हेलो दोस्तों, मैं रमा श्रीवास्तव आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।
मैं अपने चाचा के पास ही रहती थी। मैंने जवान हो चुकी थी। मेरे चाचा ने कई बार अकेले में पाकर मेरी चूत चोदने की कोशिश की थी। उनकी नजर शुरू से मुझ पर लगी हुई थी। वो मेरी इज्जत लूटना चाहते थे। मुझे चोदकर वो जिन्दगी का मजा लेना चाहते थे। मेरी चाची अब थोड़ी उम्रदराज हो चुकी थी इसलिए चाचा की दिलचस्पी उनमे कुछ कम हो गयी थी। पिछले साल 31 दिसम्बर 2016 की रात थी। चाचा को पार्टी करनी थी। उन्हें महंगी इंग्लिश शराब पीना बहुत पसंद था और आज तो नये साल की शुरुवात होने वाली थी। इसलिए चाचा मुझे और चाची को होटल प्रेम पैलेस लोज में ले गये थे। ये हमारे शहर का सबसे शानदार बड़ा और शानदार होटल था। हम तीनो से खाया खाया। फिर हम तीनो बियर बार में जाकर बैठ गये। पहली बार मैं किसी बार में गयी थी। वहां पर धीमी रोशनी थी और कई लड़कियाँ बहुत ही कम कपड़ों में डांस कर रही थी। चाचा ने मेरे और चाची के लिए चिल्ड बियर माँगा ली और अपने लिए व्हिस्की की एक लार्ज बोतल मंगा ली।
कुछ देर में 12 बजे गये और सब लोग डांस करने लगे। “काँटा लगा…पर डांस चल रहा था। सब शराब के नशे में झूम रहे थे। मैंने और चाची ने भी अपनी बियर खत्म कर ली थी। वहां पर कई आदमी पैसे हाथ में लेकर लड़कियों को बुलाते थे। जैसे वो आती थी वो लोग लड़कियों का हाथ पकड़कर गाल पर चुम्मा लेने की कोशिश करते थे और सीने पर हाथ जरुर लगाते थे। फिर लड़कियाँ पैसे लेकर किसी तरह अपना हाथ छुडाकर स्टेज पर फिरसे वापिस चली जाती थी और डांस करने लग जाती थी। मुझे हर तरह अश्लीलता ही अश्लीलता दिख रही थी। बार में लोगो को बस चलता तो वही पर उस नाचने वाली लड़कियों को चोद लेते। चाचा ने कई लड़कियों को पास बुलाकर पैसे दिए। मेरे चाचा बहुत ही ठरकी आदमी थे। उनको नई नई लड़कियों की नई नई चूत मारना पसंद था।
फिर रात के दो बजे तक हमने वहां बार में लड़कियाँ का डांस देखा। फिर घर आ गए। चाची अपने कमरे में चली गयी और साड़ी उतारने लगी। फिर उन्होंने अपना ब्लाउस खोल दिया और ब्रा भी उतार दी। वो मैक्सी पहनने ही वाली थी की चाचा कमरे में चले गये और चाची को किस करने लगे।
“आशा!!! आज नया साल लगा है। चूत दो ना जान!!!” चाचा शराब के नशे में झूमते हुए बोले
“नही!! अभी नही। बाद में मुझे चोद लेना। अभी मेरे सिर में दर्द हो रहा है!!” चाची बोली और बहाना मारकर लेट गयी। पर चाचा का तो मूड अब ठरकी हो गया था। उनको तो कोई चूत मारनी ही थी.
