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तू मेरी बीवी चोद, मैंने तेरी बीवी चोदूँगा

दोस्तों, मैं कँवल शर्मा आपका नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत करता हूँ. जब मैंने इस वेबसाइट की मस्त चुदास और चुदाई वाली कहानियां पढ़ी तो सोचा की अपनी कहानी भी आप लोगों को बताऊँ. दुनिया को मेरे बारे में पता चले. सभी को मेरी मस्त चुदाई कहानी सुनने को मिले. तो अब बिना वक्त जाया किये सिद्धे कहानी पर आता हूँ. मेरी शादी को ५ साल हो गये थे. शुरू शुरू में जब मेरी बीवी चेतना नयी नयी थी तो बड़ा शर्म करती थी. उसको चोदते वक्त जब मैं ब्लू फिल्म दिखाता था तो वो बड़ा शर्म करती थी. नही देखती थी. पर दोस्तों, जैसे जैसे वक्त गुजरा वो अभ्यस्त हो गयी. अब चेतना बिलकुल शर्म नहीं करती थी. अब वो खुलकर मेरे लैपटॉप से चुदाई वीडियो देखती थी. पहले की तुलना में अब वो बहुत खुल चुकी थी जहाँ पहले केवल लेटकर वो चुदाई करवाती थी, वही अब वो ५ ६ आसनों से चुदवाती थी. आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

चेतना! तू भी फसबूक और व्हात्सप्प कर लिया कर! मैंने उससे एक दिन कह दिया. अब वो भी फसबूक चलाने लगी. व्हात्सुप करने लगी. हमारी शादी के ५ साल हो गए थे. हमको एक बच्चा भी हो गया था. एक दिन चेतना बोली की मर्द लोग तो बाहर बाहर चक्कर चलाते रहते है. पर वही काम अगर बीवी करे तो बड़ा कोसते है. मैं उस समय मजाक के मूड में था.

जा चेतना! तू भी क्या याद करेगी. जा तू भी किसी से चक्कर चला ले. मैं तुजको छुट देता हूँ  मैंने अपनी बीवी से कह दिया अब चेतना सुबह शाम फसबुक में ही भिडी रहती. कुछ दिन बाद उसकी एक बंगाली लडके से चैट शुरू हो गयी. मैं अपनी बीवी चेतना से कह दिया था की एक साल तक तू किसी से भी चुदवा ले, मुजको कोई ऐतराज नहीं. क्यूंकि मेरा भी शादी के बाद एक पुरानी दोस्त से अफ्फैर था. इसलिए पति पत्नी को बराबरी का  हक होना चाहिए. ये सोचकर मैंने चेतना को किसी से १ साल के लिए चुदने को कह दिया था. वो फसबूक वाला लड़का मेरी बीवी चेतना को चोदना चाहता था. वो चेतना को कोलकाता बुला रहा था. चेतना कम ही यात्रा करती थी. इसलिए मुझसे कोलकाता चलने को कह रही थी. मैंने सोच रहा था की ये तो अच्छी मुसीबत है. एक तो अपनी बीवी को गैर मर्द से चुदवाओ और ऊपर से उसके ले के चलो.

मैं एक accountant था और एक chartered accountant के अंडर में काम करता था. दोस्तों वो बहुत खडूस आदमी है. पुरे ३० दिन काम करवाता है. एक दिन की छुट्टी नहीं करता था. तो अब मैं अपनी प्यारी बीवी को चुदवाने के लिए कोलकाता जाऊ. कुछ महीने और निकल गए. मुझको समय नहीं मिला. इस दौरान मेरी बीवी चेतना उस बंगाली लडके से सेक्स चैट करती रही. एक बार मैंने लैपटॉप में उनकी चैटिंग पढ़ ली. बस पूछिए मस्त दोस्तों, मेरा लंड खड़ा हो गया उनकी बाते पढकर. अब तो यही जी कर रहा था की वो लड़का मेरी बीवी को मेरे सामने चोदे और मैं चेतना को चुदवाते देखू और जन्नत का मजा उठाऊं. फिर मैं भी उससे बात करने लगा.

मेरी बीवी तुमको कैसी लगी? मैंने उससे पूछा.

उसका नाम नितिन था मैं तो आप लोगों को बताना भूल ही गया.

अच्छी लगी, बहुत अच्छी! नितिन ने जवाब दिया.

कैसे लेगा मेरी बीवी को? मैंने पूछा

हर angle से  नितिन बोला

मस्त भाई. अच्छा बता मेरे सामने चोदेगा मेरी बीवी को? मैंने पूछा

चोद दूँगा, तेरी बीवी को तेरे सामने ही चोद दूँगा नितिन बोला

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तो ऐसा कर लेते है. बीवी बदल ली जाए. तू मेरी को चोद , और मैं तेरी को?? क्या बोलता है? मैं वहां इतनी दूर कोलकाता आऊंगा और चूत मुझको न मिले तो भी बेकार है  मैंने कहा. आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

ठीक है भाई  ऐसा ही कर लेते है नितिन बोला.

दोस्तों अब मैं उसकी बीवी से बात करने लगा. उसका नाम मिस्टी था. बंगाली लोग मिठाई बहुत खाते है. वो मिठाई को बंगाली में मिस्टी कहते है. तभी नितिन की बीवी का नाम मिस्टी था. बहुत ही अच्छी लड़की थी. मैं उससे हर रात चैटिंग करने लगा. फिर मैंने खडूस बोस से छुट्टी मंगी ये बताकर की मेरी माँ बहुत बीमार है. तब जाकर हम हसबंड वाइफ को छुट्टी मिल पायी. मैंने और चेतना ने दिल्ली से कोलकता की ट्रेन पकड़ ली. मैंने नितिन को बता दिया था की अगले दिन सुबह १० बजे तक हम दोनों कोल्कता पहुच जाएँगे. नितिन मुझको रिसीव करने आया. कहना गलत नहीं होगा की काफी हैंडसम लड़का था. मेरी बीवी ने भी क्या खूब सामान पटाया है, मैंने सोचा. नितिन ने एक होटल बताया. ये एकांत में था. उसके जान पहचान का था. हम दोनों मिया बीवी वहीँ रुके. पुरे दिन तो हम मियां बीवी ने आराम किया.. रात को नितिन और उसकी छमिया यानि मिस्टी आ गयी.

ये होटल उसके जान पहचान का था. इसलिए कोई दिक्कत नही थी. मैंने नितिन को बहार एक सेकंड के लिए बुलाया.

भाई अलग अलग कमरे में चुदाई की जाए ?? उसने पूछा

अरे नही यार! एक डबल बेड वाला कमरा लेते है. वहीँ एक साथ तू मेरी बीवी को चोदना और मैं तेरी वाली को चोदुंगा. मजा आ जाएगा इसमें, विस्वास कर नितिन. तू अपनी बीवी को चुदते हुए देख लेगा और मैं अपनी बीवी को चुदते देख लूँगा. और देख मेरी बीवी को कसके चोदना. जितनी जोर जोर से तू उसको चोदेगा मुझको उतना ही मजा आएगा मैंने उसको समझाया. तो नितिन बोला की मैं भी उसकी बीवी को हबशियों की तरह पेलू. मैं खुस हो गया.

तो दोस्तों अब हम चारों एक ही कमरे में आ गए थे. मेरी बीवी चेतना तो नितिन से पहले से ही सेक्स चैट करती थी. वो दोनों एक तरह चले गए, मैं मिस्टी के पास आ गया.

कैसी है मिस्टी जी?? मैंने हाथ मिलाने के लिए बढ़ाया

ठीक हूँ मिस्टी ने भी हाथ दिया. मैं जल्दी से उसका हाथ चूम लिया. बड़ी खूबसूरत लड़की थी. मिस्टी के भी एक बच्चा था.

