हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम हिमांशु पांडे है, और मै फैजाबाद का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 20 साल है। मै आप सभी का नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत करता हूँ। मै नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम का बहुत बड़ा प्रसंसक हूँ। आज मै अपनी जिन्दगी की कहानी आप सभी से शेयर करने जा रहा हूँ। मै देखने में बहुत ही सीधा और काफी स्मार्ट हूँ। मै जितना सीधा दिखता हूँ उतना भी सीधा नही हूँ। लेकिन बहुत ज्यादा कमीना भी नही हूँ। मेरी कहानी तो पहले से ही शुरु थी लेकिन असली कहानी तो तब शुरु हुई जब मै अपने जिन्दगी की पहली लड़की को किसी तरह से पटाया था और फिर उसको किसी तरह से चुदने के लिए भी मना लिया था। मैंने कभी भी नही सोचा था कि मै किसी लड़की को चोदुंगा और वो भी बिना कंडोम के। जब मैंने पहली बार एक लड़की पटा लिया और कुछ दिन बाद उसे चुदने के लिए भी। मै उसको चोदने के लिए अपने दुसरे वाले घर पर ले गया, जहाँ कोई नही रहता था। आप ये कहानी नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है। पहले तो हमने बहुत देर तक किस किया और जब कुछ देर बाद हम जोश में आ गये तो मै उसकी चुदाई करने के लिए कंडोम पहन रहा था, लेकिन जल्दी जल्दी में कंडोम फट गया। उस दिन केवल एक ही कंडोम मिला था। मैंने सोचा अब क्या करू, तो मैंने अपनी पहली चुदाई बिना कंडोम के कर डाली। लेकिन पहली चुदाई का मज़ा ही कुछ अलग होता है।
उसके बाद कुछ दिन बाद मैंने फिर से उसी लड़की को चोदा लेकिन इस बार मैंने कंडोम पहन कर चोदा। इस वाली चुदाई में उतना मज़ा नही आया। फिर मैंने सोच लिया कि अब किसी भी लड़की को चोदुंगा तो बिना कंडोम के ही।
कुछ दिन पहले की बात है। जब मै ग्रेजुएट हो गया, तो तैयारी करने के लिए मै लखनऊ नवाबो के शहर में आया। वहां मैंने अपनी तैयारी के लिए महिन्द्रा ज्वाइन कर लिया। और साथ में रहने के लिए एक रूम भी ले लिया। जहाँ मै रहता था, मेरे माकन मालिक भी वहीँ रहते थे। उनका दो मंजिल का घर था और उन्होंने मुझे ऊपर वाला कमरा किराये पर दे दिया। मेरा मकान मालिक बहुत ही अच्छा था। उसके घर में वो पति – पत्नी और उनकी एक 19 साल की बेटी और 10 साल का बेटा रहते थे। मकान मालिक कोई सरकारी जॉब करते थे तो वो हमेशा दिन के समय घर से बाहर रहते थे।
मैंने अपना सारा सामान सेट करके अपनी पहली दिन के क्लास के लिए निकल गया। जब मै वहन पहुंचा तो पहले से ही क्लास चल रही थी। मै बाहर ही बैठ गया। कुछ देर बाद बच्चे धीरे धीरे आने लगे। कुछ देर बाद अक लड़का आया, वो मेरे ही बगल में बैठ गया। कुछ देर बाद मेरी उससे दोस्ती हो गई। उसने अपना नाम सुनील बताया। उसके बोलने और ओके बात करने के स्टायल से लग रहा था कि वो पढने में तेज है। हम लोग वहां इंतजार ही कर रहे थे कि कुछ देर बाद एक लड़की आई और सुनील से बात करने लगी। वो दिखने में बहुत ही मस्त थी। बिल्कुल पटाका लग रही थी। उसको देखने के बाद मेरे मुह में तो पानी आ गया था। जब वो चली गयी तो मैंने सुनील से पूछा – ये कौन थी?? तो उसने कहा – “यार ये मेरी क्लासमेट थी”। बस उसके साथ में दोस्ती है। मैंने सुनील से कहा – दोस्त या उससे बढकर ?? तो उसने कहा – “ऐसी कुछ बात नही है बस दोस्ती ही है”।
