हिस्ट्रिया सेक्स, भाई बहन सेक्स, छत पर चुदाई की कहानी – मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम राखी है मैं 21 साल की हूं आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी नॉनवेज story.com सुनाने जा रही हूं आशा करती हूं यह कहानी आपको बहुत पसंद आएगी यह कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है कल की ही है दोस्तों जब मैं कल छत पर सो रही थी तो मैं खुद ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ रही थी पढ़ते-पढ़ते मुझे ऐसा लगने लगा था कि मेरे शरीर में करंट दौड़ गया तो मैं खुद ही अपने बूब्स को दबाए जा रही हो। मेरे पूरे शरीर में सनसनाहट से बिजली दौड़ गई दोस्तों उसके बाद में काफी ज्यादा कामुक हो गए थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करूं। छत पर और कोई नहीं था मेरा भाई बदल के बेड पर सोया हुआ था पंखे चल रहे थे अच्छी हवा भी चल रही थी।
मेरे शरीर में कंपन होने लगा मुझे लगा की हिस्टीरिआ हो गया काफी घबरा गई थी। अभी मेरा भाई मेरे करीब आ गया उसको कुछ भी बोल नहीं सकते फिर भी वह मेरे हाथ पकड़ के कहने लगा हूं बताओ बहन क्या हुआ तुम थरथरा क्यों रही है। मैं कैसे बोलती हूं उसको मेरे अंदर बिजली दौड़ गई है कामुकता मैं पागल हो रही थी मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई मुझे जल्दी से मेरी चूत में उंगलियां करें। सच तो बात यह था दोस्तों अगर कोई उंगलियां नहीं करता तो मैं काफी परेशान हो जाती हो सकता था मैं पागल हो जाती।
रात काफी हो गया था कोई और था नहीं मेरा भाई मेरे कभी बैठा हुआ था मुझे लगा पागल होने से अच्छा है उसको साफ साफ बता दूं कि क्या दिक्कत मेरे साथ हुई है। मैंने उसको बोला देखो भाई मेरा मन खराब लग रहा है मुझे हिस्टीरिया हो गया है। मेरी चूत में उंगली डालो। अभी ठीक होगा नहीं तो मैं पागल हो जाऊं मैं परेशान होने लगी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
जवाब दे रहा था घबराहट गई थी तभी भाई ने मेरे सलवार का नाड़ा खोला पेंटी को निचे किया और अपनी ऊँगली मेरी चूत में घुसाने लगा। अब मुझे कुछ सही लगने लगा मैं शांत होने लगी वह जोर-जोर से अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा था अब मुझे थोड़ा सा ठीक लगने लगा था पर एक बात और बिगड़ गई दोस्तों अब मुझे यह इतना अच्छा लगने लगा कि मुझे लग रहा था कि काश उंगली के जगह पर अपना लंड चूत में डाल देता।
क्योंकि ऐसे भी उसमें सब काम कर लिया था देख लिया था उंगली डाल चुका था तो बचा खुद नहीं था उसे सब कुछ समझ लिया गया था कि मेरे साथ क्या दिक्कत है जब इतना सब कुछ खुल्लम-खुल्ला हो गया उसे क्या छुपाना। मैंने उसको और उसका बाल पकड़कर उसके होंठ चूसने लगी वो पहले ही गर्म हो चुका था। वह मेरी चूचियों को दबाने लगा सहलाने लगा। मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी मैं उसको जी जान से अपने बदन में समझ लेना चाहती थी। मैंने उसको अपनी बाहों में ले लिया उसको चूमने लगी लिप लॉक करने लगी उसके बदन को सहलाने लगी वह भी मेरे बदन को सहलाने लगा मेरी गांड को छूने लगा मेरे उसको पकड़ने लगा।
मैं पागल हो रही थी पसीने पसीने हो गई थी मेरे सिसकारियां निकल रही थी कामुकता की हद पार कर दी थी। अब मुझे बस उसका लंबा मोटा लंड चाहिए था वह भी मेरी चूत मैं। मैंने तुरंत ही उसके कपड़े उतार दिए उसने भी तुरंत मेरे सारे कपड़े खोल दीजिए मैं उसको ऊपर चढ़ा ली।
और अपना बूब्सउसके मुंह में डाल दी वह मेरे को चूसने लगा बूब्स को दबाने लगा मेरे होंठ को चूमने लगा किस करने लगा लिप लॉक करने लगा। हम दोनों ही पागल हो गए थे मैंने दोनों टांगे अलग-अलग कर दी और उसको निमंत्रण दे दिया या भाई मुझे तू चोद दे।
उसने अपना मोटा लंड निकाला और मेरी चूत में डाल दिया वह जोर जोर से धक्के देने लगा मैं आप करने लगी वह भी आओ आए ओह्ह्ह उफ्फ्फ करने लगा और जोर-जोर से वह धक्के दे दे कर दे दे कर मेरी चूत में अपना लंड पेलने लगा।
मैं भी कहां कम थी मैं जब मैं गांड घुमा घुमा के घुमा घुमा के चुदाई करवा रही थी। मैं पानी पानी हो गई थी मेरी चूत गर्मी निकल रही थी मैं उस गर्मी को महसूस कर रही थी और मेरा भाई भी महसूस कर रहा था क्योंकि वह खुद कह रहा था कि क्या बात है बहुत ज्यादा गरम हो गया तेरा चुत। तो मैं उसको कह रही थी बहन चोद गर्मी हो गई है तो गर्मी बुझाना जल्दी-जल्दी मार जोर जोर से मार मेरी चूत गर्मी को शांत कर।
के बाद क्या बताऊं दोस्तों हम दोनों कामुक हो गए थे दोनों गरम हो गए थे। एक दूसरे को पकड़े हुए थे एक दूसरे को धक्के दे रहे थे नीचे से मैं देती ऊपर से वह देता फचर फचर की आवाज आ रही थी दोनों के मुंह से आह आह आह आह आह आह की आवाज आ रही थी।
तेरे होठों से लगा मेरे बूब्स को दबाने लगा मेरे जांघों को सहलाने लगा मेरे चूतड़ पर अपना हाथ गोल गोल घुमाने लगा मैं भी अपना गांड गोल गोल घुमा घुमा के उसके लंड को अंदर ले रही थी। दोनों ऐसे तेज हो गए कि मानो मशीन चल रही हो जल्दी जल्दी जल्दी जल्दी जल्दी जल्दी इसे कहते हैं दोस्तों असली चुदाई।
मैं झड़ने वाली थी मैं उसको कहने लगी भाई जोर से जोर से और दो और जोर से जोर जोर से धक्के देकर ले ले जितना लेना है ले , इतना कहते-कहते वह झड़ गया और वह शांत हो गया मैं भी एक लंबी सांस ली कराई सिसकारियां भरी अपने होंठ को अपने बाप से दवाई अपने दोनों बूब्स को अपने हाथों से दबाकर। मैं भी शांत हो गई।
दोस्तों कल रात की चुदाई एक नया एहसास था आवाज रात क्या होगा वह मैं आपको कल बताऊंगी उम्मीद है आज फिर से प्लान बन गया है छत पर सोने का जो होगा कल मैं आपको जरूर बताऊंगा आज मैं सोच रही हूं अपने भाई से अपनी गांड मरवाओ। कैसा रहेगा इंतजार कीजिएगा करो कल मैं फिर नॉनवेज स्टोरी पर आकर आपको अपनी पूरी कहानी बता कर जाउंगी तब तक के लिए धन्यवाद