अपना लंड डाला। मेरी चूचियाँ उसके मुँह में थी, और उसने फिर से मेरी चुदाई की।

मेरा नाम रिया है। मैं 23 साल की हूँ, और दिल्ली में अपने बड़े भाई रोहन के साथ रहती हूँ। रोहन 27 साल का है, लंबा, हट्टा-कट्टा, और बहुत हैंडसम। मैं भी हसीन हूँ—मेरी चूचियाँ बड़ी और गोल हैं, मेरा गांड रसीला और लचकदार है, और मेरी बूर हमेशा कामुकता से भरी रहती है। मेरी … पूरी कहानी पढ़िए

भाई-बहन सेक्स स्टोरी: जवानी संभाले नहीं संभल रही थी

भाई-बहन सेक्स स्टोरी

मेरा नाम रिया है, उम्र 22 साल। मैं एक ऐसी लड़की हूँ जिसे देखकर हर मर्द की आँखें फट जाएँ। मेरा रंग गोरा है, चूचियाँ भारी, रसीली और उभरी हुई, गांड मोटी, गोल और थिरकती हुई, और मेरी कमर इतनी पतली कि उस पर हाथ फेरने का मन करे। मेरे होंठ गुलाबी और मांसल हैं, … पूरी कहानी पढ़िए

मैं पति को नहीं बल्कि अपने नौकर से सेक्स की भूख मिटाती हूँ

Naukar Se Chudai

मेरा नाम रिया है, उम्र 31 साल। मैं एक ऐसी औरत हूँ जिसे देखकर हर मर्द की साँसें रुक जाएँ। मेरा रंग दूध सा गोरा है, चूचियाँ बड़ी, रसीली और उभरी हुई, गांड मोटी, गोल और थिरकती हुई, और मेरी कमर इतनी पतली कि उस पर हाथ फेरने का मन करे। मेरे होंठ गुलाबी और … पूरी कहानी पढ़िए

पति की नपुंसकता ने मुझे कई लोगों से चुदने को मजबूर किया

हिंदी हॉट सेक्स स्टोरी

मेरा नाम अनिता है, उम्र 28 साल। मैं एक खूबसूरत और मॉडर्न औरत हूँ। मेरा रंग गोरा है, चूचियाँ बड़ी और टाइट, कमर पतली और गांड भारी और गोल। मेरे होंठ रसीले हैं, और मेरी आँखों में एक नशीली चमक है जो मर्दों को दीवाना बना देती है। मेरी शादी राहुल से हुई थी, जो … पूरी कहानी पढ़िए

मेरी शादी के पहले होने वाले ससुर ने चोदा

मेरी शादी के पहले होने वाले ससुर ने चोदा

मैं, नेहा, 24 साल की एक हॉट और सेक्सी लड़की, अपनी शादी से ठीक एक महीने पहले अपने होने वाले ससुराल गयी थी। मेरा मंगेतर, रोहन, दिल्ली में जॉब करता था, और मुझे उसके परिवार से मिलने के लिए उनके गाँव जाना था। मेरा फिगर कातिलाना था—36C की भरी हुई चूची, पतली कमर, और मेरी … पूरी कहानी पढ़िए

मेरी जवानी का हकदार मेरा भाई

BDSM

Bhai Bahan Hot Sex Story in Hindi Meri Jawani Ka hakdaar : मेरा नाम सोनिया है। मैं 23 साल की हूँ, गोरी, भरे हुए जिस्म वाली जवान लड़की। मेरी चूचियाँ बड़ी, गोल और रसीली हैं, जैसे दो पके तरबूज, जो मेरी टाइट कुर्ती में हमेशा उभरे रहते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो … पूरी कहानी पढ़िए

मेरी देवरानी और मेरा पति

Devrani Hindi Sex Story in Hindi

Devrani Hindi Sex Story in Hindi – गाँव का वो पुराना घर था, जहाँ मैं, राधा, अपने पति संजय और अपनी देवरानी पूनम के साथ रहती थी। मैं 30 साल की थी, गोरी, भरे हुए जिस्म वाली औरत। मेरी चूचियाँ बड़ी और गोल थीं, जैसे दो पके आम, जो मेरी साड़ी में हमेशा उभरे रहते … पूरी कहानी पढ़िए

