मेरे प्यारे दोस्त आपको मेरा प्यार भरा नमस्कार, कभी कभी ज़िंदगी में कुछ ऐसा पल आपके सामने आता है जिसकी यादों को आप जिंदिगी भर समेत के रखना चाहते है, और जब भी कभी आपके सामने कुछ नहीं होता है आप उसी यादों के सहारे आप अपने आप को खुश रखते है, आपकी भी जिंदिगी में कुछ ऐसे पल होंगे जिसको आप हमेशा याद करते होंगे, क्या मैं सही हु की नहीं?
मेरी भी ज़िंदगी में एक पल ऐसा आया था जिसको आपज मैं आपके सामने पेश अपनी ही शब्दों में कर रहा हु, क्यों की मैं अक्सर देखता हु की नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे सब लोग अपनी अपनी बात शेयर करते है ये मेरा पहला पोस्ट है, अगर आपका रिस्पांस अच्छा रहा तो और भी मेरी ज़िंदगी के अनछुये पहलु को आपके सामने पेश करेंगे.
मेरा नाम रणवीर है मेरी शादी के बाद ही दिल्ली आ गए थे, अपने वाइफ के साथ, ज़िंदगी काफी अच्छी काट रही थी, हम दोनों पति पत्नी खुश थे पर उस ख़ुशी में चार चाँद लगाने के लिए हमारे पडोसी भी आ गए, मेरे मकान के तीसरे मकान में एक फैमिली रहती थी उनकी दो बेटियां और और वो वाइफ हस्बैंड रहते थे, बेटी की उम्र करीब २१ साल और दूसरी की २० साल थी, अंकल मनाली के होटल में मैनेजर थे तो वो मनाली में ही रहते थे घर में सिर्फ माँ और उनकी दोनों बेटियां ही रहती थी, माँ भी बहुत सुन्दर थी, उनका आगे करीब ३८ साल के आप पास होगा पर वो एकदम यंग लगती थी,
उनकलोगों का परिचय मेरे वाइफ के थ्रू ही हुआ था तो, पहले मैं उन दोनों लड़कियों की नाम बता दू एक नाम था पायल और दूसरी का नाम था अन्नू, दोनों कॉलेज में पढ़ती थी पर दोनों बड़ी ही संस्कार बाली लड़की थी ज्यादा इधर उधर नहीं रहती थी भगवान ने इतना सुन्दर बनाया था की उन दोनों को कभी सजने कवरने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी, उसकी माँ भी उसी तरह की थी काफी खुस्बसूरत थी, अब मैं सीधे कहानी पे आता हु, मेरी वाइफ को पायल की माँ अपनी ही बेटी समझती थी कहती थी मैं तुम्हे अपनी बेटी ही कहूँगी, तो मेरी वाइफ बोली ठीक है फिर मैं भी आपको आंटी नहीं माँ ही बोलूंगी, तो वो बहुत ही खुश हुयी, तो रिश्ता यहाँ से सुरु हुआ मैं तो दामाद हो गया और मेरी सास और दो साली.
कुछ दिन बाद मेरी वाइफ गाँव चली गयी तो खाना पीना मेरा उनके घर में ही होने लगा, वो तीनो मेरी बहुत इज्जत करते थे, कभी कभार हल्का फुल्का मज़ाक भी हो जाता था, एक दिन पायल कहने लगी जानते हो जीजा जी अगर आप कुंवारे होते तो मैं शादी कर लेती आप मुझे बहुत ही पसंद हो, तभी अन्नू भी बोली दीदी आप क्या बोल रहे हो, मैं आपको करने ही नहीं देती क्यों की मैं करती जीजाजी से शादी, उनकी माँ किचन में थी बोली कोई बात नहीं बाँट तो आधा आधा तब तक जब तक तुम्हारी दीदी गाँव से नहीं आ जाती, फिर हम चारो हुस पड़े,
ठंढ का दिन था रात को पायल खाना खाने बुलाने आये मैं गया और खाना खाया थोड़े देर तक टीवी देखा, रात ज्यादा हो गया था मैंने कहा ठीक है पायल मैं चलता हु, कल संडे है देर तक सोऊंगा, तो पायल की मम्मी बोल उठी बेटा यही सो जाओ कहा जाओगे, यहाँ भी सोना है वह भी सोना है, बेड खाली है, आप इसी कमरे में सो जाओ इस बेड पे पायल उस बेड पे सो जाएगी और मैं और अन्नू दूसरे कमरे में सो जायेंगे, और ऐसा ही हुआ, ठण्ड ज्यादा था इस वजह से दरवाजा बंद कर के सोना होता था, वो दोनों एक कमरे में चले गए और और मैं और पायल इसी कमरे में थे, बात चित होने लगी अलग अलग सोने की वजह से हरेक बात ठीक से सुनाई नहीं पड़ रहा था इस वजह से पायल बोली मैं आपके बेड पे ही आके बैठती हु, वो फिर मेरे बेड पे ही अाके बैठ गयी हम दोनों एक ही रजाई में थे पर दोनों का पोजीशन अलग अलग था वो दिवार के सहारे बैठी थी और मैं बेड के हेड के सहारे.