“धत तेरी की बीबी है पर चूत नही देती है!!” चाचा मुंह फुलाकर बोले और घर में इधर उधर टहलने लगे। मैं अपने कमरे में थी और कपड़े बदल रही थी। तभी मेरे चुदासे चाचा ने मुझे देख लिया और जबरन मेरे कमरे में घुस जाए। और मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने उस समय सिर्फ ब्रा और पैंटी पहन रखी थी। मैं रात का नाईट सूट पहनने जा रही थी। चाचा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और किस करने लगे। मैं डर गयी।
“चल रमा !! अपनी चूत दे, कबसे मेरा लंड खड़ा है!” चाचा शराब के नशे में झूमते बोले
“चाचा!!” मैंने जोर से चीखी
“आपका दिमाग तो ठीक है!!” मैंने कहा पर उन्होंने मेरी कोई बात नही सुनी। मुझे जबरदस्ती पकड़ लिया और बिस्तर पर लिटा दिया। मैं अपना नाईट सूट भी नही पहन पायी। वो मेरे उपर चढ़ गये और मेरे होठ चूसने लगे। मैं चिल्लाने लगी पर चाचा मेरे होठ चूसते ही रहे। इसी बीच उन्होंने मेरे मम्मे पर हाथ रख दिया और दबाने लगे। उनके मुंह से शराब की तीखी महक आ रही थी। मेरे गुलाबी होठ चूस रहे थे और मेरे मम्मे दबा रहे थे। मैंने नीली रंग की ब्रा और पेंटी पहन रखी थी जिस पर सफ़ेद सफ़ेद छोटी छोटी बिंदी की डिज़ाइन बनी हुई थी। उसमे मैं बहुत सेक्सी और मस्त चुदासी माल लग रही थी।
“चाचा!! मुझे छोड़ दो! प्लीस मेरी चूत मत मारो वरना मैं चाची से कल सुबह सब कह दूंगी!” मैंने गुस्सा होकर कहा
“भतीजी!!! चुप चाप मुझे अपनी रसीली चूत दे दे वरना मैं तुझे इस घर से निकाल दूंगा और तू रोटी के एक एक टुकड़े की मोहताज हो जाएगी!!” चाचा ने मुझे धमकी दी। दोस्तों मेरे घर में सिर्फ मैं और मेरा भाई ही बचे थे जो अब चाचा के पास ही उनके घर में रहते थे। मेरे माँ बाप तो पहले ही खत्म हो गये थे। इसलिए फिर मुझे मजबूरन चाचा के सामने झुकना पड गया। फिर चाचा ने मेरी ब्रा खोल दी और पेंटी भी उतार दी। मेरे नंगे जिस्म को देखकर उनकी आँखों में वासना भर गयी थी। उन्होंने अपनी शर्ट पेंट निकाल दी और पूरी तरह से नंगे हो गए। फिर मेरे साथ वो बिस्तर पर लेट गये और मुझे बाहों में भरके किस करने लगे। मैंने अंदर ही अंदर रो रही थी। हाँ मैं चुदना चाहती थी पर मेरे भी कुछ ख्वाब थे की मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड हो जो मुझे खूब प्यार करे और कसके चोदे। इसलिए मैं अंदर ही अंदर रो रही थी।
मेरा 45 साल का हब्सी चाचा आज मेरी चूत बजाने वाला था। चाचा के नाम पर वो एक कलंक था जो अपनी भतीजी की रसीली चूत में आज लंड डालकर चोदने जा रहा था। चाचा ने मुझे बाहों में भर लिया और गाल, गले, आँखों, कंधे, पेट, सब जगह वो मुझे चूम रहे थे। मेरी चाची अब थोड़ी बुड्ढी हो गयी थी इसलिए अब चाचा मेरी चूत का शिकार कर रहे थे। उनके हाथ मेरे जिस्म को हर जगह पर छू रहे थे। मेरे 40” के बड़े बड़े बूब्स को वो सहला रहे थे और मेरे जिस्म को किस कर रहे थे। उनका लौडा 10” का था जो बहुत मोटा था। मुझे डर लग रहा था की कैसे मैं इतने बड़े लौड़े से चुदवाउंगी। मेरा दिल धक धक कर रहा था। चाचा का शरीर बहुत भीमकाय था। मैंने उनके सामने बच्ची लग रही थी। फिर चाचा ने मेरे मम्मो पर रख रख दिया और गोल गोल हाथ घुमाकर मेरे मम्मो का साइज पता करने लगे।
