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सिलाई वाली आंटी के पति ने मुझे बांधकर जबरदस्ती चोद कर मेरी चूत फैला दिया 

हेल्लो दोस्तों,  मै सोनाली गुप्ता आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मै नॉन वेज डॉट कॉम की बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ। आज मै आप सभी को अपनी जिन्दगी की सबसे खतरनाक चुदाई का महागाथा सुनाने जा रही हूँ। मै फैजाबाद की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र लगभग 19 साल होगी और मेरी कद लगभग 5.4 फीट होगा। अब मै अपने बारे में आप लोगो को क्या बताऊँ, वैसे तो मेरा रंग गोरा है, काले काले काले लम्बे बाल और मेरा चेहरा तो बहुत ही खुबसूरत है। लेकिन जिस तरह चाँद में दाग है उसी तरह मेरे चहरे में भी छोटा सा कला दाग है वो है मेरा काला मांस जो ठीक मेरे होठो के निचे है। उसकी वजह से मेरा चेहरा और भी खुबसूरत लगता है। मेरी काली और बड़ी बड़ी आंखे जो हर किसी को दीवाना कर देती है, और मेरे लाल और भरे हुए गाल और मेरे  होठ जोकि देखने में बहुत ही रसीले है। उनको देखने के बाद लड़के तो मेरी तरफ खीचे चले आते है। और मेरे चूचियो की बात करे तो उसकी बात ही अलग है। मेरी चूचियां अभी ज्यादा बड़ा नही हुआ क्योकि मेरे चूचियो को दबाने वाला कोई नही था। मेरी चूचियां तो काफी टाइट और बहुत ही मुलायम बिलकुल मख्खन की टिकिट की तरह। मेरे मम्मो को छूने के बाद कोई भी नही चहेगा की मै अपना हाथ चूची से हटा दूँ। और मेरी चूत की बात करे तो मैंने अपनी जिन्दगी में केवल एक ही बार चुदवाया है और वो भी मेरे चाचा के लड़के ने मुझे सोते समय मेरी चूचियो को दबाने लगा और मेरी चूत में उंगली भी करने लगा था जिससे मै जोश में आ गई थी और उसने मुझे रात के अंधरे में खूब चोदा था। और मेरी चूत की सील को तोड़ दिया था। उस वक़्त तो मुझे नही पता चला था कि मेरी सील टूट गयी है, लेकिन जब मै सुबह उठी तो मेरे चादर में बहुत जगह खून लगी हुई थी। तब मुझे पता चला की उसने मेरी सील तोड़ कर मुझे चोद दिया। मुझे उस वक़्त गुस्सा बहुत आया क्योकि मै अपने पति से अपनी सील तुडवाना चाहती थी। उस रात उसने मुझे चोद तो दिया था लेकिन उतना मज़ा नही आया था जितना जब मेरी सिलाई वाली टीचर के पति ने मुझे बांध कर चोदा था।                  आज मै आप सभी को अपनी जिन्दगी की सबसे खतरनाक चुदाई का महागाथा सुनाने जा रही हूँ। मै तो उस चुदाई को भूल ही नही पाई हूँ। जब उन्होंने मुझे चोदा तो मेरे तो रोंगटे खड़े हो गये थे और मेरी चूत तो फटी जा रही थी और मै जोर जोर से चीख रही थी। लेकिन उस हरामी ने मेरी चुदाई जब तक नही बंद की जब तक मेरी चूत बिलकुल फ़ैल नही गयी। अब ज्यादा कुछ न कहते हुए मै आप सभी को अपनी कहानी सुनाने जा रही हूँ।

कुछ दिन पहले की बात है, गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हुई थी। मै दिन भर घर में ही रहती थी और कोई भी कम भी नही करती थी। तो इसलिए मम्मी ने मुझसे कहा – तुम कोई काम तो करती नही हो दिन, तो जब तक छुट्टी चल रही है तुम पास में जो सिलाई वाली है उनसे तुम सिलाई ही सिखलो। आप ये कहानी नॉन वेंज  सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे थे। तो मैंने कहा – मम्मी मै नही सीखूंगी। तो मम्मी ने कहा तुम्हे जाना है मैंने उनसे बात कर ली है। और जो मैंने एक बार कह दिया वो कह दिया बस अब कोई बात नही होगी। मै चुप हो गई। मम्मी ने मुझसे कहा कल से तुमको सिलाई सिखने लाना है और वो भी शाम को 6 बजे से 7 बजे तक। क्योकि उनको इससे पहले टाइम नही है। वो उस टाइम में केवल तुमको ही सिखायेगी और कोई नही होगा। मैंने उनसे कह दिया है ठीक से सिखाये।

