मेरा नाम कविता है और मैं 25 साल की चुदासी हाउसवाइफ हूँ. मैने अपनी इसी वेबसाइट पे एक और चुदाई स्टोरी ‘मेरी पहली चुदाई की दास्तान’ मे बताया की मैं और मेरी बेस्ट फ्रेंड रेखा बहूत पहले से एक दूसरे की चूत चाटते हैं और मैने 18 की उमर मे पहली बार किसी लड़के से अपनी चूत चुदवाई थी. मेरी शादी को अब एक साल हो चुका है और मेरे पति अभी भी मुझे दिन रात चोदते हैं. आज मैं आपको अपनी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे सुनाते है.
पिछले महीने मेरी और मेरी बेस्ट फ्रेंड रेखा (उसकी भी अब शादी हो चुकी है) हमारी एक और सहेली कशिश की शादी के लिए मुंबई से पुणे आए थे 5 दीनो के लिए. कशिश बहूत ही सीधी लड़की थी और उसे कभी कोई बाय्फ्रेंड भी नहीं था. वो आज तक कभी नहीं चुदी थी और सेक्स के बारे मे ज्यादा जानती भी नहीं थी.
रोज़ कोई ना कोई फंक्शन हो रा था शादी का. दूसरे दिन संगीत था और लड़के वाले आने वाले थे. मैं और रेखा ज्यादा किसी को जानते नहीं थे वहाँ तो हम दोनो अलग बैठ के बातें करने लगे.
जब रेखा की निगाह कशिश के होने वाले पति पे पड़ी तो वो बोली,”कविता ज़रा इसे देख तो. इसकी तो शकल से ही कमीणपान तपाक रहा है. बेचारी कशिश को पहली रात से चोद चोद के पागल कर देगा.”
मैं बोली,”हन कशिश की तो चूत अभी कुँवारी है. ये जानवर तो सुहागरात पे उसकी चूत फाड़ देगा.”
इतना कहके मैं और रेखा हँसने लगे और फिर संगीत का फंक्शन एंजाय करने लगे. देर रात जब फंक्शन ख़तम हो गया तब सब अपने अपने कमरों मे चले गये और मैं, रेखा और आँचल एक कमरे मे थे. हम तीनो ने कपड़े चेंज किए और फिर बातें करने लगे.
मैने कशिश से कहा,”बस 3 दिन और फिर तेरी सुहागरात है. कैसा लग रहा है तुझे?”
कशिश बोली,”दर लग रहा है यार. तुम दोनो को तो पता है की मैं ये तक नहीं जानती की सुहागरात पे क्या क्या होता है.”
रेखा बोली,”अरे पगली दर मत. सुहागरात पे तो जन्नत नसीब होती है. तेरा पति पहले तुझे नंगा करेगा, फिर खुद नंगा होगा और फिर तुझे रात भर चोदेगा.”
कशिश सहें के बोली,”इसी बात से तो दर लग रहा है. मुझे तो नंगी होने मे ही शरम आएगी और पहली चुदाई मे तो दर्द भी होगा ना?”
रेखा बोली,”शरमाने की क्या बात है. जिसके सामने सारी ज़िंदगी नंगा होना है उससे क्या शरम? और उस दर्द के बाद ही तो है असली मज़ा. अपनी कविता से पूछ ज़रा..ये मेडम तो 16 की उमर से चद्वारही हैं.”
रेखा हँसने लगी और कशिश ने हैरान होके पूछी,”कविता क्या ये सच है?”
मैने हँसते हुए कहा,”हन तो उसमे क्या बड़ी बात है? और ये रेखा भी कोई कूम नहीं है. इसने भी तो पहली बार तभी चुडवाया था. और मेरी चूत को लड़कों की लंड के लिए तैयार तो रेखा ने ही किया था.”
मैं और रेखा हँसने लगे और कशिश शॉक होके पूछने लगी,”मतलब तुम दोनो एक दूसरे के साथ भी??”
मैने बोला,”और नहीं तो क्या पगली.. हम दोनो तो 15-16 की उमर से ही एक दूसरे की चूत की आग शांत कर रहे हैं.”
कशिश तो बिल्कुल हैरान रह गई थी हम दोनो की बातों से और कहने लगी,”तुम दोनो कितनी बिगड़ी हुई हो.”
तो रेखा ने कहा,”इसमे बुराई ही क्या है पगली? अपनी सहेली से चूत चाटने की बात ही कुछ और है.”
मैने रेखा की नाईटी के उपर से उसकी चुचि नोचते हुए कहा,”अब कहाँ तुझे मेरी याद आती है? तेरा देवर जो आ गया है.”
कशिश ने पूछी,”इसका देवर आ गया है मतलब?”
तो मैने हँसते हुए उसे बताया,”रेखा का पति इसे रोज़ रोज़ नहीं चोदता है. पर इस रांडी को रोज़ रोज़ छुदास लगती है तो रात मे जब इसका पति सो जाता है तब इसका देवर इसे छत पे ले जाके इसकी चूत बजता है.”
तो रेखा बोली,”हन यार देवर जी पूरी रात ऐसे चोदते हैं की सुबह खड़े भी होते नहीं बनता.”
