Pati Ne Randi Banaya Delhi Me Hindi Sex Story : मेरा नाम मीनू है, आज मैं आपको अपने ज़िंदगी की एक कड़वा सच बताने जा रही हु, सब लड़कियों का अरमान होता है एक एक अच्छा घर हो अच्छा वर हो पति के साथ ख़ुशी ख़ुशी रहे, यही सब सोचना सुरु कर देती है जब वो जवां होने लगती है. सारे अरमान को संजो के रखती है और अपने ख्वाबों में देखती है. पर पति अगर शैतान निकल जाए तो क्या होगा. ज़िंदगी नर्क हो जाती है, आज मैं आपको अपने ज़िंदगी के इन्ही पहलुओं के बारे में आपसे बात करुँगी, ताकि मेरा मन हल्का हो.
मेरी उम्र अभी २८ साल है, छरहरा बदन, मीडियम कद, नहीं नक्श बहुत ही सुन्दर, ३४ की साइज की ब्रा पहनती हु, अक्सर साडी ही पहनती हु. साडी मेरे शारीर पे बहुत ही ज्यादा जचती है, क्यों की आगे से चूचियाँ मेरी टाइट है पेट सटा पर ब्लाउज से उभार बाहर को आता है और पीछे से गांड चौड़ी, चूतड़ बाहर निकला हुआ. चाल थोड़ी मस्तानी, हिल बाली सैंडल पहनती हु, कथई रंग की लिपस्टिक लगाती हु, कहने का मतलब काफी सुन्दर हु,
जब मैं अठारह साल की हुई मैं लड़को के तरफ आकर्षित हो गई, कई दोस्त बने कइयों से मेरा सेक्स सम्बन्ध भी बना पर मेरा सील तोड़ने का मौका मेरे जीजा को मिला उन्होंने मुझे खूब चोदा मैं भी खूब मजे ली, उसका नतीजा ये निकला की मैं और भी निखर गई, मेरे स्तन और बड़े बड़े हो गए मेरा गांड का उभर और बड़ा हो गया जाँघे मोटी मोटी हो गई, चेहरे पे चमक आ गया, होठ मेरे गुलाब की पंखुड़ी के तरह हो गया, अब मैं जवानी से सराबोर थी. मेरे से एक गलती हो गई, जीजा जी के एक दोस्त के साथ मेरा प्रेम सम्बन्ध हो गया और मैं कुछ दिनों में ही शादी के बंधन में बांध गई.
मेरे पति का रहन सहन और स्टाइल बड़ी ही जबरदस्त था, और मुझे उन्होंने बताया की दिल्ली की एक बड़ी कंपनी में मैनेजर है और वो देश विदेश खूब घूमते है, मैं भी वही सब ख्वाब देख रही थी पर ये सच्चाई ज्यादा दिन तक नहीं चला और मुझे असलियत का पता चल गया, मेरा पति कर्ज में डूबा हुआ था अपने शौक को पूरा करने के लिए वो अपने दोस्तों से भरी भरकम कर्ज ले रख था पढ़ा लिखा भी ज्यादा नहीं था पर वो अपने आप को ग्रेजुएट कहता था, सच पूछो दोस्तों मुझे तो ऐसा सदमा लगा, पर मैं ये बात किसी और से बता भी नहीं सकती, क्यों की शादी मैंने अपनी मर्जी से की थी, मैं खून की घुट पीकर रहने लगी, घर में तनाव का माहौल रहने लगा, रोज रोज झगड़ा होने लगा,
अब रोज रोज कर्ज लेने बाले का फ़ोन आता और सुबह सुबह घर पर आता वो भी मेरे पति को बहुत गलियां देके जाता, मुझे अच्छा भी नहीं लगता रोज रोज जिल्लत सहनी पड़ती, आखिरकार मेरा सब्र का बांध टूट गया और मैंने एक कंपनी में जो की नेहरू प्लेस में था जॉब करने लगी, पर ये बात मेरे पति को अच्छा नहीं लगता था, आपको तो पता है किसी की बीवी अगर सुन्दर हो, और जॉब करने जाये और पति निकम्मा और कम कमाने बाला हो तो उसको अपने बीवी पे शक हो जाता है, अब वो मुझे शक की दृष्टि से देखने लगे, उन्हें लगता था की मैं ऑफिस के लड़के से फसी हु, और मेरा एक लड़के के साथ सेक्स सम्बन्ध है पर ऐसा कुछ भी नहीं था.