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मुझे मम्मी की बात माननी ही पड़ी। मै अगले दिन शाम के टाइम सिलाई वाली आंटी के घर पहुँच गयी।  जब मै उनके घर पहुंची तो आंटी ने मुझसे कहा – बिल्कुल ठीक समय पर आई हो मै तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी। मै घर के अंदर आ गई। कुछ देर बाद आंटी ने मुझसे कहा – “मैंने तुमको इस टाइम इस लिए बुलाया है ताकि मै तुमको ठीक से सिखा सकूँ। अगर तुम बाकि लडकियो के साथ आती तो मै तुम्हारे उपर ज्यादा ध्यान नही दे पाती”। कुछ ही देर बाद अंकल जी आ गये, तो आंटी जी कुछ देर के लिए अंदर चली गई। मै बाहर ही बैठी अपना काम कर रही थी। कुछ देर बद वो फिर बाहर आई उन्होंने ने मुझे पूरे एक घंटे तक सिलाई के बारे में बताया। फिर मै घर चली गई। ऐसे ही धीरे धीरे समय बीतता गया, मै कुछ ही दिनों में बहुत कुछ सिख गई थी।

एक दिन मै सिलाई सिखने के लिए अपने समय पर उनके घर गई तो दरवाज़ा खुला था, तो मै अंदर आ गई। जब मै अंदर आई तो अंदर से  अहह अहह उनहू उनहू उनहू … उफ़ उफ़ करके चखने की आवाज़ आ रही थी। मैंने सोचा चलो अंदर चलकर देखती हूँ आवाज़ कहाँ से आ रही है और आंटी कहा है। मै जब अंदर गई तो अंकल जी नंगे और आंटी भी नंगी  थी और वो दोनों लगातार चुदाई कर रहे थे। जब मैंने आंटी को चुदते देखा तो मेरे अंदर भी जोश की ज्वाला भड़क उठी। मेरा मन भी चुदने को करने लगा था। मै उनको चुपके से देख रही थी अंकल जी का मोटा लंड उनकी चूत को फाड़ रहा था और आंटी जी जोर जोर से चीख रही थी। मै बहुत ज्यादा जोश में आ गयी थी और मै अपने चूचियो को मसलने लगी थी। फिर कुछ देर बाद मै बाहर चली गई और बाहर से आवाज़ लगी। कुछ देर बाद वो बाहर आई। उनको देख कर लग रहा था अंकल ने बहुत बेरहमी से उनको चोदा है क्योकि वो  अपने पैरो को फैला फैला कर चल रही थी। उस दिन के बाद मेरा भी किसी से चुदने का मन कर रहा था लेकिन कोई मुझे चोदने वाला था ही नही। मै अपनी चूत में ऊँगली डाल डाल कर काम चला रही थी।

एक दिन मै सिलाई नही गई थी और उसी दिन आंटी जी अपने मायके दो दिनों के लिए चली गई थी और मुझे पता नही था। मै अगले दिन उनके घर पहुंची। दरवाजा खुला था, मै सीधे अंदर चली गई, कोई बाहर था नही तो मै आंटी को बुलाने के लिए अंदर चली गई। जब मै अंदर गई तो मैंने देखा अंकल जी टीवी में सेक्सी वीडियो लगा कर देख रहे थे। मुझे पता नही था कि वो ये देख रहे होंगे इसलिए मै सीधे अंदर चली गयी। अंकल जी नंगे बैठे थे और अपने मोटे से लंड को अपने हाथो में पकडे हुए सहला रहे थे। वो बहुत ही जोश में थे, जब उन्होंने मुझे देख तो पहले तो उन्होंने अपने लंड को ढक लिया। मै बाहर आने लगी, तो अंकल जी ने दौड़ कर मेरे हाथो को पकड कर अपने कमरे में ले आये। आप ये कहानी नॉन वेंज  सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे थे। और उन्होंने मुझसे कहा – आज मेरा मन किसी को चोदने को कर रहा है और तुम्हारी आंटी भी नही है। क्या तुम मुझसे चुदवा सकती हो। न तुम किसी से बताना की मै गन्दी फिल्मे देख रहा था और न मै किसी दे कहूँगा की मैंने तुमको चोदा है। तो मैंने कहा –  मै किसी भी हालत में आप से नही चुदवाऊँगी। मेरी इस बात पर अंकल जी को मुझ पर गुस्सा आ गया। उन्होंने ने मेरे हाथो को एक कपडे से बांध दिया और साथ मेरे मेरे मुह को भी बांध दिया। और फिर बहर जाकर दरवाज़ा बंद कर लिया।