कशिश बोली,”तुझे शर्म नहीं आती पराए मर्दों के साथ ये सब करने मे?”
तो रेखा ने मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला,”इसमे क्या शरमाना? ये कविता भी तो अपने पड़ोसी सूरज से अपनी चूत चुड़वति है कभी कभी.”
मैने हँसते हुए बोला,”मुझे तो कभी कभी ही ज़रूरत पड़ती है जब पति तौर पे जाते हैं तब. वरना तो रोज़ रात मेरे पति मुझे जानवरों की तरह चोदते हैं.”
कशिश ने सहें के पूछी,”और कभी तेरा मान ना हो तो?”
तो मैने कहा,”मान हो ना हो उससे उन्हे क्या फराक पड़ता है…अगर मैं कभी माना कर दूं तो गुस्से मे आके चूत-फाड़ चुदाई करते हैं. पर मज़ा इतना आता है की पूछ मत.”
मैं और रेखा चुदाई की बातों से गरम होने लगे थे. मैने कशिश से कहा,”देख तू सीधे अपने पति से चूड़ेगी तो शरम भी आएगा और दर्द भी होगा. उससे अच्छा आज हम दोनो के साथ थोड़ी प्रॅक्टीस कर ले.”
कशिश ने हैरान होके पूछी,”क्या मतलब?”
तो रेखा ने हँसते हुए कहा,”मतलब ये की नंगी होज़ा और बाकी सब हम दोनो पे छ्चोड़ दे.”
कशिश सहें के बोली,”पागल हो क्या तुम दोनो? मैं ऐसा नहीं करूँगी.”
मैने कहा,”ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी”
मैने रेखा की तरफ देख कर आँख मारी और अपनी नाईटी उतार दी. रेखा भी नंगी हो गई और उसमे मेरी ब्रा और पनटी भी उतार दी. कशिश बड़ी घबराई हुई हम दोनो को देखरही थी. रेखा ने मेरी एक चुचि को नोचते हुए दूसरी चुचि को चूसना चालू कर दिया.
मैने कशिश की तरफ देख का कहा,”देख ले टीन दिन बाद तेरा पति भी यही करेगा.”
रेखा मेरी चुचि चूस्ते हुए मेरी चूत सहालने लगी और मे खुशी से ऊओह आआहह करने लगी. अब कशिश भी थोड़ी थोड़ी मूड मे आरही थी और उसके चेहरे पे दिख रहा था की वो एग्ज़ाइट होरही है.
मैं कशिश के पास गई और उसकी टशहिर्त के अंदर हाथ डाल दिया और उकी चुचि नॉक के कहा,”तेरी चुचि भी तो कड़ी होरही हैं. अब नाटक मत कर और होज़ा नंगी.”
मैने और रेखा ने उसे ननगा कर दिया और वो मुस्कुराने लगी. रेखा उसकी चुचि को नोच नोच के चूसने लगी और कशिश तो जैसे पागल ही हो गई.
कशिश चिल्लाते हुए बोली,”कितना मज़ा आ रहा है रेखा…आहह हााहह हाहहः …चुस्ती रह प्ल्ज़… आआहहः अहाहाा …”
मैने बिने कुछ बोले उसकी चीक्की चूत मे उंगली डाल दी और वो चीखी,”ऊऊउककच…ये क्या कररही है कविता?”
मैने हँसते हुए कहा,”अभी उंगली से चुदवाई ले अपनी चूत नहीं तो टीन बाद अपने पति की लंड से चुदके बेहोश हो जाएगी.”
कशिश को अब मज़ा आने लगा था और वो बोली,”ऐसा है कविता तो अपनी उंगली से चोद डाल मेरी चूत को.”
थोड़ी देर मे कशिश ने झाड़ दिया और फिर वो और रेखा मुझे चूमने लगे. अब कशिश मेरी चुचि चूसरही थी और रेखा मेरी चूत सहलरही थी. मैं दो दिन से नहीं चुदी थी तो इतना मज़ा आरहा था. कशिश मेरी चुचि मज़े से चूसरही थी और अब रेखा ने मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया था. आधे घंटे बाद मैने भी झाड़ दिया. अब बारी रेखा की थी. मैने उसकी चुचि छूसी और कशिश ने उसकी चूत कुतिया की तरह चाटना शुरू कर दिया. थोड़ी देर मे उसने भि झाड़ दिया और हम तीनो नंगी ही लेट गयीं.
कशिश ने बोला,”यार कविता ये चुदाई तो बड़ी मस्त चीज़ ही यार.”
मैने कहा,”पागल ये तो कुछ नहीं है. जब पति के लंड से चुदेगी तो देखना कैसे मदहोश होके चुड़वाएगी तू रोज़.”
कशिश हँसते हुए बोली,”पर अभी तो मेरी सुहागरात मे 3 दिन हैं. तब तक रोज़ रात हम तीनो ऐसे ही प्रॅक्टीस करते हैं.”
मैने और रेखा ने हस के कहा,”हन बिल्कुल. हम दोनो को वैसे भी रोज़ रात चुदास लगती है.”
हम तीनो एक दूसरे से चिपक के नंगी ही सो गयीं. और उसकी सुहागरात तक 3 दिन हर रात हम तीनो नंगी होके एक दूसरे की चूत बजाते थे…
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