मैं “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज निकालने लगी। दोस्तों मेरे मम्मे बहुत ही भरे हुए और खूबसूरत थे। देखने में मेरे बूब्स बहुत की खूबसूरत थे और निपल्स के चारो ओर लाल लाल बड़े बड़े छल्ले थे जो बहुत सुंदर लग रहे थे। चाचा मेरे बूब्स तेज तेज दबाने लगे और मेरे बूब्स चाटने लगे। फिर मुंह में लेकर चूसने लगे। मेरे पूरे तन बदन में आग सी लग रही थी। मेरा जिस्म जलने लगा था। चाचा तो जल्दी जल्दी मेरे बूब्स किसी आम की तरह चूसने लगे। वो मेरे लिए बिलकुल पागल हो गये थे। मैं पूरी तरह से नंगी उनके सामने लेती हुई थी। मेरी भरे हुए सेक्सी बदन को देखकर चाचा का लंड खड़ा हो गया था। वो मेरे उपर लेट गये थे और जल्दी जल्दी मेरे आम चूस रहे थे। इसके साथ ही वो तेज तेज मेरे बूब्स को दबा रहे थे। चाचा को भरपूर आनंद मिल रहा था। आँख बंद करके वो मेरे आम चूस रहे थे। मैं पागल हुई जा रही थी। मेरी चूत अब गीली होने लगी थी और उसने से रस निकलने लगा था। धीरे धीरे अब मुझे भी अच्छा लगने लगा था। मैंने भी अब चाचा को बाँहों में भर लिया और उनको किस करने लगी। चाचा मेरी चढती जवानी को देखकर बिलकुल पागल हुए जा रहे थे। वो मुझे बस जल्दी से चोद लेना चाहते थे। वो मेरे बड़े बड़े 40” के बूब्स को किसी आटे की तरह गूथ रहे थे। उनके हाथ बार बार मेरे पेट को सहला रहे थे। मेरा जिस्म भरा हुआ और बहुत गोरा था। मैं भी आँख बंद करके चाचा को अपनी छातियाँ पिला रही थी। मुझे भी बहुत हॉट हॉट लग रहा था।
चाचा बिना रुके मेरे मम्मो को बस चूसते ही जा रहे थे। जिस तरह से वो रोज चाची के दूध चूसते थे ठीक उसी तरह से आज वो मेरे दूध चूस रहे थे। ऐसा लग रहा था की मैं उनकी बीबी हूँ। फिर चाची ने मेरी दूसरी चूची मुंह में ठूस ली और पीने लगे। मैं “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की आवाज निकाल रही थी। चाचा के दांत मेरे मम्मो को काट रहे थे और मुझे चुभ रहे थे। मुझे दर्द हो रहा था पर मजा भी खूब आ रहा था। “ओह्ह्ह्ह चाचा!!… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ…चूसो चूसो….और चूसो…मेरे मम्मो को…अच्छे से चूसो” मैंने कहा। उसके बाद तो चाचा और चुदासे हो गये और जल्दी जल्दी मेरी रसीली छातियां चूसने लगे। मेरी चूत से सफ़ेद रंग का माल बहने लगा था क्यूंकि मैं बहुत सेक्सी फील कर रही थी। फिर चाचा ने मेरे हाथ में अपना 10” का लौड़ा दे दिया था।
“भतीजी!! चल फेट इसे!!” चाचा बोले तो मैं जल्दी जल्दी उनके लंड को फेटने लगी। ओह्ह्ह कितना शानदार लंड था उनका। कितना बड़ा, कितना मोटा और कितना शानदार। फिर मैं जल्दी जल्दी उनके लौड़े को उपर नीचे करके फेटने लगे। चाचा मेरे बगल ही बेड पर लेट गये थे। वो मेरी लटकती हुई चूचियों से छेड़खानी कर रहे थे। मुझे भी अब सेक्स और हवस का नशा चढ़ चुका था। आज मैं भी नये साल की रात को चाचा का मोटा लंड खाना चाहती थी और कसके चुदवाना चाहती थी। मेरे हाथ तो रुकने का नाम ही नही ले रहे थे। मैं जल्दी जल्दी चाचा के लौड़े को फेट रही थी। फिर मैं झुककर उनके लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी। मुझे अब सेक्स का नशा चढ़ चुका था। इसलिए मैं जल्दी जल्दी चाचा का लंड चूस रही थी और मुंह में अंदर लगे तक ले रही थी। चाचा को भी खूब मजा मिल रहा था। मेरे हाथ तो रुकने का नाम ही नही ले रहे थे। मैं जल्दी जल्दी चाचा का लंड गोल गोल आकार में फेट रही थी। मुझे अजीब सा नशा चढ़ गया था।