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कुछ देर बाद अंकल जी कमरे में जब आये तो उन्होंने अपने लंड में कंडोम पहन लिया था। उनका मोटा लंड मेरी नजरो में था। मै सोच रही थी की अभी कुछ देर में ये मेरी चूत को फैला देगा। मै सोच ही रही थी की उन्होने मेरे हाथो को बेड में बांध दिया और और मेरे पैरो को भी बांध दिया और और वो मेरे पैरो को सहलाते हुए मेरे जांघ की तरफ बढ़ने लगे। मुझे गुस्से के साथ जोश भी आ रहा था, कुछ ही देर में उनका हाथ मेरी चूत के पास पहुँच गया। वो मेरे बुर को छूते हुए मेरी कमर से होते हुए मेरे मम्मो को दबाते हुए मेरे होठो को अपने हाथो से सहलाते हुए उन्होंने मेरे होठो को अपने मुह में भर लिया। और मेरे होठो को पीने लगे, कुछ ही देर में वो मेरे होठो को काटने लगे और साथ में मेरे मम्मो को भी दबाने लगे थे। मेरे अंदर भी जोश की ज्वालामुखी फट गई और मै भी अपने मुह को हल्का सा उठा कर उनके होठो को पीने लगी। मैंने भी अंकल जी के निचले होठ को काटने लगी जिससे अंकल जी और भी मूड में आने लगे।

कुछ देर के बाद अंकल जी ने मेरे होठो को चुसना बंद कर दिया और मेरे गाल और मेरे गले को पीते हुए मेरी चूचियो के तरफ बढ़ने लगे। धीरे धीरे वो मेरे मम्मो के पास पहुँच गये और मेरे मम्मो को दबाने लगे। मैंने उस दिने शर्ट पहनी थी, कुछ देर मेरे चूचियो को दबाने के बाद उन्होंने एक एक करके मेरे शर्ट की पूरी बटन खोल दिया, और मेरे लाल रंग के ब्रा में मेरे गोर चूचियो को निहारने लगे। कुछ ही देर में उन्होंने मेरे शर्ट और ब्रा दोनों  को निकाल दिया और मेरे मम्मो को बड़े जोश से अपने दोनों हाथो से दबाने लगे और कुछ ही देर में उन्होंने मेरे चूचियो को अपने मुह में लेकर पीना भी शुरु कर दिया। वो मेरे चूचियो को इस तरह से पी रहे थे जैसे लग रहा था जैसे वो अपनी मम्मी की चूचियो को पी रहे हो। अंकल जी अब जोश से मेरे मम्मो को दबा दबा कर पी रहे थे। और मै भी धीरे धीरे और भी जोशीली हो गई और मै धीरे धीरे सिसकने लगी थी। कुछ देर बाद जब वो बहुत ही ज्यादा जोशीले हो गये तो वो मेरे मम्मो को जल्दी जल्दी पीने लगे जिससे कभी कभी उनके नुकीले दन्त मेरी चूचियो में लग जाते और मै जोर से चीख पड़ती।

