भाभी ने गांड दिखाकर ललचाया फिर तो मैंने भी उन्हें पेल दिया

मेरा नाम रवि है, उम्र 23 साल। मैं एक जवान, मज़बूत और हॉट लड़का हूँ। मेरा रंग साँवला है, चौड़ा सीना, मज़बूत बाँहें और एक ऐसा लंड जो किसी भी औरत को तड़पा दे। मेरी भाभी, प्रिया, उम्र 28 साल, एक गज़ब की हसीना हैं। उनका रंग गोरा है, चूचियाँ बड़ी, रसीली और टाइट, गांड मोटी, गोल और थिरकती हुई, और उनकी कमर इतनी पतली कि उसे देखकर हर मर्द का लंड खड़ा हो जाए। उनके होंठ रसीले हैं, और उनकी आँखों में एक कामुक चमक है। मैं हमेशा से उनकी चूचियों और गांड का दीवाना था, लेकिन वो मेरी भाभी थीं, इसलिए मैं सिर्फ सपने देखता था। लेकिन उस दिन जब भाभी ने अपनी गांड दिखाकर मुझे ललचाया, मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैंने उन्हें जमकर पेल दिया। ये मेरी चुदाई की कहानी है।

हमारा घर दिल्ली में एक बड़े मकान में है। मेरा बड़ा भाई, अजय, एक बिजनेसमैन है, और वो अक्सर बाहर रहता है। भाभी घर पर अकेली रहती हैं, और मैं उनके साथ ही रहता हूँ। भाभी बहुत हॉट हैं। वो टाइट साड़ी पहनती हैं, जिसमें उनकी चूचियाँ और गांड साफ उभरती हैं। जब वो चलती हैं, उनकी गांड मटकती है, और मैं उन्हें चोरी-छिपे घूरता था। वो मेरी नज़रें देखकर मुस्कुराती थीं, और मुझे लगता था कि वो जानबूझकर मुझे तड़पाती हैं। मैं रात को उनके बारे में सोचकर मुठ मारता, और मेरी चूत में आग लगी रहती। लेकिन मैंने कभी हिम्मत नहीं की।

एक दिन की बात है। अजय भैया एक हफ्ते के लिए मुंबई गए थे। मैं और भाभी घर पर अकेले थे। दोपहर का समय था, और मैं अपने कमरे में मोबाइल चला रहा था। भाभी ने मुझे आवाज़ दी, “रवि, ज़रा इधर आना!” मैं उनके कमरे में गया। भाभी ने एक पतली सी साड़ी पहनी थी, जो उनके जिस्म से चिपक रही थी। उनका ब्लाउज़ इतना टाइट था कि उनकी चूचियाँ बाहर आने को बेताब थीं। वो बिस्तर पर झुकी हुई थीं, और उनकी साड़ी उनकी गांड से सरक गई थी। उनकी मोटी, गोल गांड मेरे सामने थी, और मैं उसे देखकर पागल हो गया। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया, और मेरी पैंट में उभार बन गया।

भाभी ने मुझे देखा और हँसते हुए बोली, “क्या देख रहा है, रवि?” मैं शरम से लाल हो गया, लेकिन मेरी नज़रें उनकी गांड से हट नहीं रही थीं। वो और झुकीं, और उनकी गांड और उभर आई। मैंने हिम्मत की और बोला, “भाभी, आप बहुत हॉट लग रही हो।” वो हँसीं और बोली, “अच्छा? तो तू क्या करेगा?” उनकी बातों ने मेरे अंदर की आग भड़का दी। मैं उनके पास गया और उनकी कमर पकड़ ली। वो चौंक गईं, लेकिन उनकी आँखों में एक चमक थी। मैंने उनकी साड़ी खींच दी, और उनकी गांड मेरे सामने नंगी थी। मैंने उनकी गांड पर हाथ फेरा, और वो सिसक उठीं, “आह्ह… रवि, ये क्या कर रहा है?”

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मैंने उनकी गांड पर एक थप्पड़ मारा और बोला, “भाभी, आपने मुझे तड़पाया, अब मैं आपको चोदूँगा।” वो हँसते हुए बोली, “तो चोद दे, रवि!” मैंने उन्हें बिस्तर पर धकेल दिया और उनके ब्लाउज़ के बटन खोल दिए। उनकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थीं, बड़े-बड़े निप्पल सख्त और गुलाबी। मैंने एक चूची को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो चीख रही थीं, “आह्ह… रवि, चूस इसे, मुझे जलन हो रही है!” मैंने उनकी दूसरी चूची को मसला, और वो तड़प रही थीं, “उफ्फ… और ज़ोर से, रवि!” मेरी जीभ उनके निप्पल पर नाच रही थी, और उनकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं।

