My first sex with uncle : मेरी ये पहली सेक्स कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर। इससे पहले मैं सिर्फ सेक्स कहानियां पढ़ती थी इस वेबसाइट पर, लेकिन आज मैं आपके लिए एक सेक्स स्टोरी लेकर आई हुई। क्यों की मुझे चुदाई की लत लग गयी हैं और हूँ अभी अठारह साल की। पर अपने से दुगने मर्द से चुदवाती हूँ कर भी क्या सकती हूँ। जब तक चुत की गर्मी शांत नहीं होती मजा नहीं आता है।
मेरा नाम वंदना है मैं मम्मी पापा की एकलौती संतान हूँ। मेरी उम्र अठारह साल है। हॉट हूँ सेक्सी हूँ। मदमस्त जवानी आ चुकी है मेरी चूचियां बड़ी बड़ी गांड चौड़ी गोरी हूँ बाल लम्बे लम्बे मखमली बदन की मालकिन हूँ। मैं किसी हूर से कम नहीं लगती। कई लड़के मुझे प्रोपोज करते हैं पर मैं सिर्फ अपनी सेक्स की भूख मिटाना चाहती हूँ। शादी तो मम्मी पापा की मर्जी से करुँगी पर चुत की गर्मी बुझानी थी इसलिए पापा के दोस्त ही अच्छे है इस काम के लिए। क्यों की ना कोई डर है ना किसी को कोई शक काम भी हो जा रहा है और बदनामी भी नहीं होती है।
मेरे मम्मी पापा दोनों हॉस्पिटल में जॉब करते हैं। मैं बिन व्याही संतान हूँ। शादी के पहले ही मेरा जन्म हो गया था तो मम्मी पापा के घरवाले उन दोनों से रिस्ता तोड़ दिए दिया है। दिल्ली में रहती हूँ। पापा के दोस्त हैं राजू अंकल। उनसे मैं काफी प्रभावती हुई हूँ। वो मुझे बचपन से ही बहुत प्यार करते हैं। अब जब मैं जवान हुई तो उनसे प्यार करने लगी। अब आपको भी पता चल गया होगा मैं पैदायसी ही ऐसी बात माँ की हूँ जो जवानी में ही मुझे पैदा कर दिए है तो मेरे साथ भी यही हो रहा है। सब से पसंदीदा चीज जो है मेरी ज़िंदगी में वो है चुदाई का।
कब कैसे क्या हुआ की मैं अपने से दुगुने मर्द से चुदाई करवाने लगी और रोजाना करवाती हूँ अपनी चुदाई।
जिस दिन मेरा अठारहवा बर्थडे था उस दिन राजू अंकल ही इंतज़ाम किये थे। मेरी बर्थडे पार्टी का। राजू अंकल मेरे फ्लोर पर ही रहते हैं यानी मेरे दरवाजे के ठीक सामने के फ्लैट में। उनकी बीवी नहीं है तलाक हो गया वो अकेले ही रहते हैं। इसलिए वो मुझे ज्यादा प्यार करने लगे। कुछ भी लाना हो देना हो खाने की चीज हो मेरे लिए सब कुछ करते हैं।
मम्मी पापा भी उनकी खूब मदद करते हैं। क्यों की उनका कोई नहीं है ये सोचकर। भले इंसान भी है मम्मी पापा की खूब मदद करते हैं। जब भी कही घूमने जाते हैं दिल्ली या दिल्ली से बाहर तो सारा खर्चा भी राजू अंकल ही करते हैं तो उनपर परिवार का खूब भरोसा है।
तो जिस दिन मेरा बिरथ डे थे खूब धूम धाम से मनाया। रात के ग्यारह बजे फ़ोन आ गया मामा जी का की नानी की तबियत ख़राब है। तो दो दोनों जल्दी जल्दी भी ग़ज़िआबाद के लिए निकल गए।
घर में मैं थी और राजू अंकल। मैंने राजू अंकल से बोली मुझे अकेले डर लगेगा इसलिए आप भी यही सो जाओ वो रुक गए। बात शुरू हुई नाईट ड्रेस से मेरी नाईट ड्रेस बड़ी ही हॉट थी जो मुझे मम्मी ने गिफ्ट किया था। मैं बिना ब्रा के पहनी तो मेरी चूचियां हिल रही थी और निप्पल बाहर से दिखई दे रहा था।
कोई भी मर्द पागल हो जाये। तो राजू अंकल फ़िदा हो गए और बोल दिए आज तुम बहुत हॉट लग रही हो। और फिर उन्होंने कहा तुमने तो अपने बर्थडे पर हग भी नहीं किया गले भी नहीं लगाया। जब तुम छोटी थी तो गोद में उठा लेता था आजके दिन। पर अब तुम बड़ी हो गयी हो।