कुछ देर बाद हमारा क्लास शुरु ही गया। हमारे उस बैच में बहुत सी लड़कियां थी। अगर थोडा भी ध्यान भटक जाये तो तुम पढ़ नही सकते थे। उसमे में तो बहुत से लड़के केवल सिटीयाबाज़ी करने आये थे। मै अपने दोस्त सुनील के साथ में ध्यान से पढ़ रहा था। हम दोनों का ध्यान केवल पढाई पर ही था। कोचिंग का पहला दिन काफी अच्छा था। जब क्लास छूटी तो मै और सुनील दोनो साथ में ही बात करते निकल रहे थे। जब बाहर निकले तो सुनील की दोस्त फिर से मिल गई। उसके उससे पूछा ये कौन है?? तो उसने कहा – “ये हिमांशु है मेरा नया दोस्त आज ही मिले है”। उसकी दोस्त ने मुझसे हाथ मिलाया और अपना नाम ज्योति बताया।
कुछ देर बाद वो चली गई। मै भी घर चला आया। वहां से आने के बाद मैंने थोडा सा खाना अपने बनाया और खाया। खाना खाने के बाद मै पढने के लिए बैठ गया। 3 घंटे पढने के बाद जब मै थोडा थक गया तो मैंने सोचा कुछ देर बाहर घूम लेता हूँ उसके बाद फिर पढता हूँ। मै घूमने के लिए छत पर चला गया। कुछ देर बाद जब मै वापस आया तो मैंने देखा ज्योति मकान मालिक से घर में चली गई। मै जान गया कि ये यहीं रहती है। आप ये कहानी नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है। लेकिन उसे नही पता था। धीरे धीरे हमारी दोस्ती और भी ज्यादा हो गई। मेरे ग्रुप में मै सुनील और ज्योति 3 लोग रहते थे।
एक दिन मैंने सोचा इसको बता दूँ की मै वहीँ तुम्हारे घर में ही रहता हूँ लेकिन मैंने सोचा सामने आकर बताऊंगा। कोचिंग के बाद मै घर चला आया। ज्योति भी घर आ गयी, मैंने नमक मांगने के बहाने से उसके घर गया और दरवाज़ा खटखटाया तो मकान मालकिन ने कहा – बेटी ज्योति देखना तो कौन आया है?? उसने जब दरवाज़ा खोला तो कहा – तुम यहाँ क्या कर रहे हो। मैंने उससे कहा – “मै तो नमक मांगने आया था”। ये तुम्हारा घर है क्या ?? मुझे तो पता ही नही था मै इतने दिनों से यहीं पर रह रहा हूँ। कुछ देर में उसकी मम्मी आ गई। मैंने उनसे नमस्ते कहा और कहा – आंटी जी थोडा सा नमक मिल जायेगा। तो उन्होंने कहा – “क्यों नही बेटा अभी देती हूँ”। उन्होंने कहा – ज्योति तुम यहाँ क्या कर रही हो?? तो उसने कहा मम्मी ये मेरे दोस्त है मेरे साथ में पढता है। कुछ देर बात करने के बाद मै नमक लेकर वहां से चल आया। उसके बाद मेरी ज्योति से और भी तगड़ी दोस्ती हो गई। अब तो वो दिन में मेरे साथ में ही पढने के लिया आ जाया करती थी।
मुझे अभी भी वो दिन याद है, रविवार का दिन था मै केवल कटिग वाली चड्डी पहने हुए पढ़ रहा था और ज्योति के बार में कुछ गन्दी बातें सोच रहा था, कि इतने में वो आ गई। मेरा लंड खड़ा था और वो सामने आ गई मुझे तो शर्म आ गई मैंने जल्दी से एक कपडे से अपने लंड को ढक लिया। मैंने उससे कहा जरा थोड़ी देर के लिए अपना मुह उधर करो मै पेंट पहन लूँ। उसने मुह उधर कर लिया लेकिन वो हंस रही थी। मैंने जल्दी से पेंट पहन ली। मैंने कहा – अब देख सकती हो। वो हस रही थी मैंने उससे कहा यार इसमें हंसने वाली कौन सी बात है। मै बैठ गया और वो भी मेरे ही बगल में बैठ गई। मेरा लंड उसके बारे में सोच कर खड़ा था, वो बहुत हॉट लग रही थी। मेरा मन उसको चोदने को कर रहा था। मुझे थोडा डर लग रहा था कैसे कहूँ। कुछ देर बाद बातो ही बातो मैंने अपना उसके जांघ पर रख दिया। मेरा तो पूरा मूड था उसको चोदने का लेकिन अगर ज्योति तैयार हो जाती तो मज़ा आ जाता, मैंने सोचा। कुछ देर बाद मैंने अपने हाथो को उसकी पैरो पर से हटाने लगा , तो ज्योति ने बड़े जोश में मुझसे कहा – अपना हाथ मत हटाओ मुझे अच्छा लग रहा है। आप ये कहानी नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है। मै समझ गया कि ज्योतो भी आज मूड में है। मैंने अपने हाथ को ज्योति के जन्घो पर सहलने लगा। और मै उसको किस करने के लिए धीरे धीरे उसके होठो की तरफ बढ़ने लगा। वो भी मेरे होठो की तरफ बढ़ने लगी। और हम दोनों एक दुसरे के होठो के पास पहुँच गए और मैंने उसके होठो को चूमना शुरु कर दिया। उसने भी मेरे होठो को अपने होठो से चूमती हुई मेरे होठो को अपने मुह में भर लिया और मेरे होठो को पीने लगी मैंने भी उसको अपने बांहों में भर लिया और कास के उसके होठो को पीने लगा। हम दोनों एक दुसरे से लिपटे हुए थे, और बड़े जोश से एक दूसरे के होठो को पी रहे थे।
कुछ देर बाद मैंने उसको किस करना बंद कर दिया और मैंने उससे कहा – यार जो पहले कहना चाहिए था वो बाद में कहने जा रहा हूँ। “I LOVE YOU SO…. MUCH BABY” उसने भी मुझे I LOVE YOU 2 बोल दिया। ज्योति का मन था की मै उसकी चुदाई भी करूँ लेकिन मैंने ऐसा कुछ नही कहा उससे। तो उसने खुद ही मुझे अपने बाँहों में भर कर मेरे लंड को सहलाते हुए मुझसे कहा – “तुम और कुछ नही करना चाहोगे”। मै समझ गया उसका इशारा। मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और अपने कमरे के दरवाज़े को बंद कर लिया। मैंने पहले तो ज्योति के बदन को कपड़ो के ऊपर से चूमते हुए उसके मम्मो को दबाया और फिर मैंने उसके सरे कपड़ो को एक एक करके निकल दिए। और मैने भी अपने कपड़ो को निकल दिया। अब ज्योति ब्रा और पैंटी में और मै अपनी कटिंग वाली चड्डी में। मैंने ज्योति के मम्मो को मसलते हुए उसके ब्रा को निकल दिया और उसके गोर गोर और काफी मुलायम चूचियो को अपने दोनों हाथो से पकड कर मसलने लगा और साथ में ही उसकी दूध को भी पीने लगा। मै नुकीली बेहद कमसिन चूचियों को मुँह में भरके पीने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था मै उसके नुकीली छातियों को दांत से काट रहा था और पी भी रहा था, जिससे उसे दर्द भी हो रहा था, उतेज्जना भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था। आप ये कहानी नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है। जब मै उसके छातियो को मसलते हुए पी रहा था तो ज्योति आह आह्ह अहह उफ़ उफ़ उफ् आराम से मेरी नारियल जैसे चूचियो को चुसो आराम से … ओह ओह करके सिसक रही थी। हम दोनों को मज़ा आ रहा था।