अच्चानक पायल का पैर मेरे पैर से टच किया तो मुस्कुरा उठी, बोली क्या बात है करंट लग गया क्या मैंने बोला क्यों आप को पावर हाउस हो बोली हां ऐसी ही हु, मैंने बोला दिखाओ कहा है पावर स्टेशन तो वो अपने चूच के तरफ इसारा कर के बोली ये देखो यहाँ है, मैंने कहा ऐसे पता नहीं चलेगा, छु के देखना पडेगा, तो वो बोली मना किसने किया पर बच के करंट लग सकता है, मैंने कहा इधर आओ तब तो फिर वो मेरे साइड आ गयी, मैंने समझ गया की की आज कुछ मामला गड़बड़ है, वो जैसे आई मेरे तरफ बोली जीजा जी क्या जो मम्मी बोली की आधा आधा बाँट लो क्या ये सच में ऐसा हो सकता है, जब तक दीदी नहीं आती है हम दोनों पति पत्नी के तरह रह सकते है क्यों की मैं आपसे बहुत प्यार करती हु, मैंने पायल की आँखों में देखा वो मेरे आँखों में आँखे डाल के देख रही थी, वो बोली प्लीज मना मत करना दीदी आते ही मैं आपसे दूर हो जाउंगी पर थोड़े दिन के लिए मुझे अपना लो, मैंने कहा पायल ये अच्छी बात नहीं है पता है आपको अगर ये बात आपके माँ को या आपके दीदी को पता चलेगा तो क्या होगा, बोली उनको पता नहीं चलेगा.
वो मेरे में लिपट गयी बोली प्लीज मना मत करो, अगर आप मना कर दोगे तो मैं अपनी जान दे दूंगी, मैंने उसके पीठ को थपथपाया और बोला ओके ऐसा ही होगा, इतना कहते ही पायल खुश हो गयी और मेरे गले मिलने लगी और मुझे किश करने लगी उसा बड़ा बड़ा चूची मेरे छाती को टच कर रहा था, वो बार बार मुझे देख रही थी और फेस पे किश कर रही थी और आई लव यू कह रही थी. मैंने भी उसके होठ पे किश किया तो उसने अपनी आँख बंद कर ली, और अपने आप को पूरी तरह से मुझे समर्पित कर दी, मैंने उसके होठ पे ऊँगली फिराई वो सिहर गयी उसका गाल लाल लाल हो गया था. मैंने उसके चूच पे हाथ रकह वो भी मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दी और दबाब देने लगी मैंने भी चूचियाँ दबाने लगा, फिर वो रजाई हटा के मेरे स्वेटर को फिर बनियान को खोल दी मैंने भी उसका टी शर्ट उतार दी, वो रेड ब्रा में थी गजब का उभर था उसके स्तन का, गोरी चिट्टी, संगमरमर का बदन, मैंने ब्रा का हुक पीछे से खोला उसके दोनों चूच आज़ाद हो गया तभी तो अपने हाथ से चूच को पकड़ के मुझे अपने गोद में सुलाई और चूच को मेरे मुह में दे दी, मैं बच्चों की तरह चूच को चूसने लगा उसका चुचूक पिंक हो गया था और काफी टाइट हो गया था.