मैंने उनकी पेटीकोट उतार दी, और उनकी चूत मेरे सामने थी। वो चिकनी और गीली थी। मैंने उनकी चूत पर उंगली फिराई, और वो चीख पड़ीं, “आह्ह… रवि, अंदर डाल!” मैंने अपनी उंगली उनकी चूत में डाल दी, और वो सिसक रही थीं, “उफ्फ… और कर!” मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा मोटा लंड उनके सामने था। वो बोलीं, “रवि, ये तो बहुत बड़ा है!” मैंने हँसते हुए कहा, “भाभी, ये आपके लिए है।” मैंने उनका सिर पकड़ा और अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया। वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं। मैं सिसक रहा था, “आह्ह… भाभी, कितना मज़ा दे रही हो!” उनकी जीभ मेरे लंड पर नाच रही थी, और मैं पागल हो रहा था।

मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया और उनकी जाँघें फैला दीं। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। वो चीख पड़ीं, “आह्ह… रवि, मेरी चूत फट गई!” मैं ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और उनकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैं सिसक रहा था, “भाभी, आपकी चूत बहुत टाइट है!” वो चीख रही थीं, “रवि, और ज़ोर से चोद, मुझे फाड़ दे!” मेरी ठापों से उनका पूरा शरीर हिल रहा था, और उनकी चूत से रस बह रहा था। मैंने उनकी चूचियों को पकड़ा और मसलने लगा। वो चीख रही थीं, “आह्ह… रवि, मेरी चूचियाँ नोच दे!” मैंने उनके निप्पल काटे, और वो तड़प रही थीं, “उफ्फ… और कर!”

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कुछ देर बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाया। उनकी मोटी गांड मेरे सामने थी, और मैंने उस पर थप्पड़ मारे। वो सिसक रही थीं, “आह्ह… रवि, और मार!” मैंने उनकी गांड पर थूक लगाया और अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया। वो चीख पड़ीं, “आह्ह… रवि, मेरी गांड फट गई!” मैं उनकी गांड में ठाप मारने लगा, और वो सिसक रही थीं, “उफ्फ… और ज़ोर से, मुझे दर्द चाहिए!” मैंने उनकी गांड पर और थप्पड़ मारे, और वो चीख रही थीं, “आह्ह… मेरी गांड लाल कर दे!” मेरी ठापों से उनकी गांड जल रही थी, और उनकी चूत से रस टपक रहा था।

फिर मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और उनकी चूत में ठाप मारने लगा। वो मेरे कंधों पर थीं और चीख रही थीं, “आह्ह… रवि, मुझे उड़ा दे!” मैंने उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चोदा, और मेरी ठापों से उनका पूरा शरीर काँप रहा था। मैं सिसक रहा था, “भाभी, आपकी चूत स्वर्ग है!” वो चीख रही थीं, “रवि, और ज़ोर से!” मैंने उन्हें बिस्तर पर पटक दिया और उनकी चूत में फिर से ठाप मारने लगा। वो चीख रही थीं, “रवि, मेरी चूत फाड़ दे!” मेरी ठापों से बिस्तर हिल रहा था, और उनकी सिसकियाँ आसमान तक जा रही थीं।

कुछ देर बाद मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर उनकी गांड में फिर से ठाप मारी। वो सिसक रही थीं, “आह्ह… रवि, मेरी गांड जल रही है!” मैंने उनकी गांड पर थप्पड़ मारे, और वो चीख रही थीं, “उफ्फ… और मार!” मेरी ठापों से उनकी गांड लाल हो गई थी, और उनकी चूत से रस बह रहा था। मैंने कहा, “भाभी, अब मुँह में लो!” मैंने अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया, और वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं। मैं सिसक रहा था, “आह्ह… भाभी, तेरा मुँह बहुत गर्म है!” उनकी जीभ मेरे लंड पर नाच रही थी, और मैं पागल हो रहा था।

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आखिर में मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया और उनकी चूत में ठाप मारने लगा। मैं सिसक रहा था, “भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ!” वो चीख रही थीं, “रवि, मेरी चूत में झड़ जा!” मैंने तेज़ ठाप मारी, और मेरा गर्म माल उनकी चूत में भर गया। मैं काँपते हुए उनके ऊपर गिर पड़ा, और वो भी हाँफ रही थीं। हम दोनों का शरीर पसीने और रस से भीगा हुआ था।

वो मेरे कान में बोलीं, “रवि, तूने मुझे जन्नत दिखा दी।” मैं हँसते हुए बोला, “भाभी, आपकी गांड ने मुझे पागल कर दिया।” उस दिन के बाद जब भी भैया घर पर नहीं होते, भाभी मुझे तड़पाती हैं। वो अपनी गांड मटकाती हैं, और मैं उन्हें जमकर पेलता हूँ। ये हमारा गुप्त खेल है, जो हमारी हवस को ज़िंदा रखता है।

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