बहुत देर तक मेरे मम्मो को पीने के बाद अंकल जी धीरे धीरे मेरी कमर को सहलाते हुए मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगे। और जोश में अपने बदन को ऐंठ रही थी। कुछ ही देर में वो मेरी चूत को सहलाने लगे। जिससे मै बहुत ही कामातुर होने लगी थी और मै जोश से तडप रही थी। कुछ देर बाद मैंने अंकल से कहा – मेरे हाथो को खोल दीजिये। तो उन्होंने कहा – अब तो ये चुदाई के बाद ही खुलेगी। तो मैंने कहा – मै भी चुदवाने के लिए तैयार हूँ। मेरे हाथो को खोल कर आराम से चोदो, ताकि मुझे भी मज़ा आये और आप को भी। वो मेरी बात मन गए और मेरे हाथो को खोल दिया। और मेरे जीन्स को निकाल कर मेरे बुर को पैंटी के उपर ही पेलने लगे जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। आप ये कहानी नॉन वेंज  सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे थे। फिर कुछ देर बाद अंकल जी ने मेरी पैंटी को निकाल दिया और मेरी बुर को फ़ैलाने के लिए तैयार अपने लौड़े को  मेरी चूत के करीब लाने लगे। मैंने अपने आंखे बंद कर ली और अपने चूत के दाने को अपने हाथो से मसलने लगी। कुछ ही देर में उन्होंने अपने लौड़े को मेरी चूत की दीवार में रगड़ते  हुए मेरी चूत के अंदर डाल दिया और मै अपनी चूत के दाने को मसलती हुई चीखने लगी। अंकल जी ने अपने लंड को बहर ले लिए और फिर कुछ देर बाद मेरी बुर के अंदर अपने लंड को डाल दिया।  मै तो चीख रही थी लेकिन अंकल जी अब रुकने वाले नही थे वो लगातार मेरी चूत में अपने लंड को डालने लगे थे। मेरी चूत बार बार खुल और बंद हो रही थी और उनक मोटा लंड मेरी चूत की मुलायम दीवार में रगड़ रही थी जिससे मेरे चूत से एक मरोड़ शुरु हो रही थी और दूर में ख़त्म हो जाती। अंकल का लौडा मेरी चूत को फैला रहा था। अंकल जी का लंड जब अंदर बाहर हो रहा रहा तो उनका लंड मेरी चूत के दाने में रगड़ रहा था जिससे कुछ ही देर में मेरी चूत अपने आप को रोक नही पी और अपने अंदर से कुछ चिपचिपा पदार्थ निकाने लगी जिससे अंकल जी के लंड वो पूरी तरह से लग गया था और अब उनका लंड मेरी चूत में ठीक से अंदर तक जा रहा था। जिससे अंकल जी और भी तेजी से मुझे चोदने लगे। कुछ ही देर में मेरी चूत फटने लगी क्योकि वो बहुत तेजी से चोदने लगे थे और मै “..मम्मी आह आह अह… उफ़ फूफउफ्फ्फ उफू…. उनहू उनहू उनहू  आह आह ओह ओहोहो ओह्ह्ह ओह्ह अह अह मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ……ही ही ही ही ही…..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ..”

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और चोदो लेकिन आराम से अहह करके मै चीखने लगी । मेरी तो जान निकलने लगी थी, और मै अपने मम्मो और अपनी चूत के दाने को बार बार मसल रही थी। लगभग 1 घंटे तक अंकल ने मेरी चूत चोद चोद कर पूरी तरीके से फैला दिया था।

कुछ देर बाद जब उनका माल निकाने वाला था तो उन्होंने मेरी चूत को राहत देते हुए उसमे से पाने लंड को बाहर निकाल लिया और मेरे मुह में रख कर मुह को पेलने लगे। कुछ देर मेरे मुह में पेलने के बाद उन्होंने लंड बाहर निकाल कर हाथो से मुठ मारने लगे। कुछ देर लगातार मुठ मरने से उनके लंड से उनका माल निकलने लगा। और अंकल जी के मुह से अहह अहह अहह येह अहह उफ़ उफ़ करके आवाज़ निकने लगी थी।

चुदाई के बाद मैंने अपने कपडे पहन लिए। और घर चली आई, मम्मी ने मुझसे पूछा आज देर क्यों हो गई, तो मैंने मम्मी से कहा आज आंटी जी थी नही तो अंकल जी ने कहा मेरे लिए थोडा खान ही बना दो तो इसलिए मुझे थोड़ी देर लग गई।

जब आंटी जी आ गयी तो उन्होंने मुझसे पूछा – तुमने अंकल जी चुदवाया है ना?? तो मैंने उनसे कहा – आप को कैसे पता चला?? तो उन्होंने बताया मैंने उस कमरे में एक छुपा हुआ कैमरा लगकर रखा है। तब मैंने उनसे सारी सचाई बताई। तो उन्होंने कहा फिर ऐसा मत करना। मैंने कहा ठीक है। आप ये कहानी नॉन वेंज  सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे थे।