ज्यादा कलह की वजह से मैं वो नौकरी छोड़ दी, पर घर में पति के पैसे से घर नहीं चल रहा था, उसपर से एक आदमी का दो लाख रुपया बाकी था इस वजह से वो रोज धमकी देता था, मेरे पति काफी परेशान रहने लगे, एक दिन की बात है मेरे पति ने मुझसे कहा की देखो मीनू अगर हम दोनों को अच्छी ज़िंदगी जीनी है तो पहले मुझे कर्ज तोड़ना पड़ेगा और मैं इस कर्ज को नहीं तोड़ सकता, जिससे मैंने कर्ज लिया है उसने कहा की अगर मैं तुम्हे उसके पास भेजु तो वो मेरा कर्ज माफ़ कर देगा, मुझे काफी गुस्सा आया वो मेरा सौदा करना चाह रहा था, घर में लड़ाई झगडे होने लगे, घर में दिन रात कलह का वातावरण हो गया, मैं काफी परेशान रहने लगी, इसी बिच मेरा पति एक दिन आत्म हत्या करने के लिए फांसी पे लटक गया पर मैं मौके पर पहुंच गई और उनको बचा लिया, वो बहुत रोने लगे और मैं हार गई मैंने कहा ठीक है मैं वही करुँगी जो आप कहोगे.
उसके बाद वो दूसरे दिन अपने दोस्त से बात किये, उनका दोस्त बोल की ठीक है मैं मीनू को लेके मनाली जाऊंगा तिन दिन के लिए, वो मान गए और मैं भी मान गई, शाम को कुछ अच्छे अच्छे कपडे लेके उनका दोस्त घर पे आया, और सुबह मुझे मनाली के लिए निकालना था, सुंबह सुबह घर से थोड़ी दूर से ही उनके दोस्त का फ़ोन आ गया की मैं हनुमान मंदिर के मोड़ पर हु, मुझे छोड़ने मेरा पति गया. कमाल का मंजर था, मेरा पति मुझे किसी और को सौंपने गया, मैं कार में बैठ गई, और रात को मनाली पहुंच गई. वहां जाकर एक होटल जो की आलीशान था, बुक कराया और होटल बाले को बोल की मैं हानीमून ट्रिप पे हु, और हानीमून पैकेज लिया.
रात को बेड सजाया गया, कहना पीना खाकर राजीव (पति का दोस्त) मुझे एक लाल साडी पहनने दिया और कहा आप इससे पहन लो, मैं आज आपके साथ सुहागरात मनाऊंगा, मैंने कपड़े चेंज कर ली, और फिर मुझे उसने अपनी बाहों में भर लिया, राजीव देखने में काफी सुन्दर और लम्बा चौड़ा था, सच पूछो तो मैं भी पिघल गई, उसके बाजू और छाती के बाल को देखकर धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे का कपडे उतार दिए और वो मेरी चूचियों को मुंह में लेके चाटने लगा और मेरे निप्पल को पिने लगा. मैं राजीव के पीठ को सहला रही थी, मेरी चूत काफी गीली हो चुकी थी था तो गलत मैं किसी और के बाहों में थी. पर आज तक ऐसा रंगीन और खुशनुमा माहौल नहीं मिला था, मैं भी सब पुराणी बातों को भूल कर मैं भी आनंद लेने लगी.