भैया का लंड और मेरी चूत की आग

गाँव की वो सुलगती गर्मी की रात थी। आसमान में चाँद अपनी पूरी जवानी में चमक रहा था, पर मेरे अंदर की आग उस चाँद की ठंडक को भी भस्म कर रही थी। मैं, रानी, 19 साल की कुँवारी जवान लड़की, अपनी पुरानी चारपाई पर लेटी थी। मेरी पतली सी सलवार-कुर्ती पसीने से भीग चुकी थी। कुर्ती मेरी चूचियों पर चिपक गई थी, और मेरे गुलाबी निप्पल सख्त होकर बाहर उभर रहे थे। मेरी चूचियाँ गोरी, गोल और मस्त थीं, जैसे दो पके हुए आम, जो किसी को भी ललचा दें। पसीने की बूँदें मेरी चूचियों की गहरी दरार में लुढ़क रही थीं, और मेरी सलवार मेरी चूत पर चिपक गई थी। मेरी चूत का उभार साफ़ दिख रहा था, और नीचे से वो इतनी गीली हो चुकी थी कि मेरी जाँघें आपस में फिसल रही थीं। मेरी जाँघें मोटी और रसीली थीं, और मेरी कमर पतली थी, जो मेरी गाँड को और उभार रही थी। मेरे होंठ सूख रहे थे, और मैं अपनी जीभ से उन्हें बार-बार गीला कर रही थी। मेरी चूत में एक अजीब सी खुजली थी, जो मुझे बेकाबू कर रही थी। पास की चारपाई पर भैया लेटा था। भैया, यानी सोनू, 25 साल का जवान मर्द। चौड़े कंधे, साँवली रंगत, और मज़बूत बाजुओं वाला वो शख्स, जो मेरे चाचा का लड़का था। वो सिर्फ़ एक ढीली लुंगी में लेटा था, और उसका 8 इंच का मोटा, काला लंड लुंगी के नीचे साफ़ उभर रहा था। पसीने से उसकी चौड़ी छाती चमक रही थी, और उसकी हर साँस के साथ उसका लंड हल्का-हल्का हिल रहा था। उसकी टोपी पर पसीने की बूँदें चमक रही थीं, और वो इतना सख्त था कि मेरी चूत उसे देखकर तड़प उठी। मैं उसकी ओर देख रही थी, और मेरे बदन में करंट दौड़ रहा था। "क्या देख रही हो, रानी?" भैया ने अचानक कहा, उसकी आवाज़ में एक गहरी कामुकता थी। "क... कुछ नहीं, भैया," मैंने शरमाते हुए कहा, पर मेरी आँखें उसके लंड से हट नहीं रही थीं। भैया ने मेरी नज़र पकड़ ली। वो उठा और मेरे पास आ गया। उसकी लुंगी हल्की सी खिसक गई, और उसका मोटा लंड पूरा नंगा हो गया। उसका लंड काला, लंबा और मज़बूत था, जैसे कोई हथियार, जो मेरी चूत को फाड़ने के लिए तैयार हो। उसकी नसें उभरी हुई थीं, और टोपी गीली होकर चमक रही थी। "ये देख रही थी ना, साली?" भैया ने हँसते हुए कहा और अपना लंड मेरे सामने हिलाया। मैं शरमा गई, पर मेरी चूचियाँ कुर्ती में उछलने लगीं। मेरे निप्पल सख्त हो गए, और मेरी चूत में आग भड़क उठी। "भैया, ये क्या कर रहे हो?" मैंने धीरे से कहा, पर मेरी आवाज़ में तड़प साफ़ थी। भैया मेरे और करीब आया। उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं। "रानी, तेरी चूत की गर्मी मेरे लंड को बुला रही है," उसने फुसफुसाते हुए कहा और अपना हाथ मेरी चूचियों पर रख दिया। उसने कुर्ती के ऊपर से मेरी चूचियों को जोर से दबाया। मेरे मुँह से "आह्ह..." निकल गया। मेरी चूचियाँ इतनी नरम और मस्त थीं कि भैया की उंगलियाँ उनमें धँस गईं। "साली, क्या माल है तू," उसने कहा और एक झटके में मेरी कुर्ती फाड़ दी। मेरी नंगी चूचियाँ उसके सामने आ गईं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त थे, और मेरी चूचियों की गोलाई देखकर भैया की आँखें चमक उठीं। भैया ने मेरी एक चूची को मुँह में ले लिया। वो मेरे निप्पल को चूसने लगा, और अपनी जीभ से उसे चाटने लगा। "उम्म... भैया... आह्ह..." मैं सिसक रही थी। उसने दूसरी चूची को जोर-जोर से मसलना शुरू किया। मेरी चूचियाँ लाल हो गईं, और मेरे निप्पल इतने सख्त हो गए कि दर्द करने लगे। "रानी, तेरी चूचियाँ तो रसभरी हैं... चूसने में मज़ा आ रहा है," भैया ने कहा और मेरे निप्पल को दाँतों से हल्का सा काट लिया। मैं चीख पड़ी, "आह्ह... भैया... मत रुको..." मेरी चूत गीली होकर मुझे बेकाबू कर रही थी। भैया ने मेरी चूचियों को दोनों हाथों से पकड़ा और उन्हें जोर-जोर से दबाने लगा। मेरी चूचियाँ उसके हाथों में मसल रही थीं, और मेरे मुँह से "आह्ह... ओह्ह... भैया..." की