मिस्टी जी, शुरू किया जाए ?? मैंने पूछा. वो थोडा झेप गयी. हमारे होटल के इस कमरे में २ बेड पड़े थे. मैंने पीछे मुड़कर देखा. नितिन मेरी बीवी चेतना के साथ चालू था. मैंने भी समय नही गवाया. मैंने मिस्टी को बाँहों में भर लिया. आह कितनी सोंधी महक थी उसकी सांसों की. मिस्टी भी काफी खूबसूरत थी. बिलकुल कश्मीर की कली लग रही थी दोस्तों. बिलकुल छमिया लगती थी. मैं उसको लेकर अपने वाले बेड पर चला गया. मैं अपने होंठ मिस्टी के मिठाई जैसे होंठों पर रख दिए. दोस्तों, जहाँ मेरी बीवी चेतना खूब हट्टी कट्टी थी वहीँ मिस्टी पतली दुबली थी. पर लड़की बड़ी जक्कास थी. बड़ी नजाकत थी उसमे. मिस्टी ने अपनी आँखे बंद कर ली. मैंने उसके होंठ पीने लगा. लाइट में कुछ मजा नहीं आ रहा था. इसलिए मैंने बड़ी बत्ती बुझा दी और दो टेबल लंप जला दिए. अब हमारे कमरे में अँधेरा था पर दोनों बेड के सिरहाने पर हल्का हल्का उजाला था. अब कमरे का मौसम बड़ा रोमांटिक बन गया था. मैंने देखा मेरी बीवी चेतना तो बिलकुल मेरे बारे में भूल गयी थी. वो नितिन से ऐसे चूमा चाटी कर रही थी जैसे उससे कबसे चुदवा रही हो. अब मैं उसकी बीवी और मेरी नयी मॉल मिस्टी पर फोकस करने लगा. मैंने उसके होंठ को खूब पिया. उसके होंठ देखकर तो कोई भी उस पर मर मिटता. मिस्टी साडी में आयी थी. और मेरी बीवी चेतना भी साडी में थी. मैंने धीरे धीरे मिस्टी का ब्लौज़ खोलना शुरू किया. बड़ा झेप रही थी वो. आखिर मुझको उनका ब्लौस उतरने में सफलता मिली. मिस्टी की ब्रा भी मैंने निकाल फेकी. अच्छे छोटे छोटे सईज के मम्मे थे उसके. न बहुत बड़े थे न बहुत छोटे. आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

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वही मेरी बीवी चेतना के तो ३६ साइज के मम्मे थे. नितिन उनको मस्ती से पी रहा था. मिस्टी के होंठ का सारा शहद चूसने के बाद अब मैं उसके मम्मे पीने लगा. उधर नितिन चेतना को चोदने लगा था. मैं जल्दी से एक सेल्फ में अपना फोन रिकॉर्डिंग पर लगा दिया. नितिन चेतना को दनादन चोद रहा था. उसके झटकों से मेरी बीवी चेतना आगे पीछे बिस्तर पर उपर नीचे सरक रही थी. चेतना ने भी आँखे बंद कर रही थी. नितिन उसके माथे पर चूम चूम के मेरी बीवी को रंडियों की तरह चोद रहा था. इधर अब मैं भी शुरू हो गया था. पर सबसे जादा मजा तो अपनी बीवी को गैर मर्द से चुदते देखने में हो रहा था. आज एक पराया आदमी उसके रूप का रस पी रहा था. मेरे बीवी के शरीर का उपभोग कर रहा था. जैसा मैंने नितिन को समझाया था बिलकुल वो वैसे भी मेरी बीवी को पेल रहा था.

चेतना जितनी जोर जोर से आहें भर रही थी, मुझको उतनी जादा जादा मजा मिल रहा था. जहाँ एक तरह मेरी बीवी गैर से चुद रही थी और मुझको ये देखने का सौभाग्य मिल रहा था , वही मेरी स्टाइल थोड़ी दूसरी थी. मैं प्यार कर कर के उनकी बीवी मिस्टी को पेलना चाहता था. उधर मेरी बीवी हा हा करके नितिन से चुद रही थी. पर मैं मिस्टी के साथ अभी लिपटा लिपटी कर रहा था. मैंने अभी उसको चोदना शुरू नहीं किया था. मैं तो अभी उसके बदन की मादक महक को सूंघना चाहता था. मैंने उसको अपनी बाहों में जकड रखा था और अपनी बीवी की तरह उसको प्यार कर रहा था. कुछ देर बाद मैंने भी मिस्टी की चुदाई शुरू कर दी, पर पुरे प्यार और सम्मान थे. जबकि नितिन से भी यही इक्षा जताई थी की मैं उसकी बीवी को वहशियों की तरह सम्भोग करू.