राजीव मेरे चूत को जीभ से चाटने लगा, मैं भी उसके लण्ड को सहलाने लगी. और देखते ही देखते उसका लण्ड करीब आठ इंच का हो गया पहली बार मैं इतना बड़ा मोटा और काला लण्ड देखा था, सच पूछो दोस्तों मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, मैं सेक्स की आंधी में उड़ रही थी. राजीव का मोटा लण्ड मैंने तुरंत अपने मुंह में ले लिया, और चाभने लगी. राजीव के मुंह से आह आह आह आह आह मेरी जान मीनू निकल रहा था, मैंने भी चाट रही थी. उसके बाद राजीव ने मेरे गांड में अपनी ऊँगली घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा मैंने कहा, चूल्हा तप रहा था, उसको शांत करो तभी वो तुरंत अपने ऊँगली को गांड से निकाल कर मेरे चूत में डाल दिया, और अंदर बाहर करने लगा और दांत पिस्ते हुए कह रहा था तेरी चूत तो गजब की है मीनू, आह आज तो मुझे मजा गया.
और फिर उसने मुझे निचे कर के मेरे पैर को अपने दोनों कंधे पे लिया, और अपना लण्ड मेरे चूत के छेद पर रखकर अंदर डालने लगा. पहली बार इतना मोटा लण्ड का एहसास हो रहा था मेरे होठ सुख रहे थे, मैं आनंद की चरम सीमा पे थी. और फिर क्या बताऊँ नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के दोस्तों, पहली बार ऐसी चुदाई, बस कमरे में फच फच की आवाज आ रही थी और मेरे मुंह से आह आह उफ़ उफ़ औच की आवाज से कमरा गूंज रहा था. रात भर राजीव मुझे चोद चोद कर भरता बना दिया था. खूब चुदी मैं, सच पूछो तो अपनी जवानी का मजे मैं उसी रात लिए थे मैं पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी.
मनाली में तिन दिन रुके, इस विच हम लोग ज्यादा समय चुदाई में ही लगाया, फिर तीसरे दिन वापस दिल्ली आये, मेरे चेहरे में ख़ुशी थी. मेरा पति मेरे चेहरे को देख रहा था, उसी दिन शाम को राजीव घर पे आया और बोला, मुझे अब आपलोग से कोई लेन देन नहीं है, पर भाभी जी आप मेरा ध्यान रखना, अब आपलोग की किसी चीज की कमी हो तो ये बन्दा आपके लिए हाजिर है. और कहकर चला गया.
फिर क्या बताऊँ दोस्तों मैं एक एक कर के उनके सारे दोस्तों के साथ सोई और सबका कर्ज उतार दिया. जब सबका कर्ज उतर गया तो मैंने अपना और पति का फ़ोन नंबर चेंज किया, पति दूसरे जगह नौकरी करने लगे और जहां रहते थे वह से भी मकान चेंज कर लिया. अब कोई पैसे मांगने बाला नहीं है. ज़िंदगी ठीक चलने लगी. मैं भी एक अच्छी से जॉब कर ली. दोनों के सैलरी से घर अच्छा चल रहा था, पर जो सुख नहीं है वो है सेक्स की. मैं अपने पति से संतुष्ट नहीं हो पा रही हु. क्यों की मैंने कई सारे लण्ड का स्वाद चख ली हु, अब मुझे कभी कभी वो सब लण्ड की याद आती है. अगर कोई हैंडसम जो मेरे से रिश्ता (सिर्फ सेक्स) रखना चाहता है तो कमेंट करें. मैं सोने के लिए तैयार हु. पर लण्ड मोटा और लंबा होनी चाहिए
I am ready
Hi
Main apse milna chahta hu I’m mirza shab meerut City
Apki story padi mai delhi se he hu or meeting krni chahta hu i am 6feet plus or mera hathyar 8 inch ka hai bhut enjoy krenge or privacy rahegi hamesha jub apka Mann kre msg kr dena 9full enjoy milega