फिर चाचा ने मुझे लिटा दिया और मेरे 40” के लंड से मेरे दूध पर मारने लगे और थपकी देने लगे। मुझे बहुत सेक्सी महसूस हो रहा था। चाचा का मोटा खीरे जैसा लंड जैसा लंड मेरे मम्मो को पीट रहा था। चाचा मेरी निपल्स पर लंड रगड़ रहे थे। मुझे बहुत गुदगुदा महसूस हो रहा था। चाचा ने बड़ी देर तक मेरे दोनों मम्मो पर लंड से थपकी दी फिर मेरे क्लीवेज में लंड रख दिया और दोनों बूब्स को कसके पकड़ लिया और उसके उपर दबा दिया। फिर चाचा जल्दी जल्दी मेरे खूबसूरत और जवान मम्मो को चोदने लगे। मैं“आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” की आवाजे निकाल रही थी। चाचा मेरी रसीली छातियों को जल्दी जल्दी चोद रहे थे। मुझे बहुत सेक्सी और हॉट महसूस फील हो रहा था। मेरी गदराई अमरुद जैसी छातियां चुद रही थी। लग रहा था की चाचा मेरे दूध नही बल्कि मेरी चूत चोद रहे है। उन्होंने 20 मिनट तक मेरे मम्मो को अपने लौड़े से चोदा, फिर मेरे मुंह में लंड डाल दिया। मैं मुंह में लेकर चूसने लगी।
फिर चाचा ने मुझे कुतिया बना दिया। अपने सिर और गले को मोड़कर मैं बैठ गयी और अपने खूबसूरत पिछवाड़े को मैंने उपर उठा लिया। मैं किसी घोड़ी जैसी लग रही थी। मेरा सुंदर पिछवाड़े को देखकर चाचा बहुत खुश थे। वो मेरे पुट्ठों को सहलाने लगे। उनको बहुत मजा आ रहा था। मेरे पुट्ठे बहुत गोल मटोल और चिकने थे। चाचा बड़ी देर तक मेरे हसीन सफ़ेद पुट्ठों को सहलाते रहे, फिर चूमने लगा। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। चाचा अपने दांत मेरे पुट्ठो पर गड़ाकर मजा लेने लगे। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज निकालने लगी। मैं मुझे भी बहुत सेक्सी फील हो रहा था। फिर चाचा को मेरी भरी हुई चूत दिखने लगी। चाचा ने चट चट कई चांटे मेरे पुट्ठों को मार दिए। मैं सिसक गयी। चाचा चांटे मारते फिर किस करते। फिर मारते, फिर किस करते। फिर वो मेरी चूत पीछे से आकर पीने लगे। मेरी गांड के उन्होंने अपना सिर घुसेड़ दिया था। किसी चुदासे कुत्ते की तरह वो मेरी चूत जीभ निकालकर चाट रहे थे।
उनको बहुत आनंद मिल रहा था। चाचा तो मेरी चूत को खा ही लेना चाहते थे। मैंने सिर के बल कुतिया बनी हुई थी। चाचा अब भी मेरी चूत का अमृत रस पी रहे थे। फिर उन्होंने अपना लंड पीछे से मेरी चूत में लगा दिया और चोदने लगे। धीरे धीरे चाचा की रफ्तार बढती ही जा रही थी। वो जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा। पीछे से मैं चुद रही थी। इससे मुझे भी बहुत कसावट मिल रही थी क्यूंकि मेरी दोनों टांग तो बंद ही थी। चाचा तो लम्बे लम्बे हचके मार रहे थे।
मुझे डर लग रहा था की कहीं उनका 10” का लंड मेरा पेट ही ना फाड़ दे। चाचा मुझे कुतिया बनाकर किसी कुत्ते की तरह चोदने लगे। मैं तो हिली जा रही थी। फिर उन्होंने एक हाथ नीचे अंदर डाल दिया और मेरे चूत के दाने को जबरदस्ती छेड़ने लगे। मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की आवाज निकालने लगी। अब मुझे दुगुनी उत्त्तेजना हो रही थी। चाचा जल्दी जल्दी अपने सीधे हाथ से मेरे चूत के दाने को हिला रहे थे और जल्दी जल्दी मुझे चोद रहे थे। मैं सेक्स के नशे से पागल हुई जा रही थी। मेरे बड़े बड़े आम नीचे की तरह लटक रहे थे। चाचा मेरे आमों को भी कसके दबा देते थे। एक बार फिर से वो मेरे चूतड़ पर चांटे मारने लगे और मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगे। कुछ देर बाद उन्होंने अपना माल मेरी चूत में गिरा दिया था। मैंने चाचा से उस 31 दिसम्बर की रात को कसके चुदवा लिया था वरना वो और मेरे भाई को घर से निकाल देते। ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।
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