 उधर अब पोस बदल गया था. नितिन बेड पर लेता था. मेरी बीवी चेतना उसके उपर बैठ गयी थी. वो अपनी गाड़ जोर जोर से उठा उठा के उसको चोद रही थी. नितिन उसकी चोद के भगनासा को जल्दी जल्दी सहला रहा था. हाय, मैं मर जाऊ जहर खाके, मेरी बीवी तो बड़ी छिन्दिरी निकल गयी. उसके मुख पर शर्म हाय के एक भी भाव नहीं था. बल्कि गैर मर्द का लंड ऐसे धडल्ले से ले रही थी , जैसा उसका हक हो. खट खट की आवाज हो रही थी जब चेतना नितिन के लंड पर कूद कूद कर चुदवा रही थी. उसकी चूत बड़े अच्छे से चुद रही थी. नितिन उसके चूतडों को बड़े कामुक अंदाज में हाथ फिर रहा था. मेरी बीवी की कमर चुदवाते समय खूब गोल गोल नाच रही थी. देखकर तो यहो लग रहा था की छिनाल १० २० सालों ने रंडीबाजी का धंधा कर रही है. इधर अब मैंने धीरे धीरे प्यार से मिस्टी की मिठाई खाने लगा था.

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देख दोनों कितने मस्त है?? चुदाई में इनको आज गोल्ड मेडल तो मिल जाएगा!! मैंने १ सेकंड रुककर मिस्टी को नजारा दिखाया. आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

मस्त चुदाई हो रही है इनकी! मिस्टी बोली और मेरी ओर उसने मुह कर लिया. हम दोनों अब खेलने लगे. मैं अभी पॉवर प्ले नहीं खेल रहा था. मैं अभी बाल को प्ले कर रहा था. जनकी उधर मेरी बीवी तो पॉवर प्ले खेल रही थी. कुछ सेकंड में वो इतनी जल्दी जल्दी कमर चलाने लगी की मुझको तो उससे जलन हो गयी. फिर दोस्तों ६० सेकंड में उसके १२० या उससे जादा बार कमर किसी मशीन की तरह उपर निचे चला दी. फिर अचानक चेतना की चूत में हलचल होने लगी. फिर अंत में दोनों जांघे उसकी आगे पीछे होकर करकरा करी. हड्डियों के कर्कराने की आवाज मैंने सुनी. मेरी बीवी का सारा बदन एठ गया. मैं जान गया की शानदार चुदाई से ये सम्भव हो पाया है.

मैंने अब नितिन की बीवी मिस्टी पर ध्यान लगाया. पहले तो धीरे धीरे लेता रहा. मैं राहुल द्रविड़ की तरह पहले सिंगल सिंगल खेना चाटना था. इसमें ही असली मजा है. मिस्टी ने मुझको खूब में भींच लिया. ये पल सायद मेरी जिंदगी का सबसे अद्भुत पल था. दूसरे की बिवी और अपने बच्चे हमेशा अच्छे लगते है. आज मैं एक गैर आदमी की बीवी से संभोग कर रहा था. निश्चित रूप से ये पल मेरे लिए एक शानदार और यादगार पल था. मिस्टी की चूडिया खन खन करके हिल रही थी. मैं दूसरी की बिवी की उसके मर्द के सामने चोद रहा था. मैंने पलट के देखा. नितिन अपनी बीवी को गैर से चुदते देखने का सुख उठा रहा था.

प्लीस थोडा तेज! हल्की आवाज में नितिन से आग्रह किया. अब मैं मिस्टी को जल्दी जल्दी हौकने लगा. गहरे धक्के उनको देने लगा. पर वो जितनी नाजुक और नजाकत वाली थी , उसको तो प्यार से धीरे धीरे ही खाना चाहिए था. मेरी लिंग उसकी चिकनी योनी में पूरा का पूरा उतर और समा गया था. जब गहरे धक्को का सिलसिला जोर पकड़ा तो मिस्टी मुझको भींचती चली गयी. मैं हू हू करके और तेज धक्के मारने लगा. मिस्टी की आहे बढ़ने लगी. मुझसे अब जादा सुख मिलने लगा. ३० मिनट तक और उसके साथ मेहनत करने के बाद मैंने अपना अमृत उनकी योनी में छोड़ दिया. वो सम्पूर्ण तृप्त हो गयी.

हम मिया बीवी कोल्कता में ७ दिन रुके. सातों दिन हम दोनों मर्दों ने एक दूसरी की बीवी की खाया और वापिस दिल्ली लौट आये.