बहुत देर तक उसके चूचियो को पीने के बाद मैने धीरे धीरे मै उसकी चूत की तरफ आकर्षित होते हुए मै उसके कमर चूमते हुए उसके नाभि को पीने लगा और कुछ ही देर मै और ज्योति दोनों बहुत ही जोश में आ गए और वो अपने चूचियो को जल्दी जल्दी मसलने लगी और मै उसके कमर को पीते हुए अपने हाथो को उसकी चूत के ऊपर फेरने लगा। कुछ ही देर में मै जोश से पागल होने लगा। मेरे अंदर एक अजीब सी बैचैनी होने लगी। मैने जल्दी से ज्योति के पैंटी को धीरे से निकाल दिया, और मै अपने हाथो की उंगलियो से उसकी चूत को सहलाते हुए मैंने उसके टांगो को फैला दिया और अपने मुह को उसकी चूत में लगा कर उसकी चूत को पीने लगा। मैं अपने जीभ से उसकी चूत के दाने को बार बार चाट रहा था और ज्योति जोश से सिसक रही थी।
बहुत देर तक उसके चूत को पीने के बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकाल, मेरे लंड को देख कर ज्योति का मन मेरे लंड को चूसने का था लेकिन मै इतने जोश में आया गया था की मै अपने आप को उसकी चुदाई करने से रोक नही पाया। मैंने अपने लंड को उसकी बुर पर जोर जोर से पटकते हुए धीरे से अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया। जब मेरा लंड उसकी चूत में गया तो ऐसा लग रहा था कि किसी ने मेरे लंड पर कोई गर्म चीज रख दी है। उसकी चूत बहुत गर्म थी। मै अपने लंड को उसकी चूत में धीरे धीरे डालने लगा। उसकी चूत की गर्मी मेरे लंड के अंदर जा रही थी। और धीरे धीरे मेरे चोदने की रफ़्तार बढ़ने लगी। मै तेजी से उसकी चूत को चोदने लगा। मेरा लौडा ज्योति चूत के अंदर तक जा रहा था., ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड किसी गड्डे में जा रहा है। लेकिन उसकी चूत के किनारे पर मेरे लंड की रगड़ से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और ज्योति तो जैसे जैसे मै तेजी से चोदता तो वो तेजी से ..आह उम् उम उम उम्म्म्म ओह ओह ओह ऊह्ह्ह्हह्ह्ह उह्ह्ह्ह हा हा हां … सी सी सी सीईईईईईईइ. उफ़ उफ़ उफ़ फफफफफ मम्मी मामी आह अहह ह्ह्होह उनहू उनहू उनहू उनहू … आराम से अह्ह्ह अहह ..अह हहह हहह .. प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….ओह माँ….” करके चीख रही थी। लगातार 50 तक चोदने के बाद जब उसकी चूत रमा हो गई तो उसको भी मज़ा आने लगा। और छोड़ो और तेजी तेजी से मज़ा आ रहा है और भी तेज अहह अहह हा …करके मुझे और तेज चोदने के लिए मजबूर कर रही थी।
मैंने और भी तेजी से उसकी चोदने शुरु कर दिया। जिससे उसकी चूत तो फटने लगी थी और वो जोर जोर से चीखने लगी। कुछ ही देर में मेरा माल निकलने वाला था। ,मैंने जल्दी से उसकी चूत से अपने लंड को बहर निकाल लिया और उसके दोनों पैरो के पंजो के बीच में अपने लंड को रख कर उसके पैरो के बीच में पेलने लगा। कुछ ही देर में मेरे लंड से सफ़ेद वार्य निकलने लगा। उसके कुछ ही देर बाद मेरा लंड ढीला हो गया।
ज्योति को चोदने के बाद भी मैंने उसकी चूचियो को दबा कर खूब पिया और साथ में उसके चूत उंगली कर कर के उसकी चूत का पानी भी निकाल लिया। उसकी चुदाई करने में मुझे बहुत मज़ा आया क्योकि बहुत दिनों बाद चूत के दर्शन हुए थे। उस दिन के बाद मै और ज्योति दोनों ने साथ में बहुत बार सेक्स किया। मै तो उसको इतनी बार चोद चूका था की मेरा तो अब उसको चोदने का मन भी नही करता था लेकिन उसके कहने पर उसको चोदना ही पड़ता था। आप ये कहानी नॉन वेज सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।