इस तरह से दोनों चूचियों को बारी बारी से पिलाई, वो इस्स्स्सस इस्स्स्सस ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआह आअह आअह आई लव यू जीजा जी, मैं आपके बिना नहीं रह पाऊँगी, मैं कब से आपसे मिलन चाहती थी, पर मौक़ा ही नहीं मिला, आअह आअह मेरे राजा चूस लो अपनी साली को, आज से मैं आपकी बीवी जैसी हु जो चाहो कर लो, मेरी आत्मा को और वासना को तृप्त कर दो, ऐसा मौक़ा बार बार नहीं मिलेगा हाय मेरी जान. फिर मैंने उसके पाजामा को खोल दिया और मैंने भी, वो रेड कलर की पेंटी में थी, मैंने पेंटी में हाथ डाली तो पायल का बूर भभक रहा था, ऐसा लग रहा था की कोयले की भठ्ठी हो, गरम हो चुका था और पानी छोड़ रही थी, मैंने ऊँगली घुसाने की कोशिश की तो बोली नहीं, आप लंड घुसाओ, मैंने फिर ऊपर गया और किश करने लगा बाल मैंने उसके खोल दिए हाथ ऊपर किया तो उसके कांख के काले काले बाल गजब के दिख रहे थे गोर गोर शरीर पे, मैंने उसके कांख को चाटना सुरु किया पर वो बार बार सिहर रही थी.
मैंने फिर उसके बूर पे अपना लंड रखा बूर काफी गीली हो चुकी थी मैंने एक झटका लगाया वो तकिया को अपने मुठी में दबाने लगी, फिर मैंने दुसरा झटका लगाया करीब ४ इंच लंड बूर में चला गया पर वो रो पड़ी, बोली दर्द हो रहा है, बहुत दर्द हो रहा है, मैंने कहा पहली बार चुदने में दर्द होगा फिर ठीक हो जाएगा, वो चुप हो गयी फिर मैंने कस के झटका मारा उसके मुह से आउच उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ की आवाज निकली मैं थोड़ा रूक गया लंड मेरा बूर में अंदर चला गया था, करीब आठ इंच का लंड बूर में सेट था, मैंने अपने हाथ को उसके चूच पे रखा और हल्का हल्का दबाया, वो अपने होठ को दांत से दबा रही थी, फिर मैंने अपने लंड को थोड़ा निकाला फिर डाला फिर धीरे धीरे अंदर बहार करने लगा, करीब १० मिनट तक मैंने ट्रेडिशनल स्टाइल में चोदा जैसा की आपलोग हिंदी सिनेमा में सुहागरात की सीन देखते हो, फिर वो भी काफी गरम हो गयी वो अपना गांड उठा उठा के चुदवाने लगी,
आह जीजा जी मज़ा आ गया चोदो मुझे कस के चोदो, चोद मेरे सैयां, आज से मैं आपकी हु, गांड में पीछे से ऊँगली डाल, मैंने दोनों हाथ को चूतड़ के निचे लगाया और उसके गांड में ऊँगली डाली बूर से इतना पानी निकल रहा था की गांड भी पूरी तरह से गीली था, वो चुदवाती रही मैं चोदता रहा, फिर मैंने उसको घोड़ी बना को चोदा, फिर मैंने पलंग से निचे हो गया और फिर उसका दोनों टांग उठा उठा के चोदा, उस रात को हम दोनों ४ बार चुदाई की, उसका बूर सूज गया था, हम दोनों एक ही रजाई में रात भर सोये सुबह जैसे ही अन्नू दरवाजा खटखटाई तब उठे, जब घडी देखा तो ११ बज रहे थे, पायल दरवाजा खोली तो अन्नू बोल पड़ी, दीदी क्या बात है, जो कल माँ ने कहा था वो सच हो गया क्या, जीजा जी को आधा बाँट ली, हम चारो हसने लगे,
दोस्तों आगे के स्टोरी में पोस्ट करूँगा की उसी दिन दिन को अन्नू को चोदा और उसके दूसरे दिन मैंने उसकी माँ को चोदा, आपको ये कहानी कैसी लगी स्टार पे जरूर रेट करे और कमेंट भी करे ताकि मैं अन्नू के बारे में अच्छी तरह से लिख सके, आप वेबसाइट पे आते रहें क्यों को दोनों कहानियाँ आपको काफी अच्छा लगेगा तब तक के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
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