आवाज़ें निकल रही थीं। भैया ने मेरी सलवार का नाड़ा खोला और उसे नीचे खींच दिया। मेरी चूत नंगी हो गई। मेरी चूत की हल्की-हल्की झाँटें पसीने से चिपक गई थीं, और मेरी चूत की गुलाबी फाँकें गीली होकर चमक रही थीं। मेरी चूत टाइट और कुँवारी थी, और उसकी गंध भैया को पागल कर रही थी। मेरी जाँघें गोरी और मोटी थीं, और मेरी चूत का गीलापन मेरी जाँघों तक बह रहा था। "रानी, तेरी चूत तो मस्त माल है," भैया ने कहा और अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी। "आह्ह... भैया..." मैं चिल्लाई। उसकी उंगली मेरी चूत के अंदर-बाहर होने लगी, और मेरे मुँह से "उम्म... ओह्ह... भैया... चोदो ना" निकलने लगा। भैया ने दो उंगलियाँ डालीं और मेरी चूत को चोदने लगा। "साली, तेरी चूत कितनी गीली है... लंड माँग रही है," वो बोला। उसने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत की गहराई तक डालीं, और मेरी चूत से पानी टपकने लगा। भैया ने मुझे चारपाई पर लिटाया और मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं। मेरी चूत पूरी तरह खुल गई। मेरी जाँघें मोटी और रसीली थीं, और मेरी चूत की फाँकें गीली होकर लाल हो गई थीं। मेरी गाँड गोल और नरम थी, जो चारपाई पर फैल गई थी। भैया ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उसकी मोटी टोपी मेरी चूत की फाँकों पर फिसल रही थी, और मैं पागल हो रही थी। "भैया, डाल दो... मेरी चूत फाड़ दो," मैंने तड़पते हुए कहा। भैया ने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका 8 इंच का लंड मेरी कुँवारी चूत में पूरा घुस गया। "आह्ह... मर गई... भैया..." मैं चिल्लाई। मेरी चूत से खून निकलने लगा, पर उस दर्द में मज़ा था। भैया ने मेरी चूचियाँ दबाते हुए चुदाई शुरू कर दी। "साली, तेरी चूत टाइट है... लंड को मज़ा आ रहा है," वो गरजते हुए बोला। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। हर धक्के के साथ मेरी गाँड हवा में उछल रही थी। मेरी चूचियाँ आगे-पीछे हिल रही थीं, और मेरे मुँह से "आह्ह... ओह्ह... भैया... चोदो... और जोर से" निकल रहा था। "रानी, तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा," भैया ने कहा और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। अब उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। "भैया, मेरी चूत फाड़ दो... लंड पूरा डालो... आह्ह..." मैं चीख रही थी। भैया की चुदाई इतनी तेज़ थी कि चारपाई कड़कड़ाने लगी। उसका लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, और मेरी चूत का पानी मेरी गाँड तक बह रहा था। "साली, तेरी चूत चूस रही है मेरे लंड को," भैया बोला और मेरी चूचियों पर चपत मारी। करीब आधे घंटे तक भैया ने मेरी चूत चोदी। मेरी चूत लाल हो गई, और उसका पानी मेरी जाँघों पर बह रहा था। फिर भैया ने मुझे पलटा। मेरी गोल, नरम गाँड उसके सामने थी। मेरी गाँड की दरार में पसीना चमक रहा था, और मेरा छेद टाइट और गुलाबी था। "रानी, तेरी गाँड भी चोदूँगा," भैया ने कहा और मेरी गाँड पर थूक दिया। उसने अपना लंड मेरी गाँड की छेद पर रखा और एक धक्का मारा। "आह्ह... भैया... फट गई..." मैं रो पड़ी, पर वो रुका नहीं। उसका लंड मेरी गाँड में पूरा घुस गया, और वो मुझे कुत्तिया की तरह चोदने लगा। "साली, तेरी गाँड भी मस्त है... लंड को चूस रही है," वो बोला और मेरी चूचियाँ पीछे से मसलने लगा। मेरी गाँड में उसका लंड अंदर-बाहर हो रहा था, और दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था। "भैया, और जोर से... मेरी गाँड मारो... आह्ह..." मैं चिल्ला रही थी। भैया ने मेरी गाँड पर चपत मारी और बोला, "रंडी, तेरी गाँड फाड़ दूँगा।" उसकी चुदाई इतनी तेज़ थी कि मेरी गाँड सूज गई। मेरी चूचियाँ हवा में लटक रही थीं, और भैया उन्हें पीछे से पकड़कर मसल रहा था। "भैया, मेरी चूचियाँ दबाओ... मेरी गाँड चोदो... आह्ह..." मैं पागल हो रही थी। भैया ने मेरी गाँड को चोदते-चोदते मेरी कमर पकड़ ली और मुझे और जोर से पेलने लगा। फिर भैया ने मुझे फिर से सीधा किया और मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया। "चूस साली, मेरे लंड का रस पी," उसने कहा। मैं उसके लंड को चूसने लगी। उसका लंड मेरे मुँह में पूरा नहीं समा रहा था, पर मैंने अपनी जीभ से उसकी टोपी को चाटा। "आह्ह... रानी... मस्त चूस रही है," भैया सिसक रहा था। मैंने उसके लंड को पूरा मुँह में लिया, और मेरी जीभ उसके लंड की नसों पर फिसल रही थी। मेरी चूत से पानी टपक रहा था, और मैं अपने हाथ से अपनी चूत सहला रही थी। "भैया, मेरी चूत में फिर डालो... चोदो मुझे," मैंने कहा। भैया ने मुझे फिर लिटाया और मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया। "ले रंडी, तेरी चूत फाड़ता हूँ," वो चिल्लाया और इतने जोर से चोदा कि मेरी चूत से पानी की पिचकारी छूटने लगी। "भैया, मेरी चूत में झड़ जाओ... आह्ह..." मैं चीख रही थी। भैया का लंड फटा, और उसने अपना गर्म माल मेरी चूत में छोड़ दिया। "आह्ह... रानी... तू मस्त चुदक्कड़ है," उसने कहा और मेरे होंठ चूसने लगा। उसने मेरे होंठों को काटा, और मेरी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। मेरी चूचियाँ उसके सीने से दब रही थीं, और मेरा पूरा बदन पसीने से तर था। रात भर भैया ने मुझे चोदा। कभी चूत, कभी गाँड, कभी मुँह। सुबह होने तक मेरा बदन थक गया था। मेरी चूचियाँ लाल हो गईं, मेरी गाँड सूज गई, और मेरी चूत से खून और पानी मिलकर बह रहा था। "भैया, कल फिर चोदना," मैंने शरमाते हुए कहा। उसने मेरी गाँड पर एक चपत मारी और बोला, "साली, तेरी चूत और गाँड मेरा लंड कभी नहीं छोड़ेगा।" अगली रात का खेल अगली रात फिर वही गर्मी थी। मैं चारपाई पर लेटी थी, इस बार सिर्फ़ एक पतली सी चादर ओढ़े। मेरी चूचियाँ चादर के नीचे नंगी थीं, और मेरी चूत अभी भी पिछले दिन की चुदाई से गीली थी। भैया आया, इस बार उसने लुंगी भी नहीं पहनी थी। उसका लंड पहले से सख्त था, और वो मेरे पास आते ही बोला, "रानी, आज तेरी चूत और गाँड दोनों फाड़ूँगा।" उसने चादर हटाई और मेरे नंगे बदन को देखकर पागल हो गया। मेरी चूचियाँ गोल और मस्त थीं, मेरी कमर पतली थी, और मेरी गाँड उठी हुई थी। भैया ने मुझे खड़ा किया और मेरी चूचियाँ चूसने लगा। "साली, तेरी चूचियाँ चूस-चूसकर लाल कर दूँगा," वो बोला। मैंने उसका लंड पकड़ा और हिलाने लगी। "भैया, इसे मेरी चूत में डालो... चोदो मुझे," मैंने कहा। भैया ने मुझे दीवार से टिकाया और मेरी एक टाँग उठाकर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया। "आह्ह... भैया... और जोर से..." मैं चीख रही थी। वो मुझे दीवार के सहारे चोदने लगा। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। फिर भैया ने मुझे घुमाया और मेरी गाँड में अपना लंड डाल दिया। "रानी, तेरी गाँड मस्त है... चोदने में मज़ा आ रहा है," वो बोला। मेरी गाँड में उसका लंड अंदर-बाहर हो रहा था, और मैं "आह्ह... भैया... फाड़ दो मेरी गाँड..." चिल्ला रही थी। भैया ने मुझे चोदते-चोदते मेरी चूत में उंगली डाल दी। "साली, तेरी चूत और गाँड दोनों लूँगा," वो बोला। मैं पागल हो रही थी। मेरी चूत और गाँड एक साथ चुद रही थीं, और मेरा पूरा बदन काँप रहा था। आखिर में भैया ने मुझे चारपाई पर लिटाया और मेरी चूत में फिर से चुदाई शुरू की। "रानी, तेरी चूत का रस पी जाऊँगा," उसने कहा और मेरी चूत चाटने लगा। उसकी जीभ मेरी चूत की फाँकों में घूम रही थी, और मैं "आह्ह... भैया... चाटो... चोदो..." चीख रही थी। फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाला और इतने जोर से चोदा कि मैं झड़ गई। "भैया, मैं गई..." मैं चिल्लाई, और मेरी चूत से पानी निकलने लगा। भैया भी झड़ा, और उसका माल मेरी चूत में भर गया।