तो मैं बोल दी आ जाओ गले मिल लो। और गोद में ही उठा लो मम्मी पापा थोड़े ना घर पर हैं जो उनको अच्छा नहीं लगेगा और उन्होंने झट से खड़े हो गए और मुझे अपनी बाहों में भर लिए और मैं भी उनके बाहों में समा गयी। फिर क्या था दोस्तों उन्होंने मुझे गोद में में उठा लिया।
अब क्या मेरी चूचियां और क्या मेरी गांड सब के सब उनमे रगड़ खा रहा था। और वो हॉट हो रहे थे और मैं पानी पानी। हम दोनों का भी जिस्म एक दूसरे से चिपक गया था रात के बारह बज गए थे कोई था नहीं। हम दोनों की साँसे तेज चलने लगी। और हम दोनों कब एक दूसरे को चूमने लगे किस करने लगे लिप लॉक करने लगे पता ही नहीं चला और दोनों आँखे बंद कर एक दूसरे को चूसने लगे।
उन्होंने कहा क्या विचार है। मैं बोली जो करना है कर दो। आज ऐसे भी अठारह की हो गयी हूँ। तो अंकल मुझे बेड पर लिटा दिए और फिर मेरे सारे कपडे खोल दिए। मैं शरमा रही थी पर वो मेरी चूचियों पर टूट पड़े थे। वो मेरी चूचियों को मसलने लगे। निप्पल को ऊँगली से दबाने लगे।
और फिर मेरे होठ को चूसने लगे। निचे गए और मेरी पेंटी उतार दी। और फिर दोनों टांगो के बिच में बैठकर पहले मेरी चूत को निहारा फिर दोनों ऊँगली से चीर कर देखा। और फिर लम्बी साँसे लेकर वो मेरी चूत चाटने लगे। मैं आह आह आह आह आह करने लगी। उसके बाद वो मेरी चूत में ऊँगली डालने लगे। हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था पर अच्छा लग रहा था।
मेरी चूत गीली हो गयी थी। मैं उनके लंड को छूना चाहती थी तो पकड़ ली और फिर उन्होंने अपने लंड को मेरी मुँह में डाल दिया मैं चूसने लगी। थोड़े ही देर में उनका लंड मोटा और लम्बा हो गया था। मेरी साँसे तेज तेज चलने लगी। मैं पागल होने लगी।
उसके बाद क्या बताऊँ दोस्तों उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया अपना मोटा लंड मेरी चुत पर लगाया और फिर जोर से घुसा दिया। मेरी जान निकल गयी और थोड़ा खून भी निकलने लगा। पर डरी नहीं क्यों की मुझे पता था ऐसा पहली चुदाई में होता है। मैं कई ऐसी कहानियां नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ चुकी थी।
दो तीन झटके के बाद मेरी चूत थोड़ी ढीली हो गयी और फिर मैं गांड उठा उठा कर अंकल के लंड को अपनी चूत में लेने लगी। फिर वो जोर जोर से धक्के देने लगे। पुरे कमरे में आह आहे ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह आउच ओफ़्फ़्फ़ की आवाज निकल रही थी।
मुझे चोदते हुए अंकल कह रहा थे तुम अपनी माँ से भी ज्यादा चुड़क्कड़ हो। तो मैं पूछ ली क्या आप माँ को भी चोदते हो क्या ? तो वो बोले वो तो मेरी लंड की दीवानी है। तुम्हारे पापा से कुछ नहीं होता उनको। और फिर ये बात सुनकर मैं और भी सेक्सी हो गयी और जोर जोर से उनसे चुदवाने लगी।
पूरी रात उन्होंने मुझे अलग अलग पोज में चोदा। और उस दिन के बाद से मैं रोजाना उनसे चुदती हूँ। जब मम्मी पापा काम पर जाते हैं। तो मैं उनसे ये भी पूछ ली आप मम्मी को कब चोदते हो ? तो वो बोले सुबह के तीन बजे जब तुम और तुम्हारे पापा सो जाते हैं तो मेरे पास आ जाती हैं।