भाई बहन सेक्स स्टोरी – गाँव की वो सुलगती गर्मी की रात थी। आसमान में चाँद अपनी पूरी जवानी में चमक रहा था, पर मेरे अंदर की आग उस चाँद की ठंडक को भी भस्म कर रही थी। मैं, रानी, 19 साल की कुँवारी जवान लड़की, अपनी पुरानी चारपाई पर लेटी थी। मेरी पतली सी … पूरी कहानी पढ़िए

मैं अपने पति को नहीं भाई को पसंद करती हूँ

भाई की चुदाई

Bhai Bahan : ये है एक जलती हुई कहानी, जहाँ मैंने पति की ठंडी रातों को ठुकराकर भाई के मोटे लंड की आग चुनी। उसने मेरी रसीली चूत को चाटा, मेरी टाइट गांड को चोदा, और चुदाई की ऐसी आँधी मचाई कि बिस्तर थरथरा उठा। डूब जाओ इस सेक्सी और नंगी मस्ती में! मेरा नाम … पूरी कहानी पढ़िए

मेरा भाई जंगल में पिकनिक के बहाने ले गया फिर क्या हुआ जानिए

Bhabhi Bahan ki Chudai

Bhai Bahan Ki Chudai: ये है एक गरम और बोल्ड कहानी जहाँ मेरा भाई मुझे जंगल में पिकनिक के बहाने ले गया और फिर शुरू हुआ भाई बहन की चुदाई का खेल। मेरी चूत और गांड की प्यास और उसके मोटे लंड की चुदाई से भरा ये रोमांच आपको पागल कर देगा। तैयार हो जाइए … पूरी कहानी पढ़िए