चुदक्कड़ हॉट जवान चाची की चुदाई की मेरे मोटे लंड से

दोस्तों मेरा नाम साहिल है मैं २१ साल का हु, मैं पानीपत का रहने बाला हु पर मैं मुम्बई में रहता हु, मैं जिम जाता हु इस वजह से मेरा बॉडी परफेक्ट है. आज मैं आपको एक अपनी कहानी सूना रहा हु, जो मेरी चाची की है. आज मैं आपको बताऊंगा की कैसे मैंने अपनी चाची को चोदा था.

मेरी चाची 30 साल के करींब की है और गोरी है उनका शरीर काफी गोरा और वो बहूत ही ज्यादा सेक्सी है. जो भी उसे देख ले तो उसका दीवाना हो जाता है. मेरी चाची गाँव में रहती है.

अब मैं सीधे अपनी सेक्सी कहानी पे आता हु. बात कुछ 1 साल पुरानी है जब मेरी कॉलेज की छुट्टीi थी और में घर आया हुआ था. आए हुए मुझे करीब 6 दिन हो गये थे और एक दिन मैने गाँव फोन किया और चाची ने उठाया.

मेरी उनसे बातें होती रही फिर मैने उन्हे अपने घर आने को कहा क मेरी कॉलेज की छुट्टी है औट मैं घर आया हुआ हू. तो वो बोली की मैं आउंगी तुमसे मिलने के लिए जब तेरे चाचा की छुट्टी होगी. क्यों की वो किसान है. गाँव में मेरे चाचा , चाची और दो भाई बहें है छोटे छोटे.

तो मैने आने क लिए रिक्वेस्ट की तो वो बोली की अच्छा ठीक है.मैं तो बोहोट खुश हो गयाअपनी डार्लिंग सेक्सी हॉट चाची से मिलने के लिए.

तब तक चाची के मेरे लिए कोई बुरी इंटेन्षन नही थी. पर बाद में कभी कभी उनको चोदने का कन करता था तो मैं सोचा करता था . उन्हे हमेशा कैसे चोदा जाए वही सोचता रहता था और उनके नाम की मूठ मरता था. म जब भी गईं जाता तो चाची की पनटी सूंघ के मूठ मारता था. वा क्या मज़ा आता था. 1-2 दिन बाद अब चाची , चाचा ,और दोनो बच्चे आ गये

तो मैंने भी सोच लिया क इस बार कुछ तो करके ही रहूँगा. मैं तो बस उनको चोदने का मन करने लगा.

फिर क्या था चाची जैसे ही ही घर में एंटर हुई तो तो मैने उन्हे विश किया तो उन्होने मुझे गले लगा लिया शायद के मैं बहुत दिंनो के बाद मिला था इस वजह से उन्होंने गले लगाया.

तो बस फिर क्या था मैं तो सातवें आसमान पे चला गया बस फिर क्या था मैने भी उन्हे ज़ोर से गले लगा लिया और उनके बड़े बड़े बूब्स मेरे चेस्ट को प्रेस कर रहे थे किसको वजह से मोटा लौड़ा एरेक्ट हो गया और उनकी पुसी को टच करने लगा. उस टाइम ऐसे मॅन कर रहा था की वही लिटा के चोद दू पर सारे घर बाले वही खड़े थे. जिसकी वजह से मुझे अपने लंड को शाम करना पड़ा.

पर चाची समझ गयी थी थोड़ा थोड़ा और उन्होने मेरे साथ उस टाइम आइ कॉंटॅक्ट बनाई रक्खी और अपने नीचे बाले होंठ को दबा लिया. मुझे पूरा सिग्नल मिल गया था मैं भी इसी के इंतज़ार में था.

फिर उस दिन शाम को क्या हुआ की हमारा प्लान मॉल में जाने का बन गया जो की हमारे घर के पास था तो हम सब तैयार होके शाम को एक ही गाड़ी बैठ के चलने लगे तो मेरे किस्मत से चाची के साथ वाली सीट मिली पीछे मुझे तो मज़ा आ गया तो फिर हम मॉल की तरफ जाने लगे तो रास्ता में खड्डे आ रहे थे जिसकी के कारन गाड़ी हिल रही थी मैने उसी मौके का फायेदा उठाया और चाची के कभी बूब्स को टच करता कभी कभी जाने को कभी चूत को छूता

तो चाची ने एक बार भी रोक नही, मेरा मान और पक्का हो गया. मेरा लंड इतना टाइट हो गया था की जीन्स में से भी खड़ा हुआ देख रहा था.

अब हम मॉल पहुँच गये थे.मैने बहुत बार शॉपिंग करते हुए चाची का हाथ पकड़ा समान देने के लिए पर वो नॉटी सी स्माइल दे देती.

फिर जब हम घर पहुँचे तो मम्मी खाना बना रही थी और में और चाची एक ही रूम म थे बच्चे वहाँ खेल रहे थे.

तो मैंने चाची को पावं से छू रहा था और हम एक दूसरे की तरफ बिना पलके जफ़काए देख रहे थे और चाची अपना नीचे वाला होंठ दबा के मुझे साइन दे रही थी पर वहाँ बच्चे थे इसलये कुछ नही हो पाया.

रात को खाना खाने के बाद मम्मी और चाची बेड रूम में सो गये और में लॉबी में लेटा था और चाची की गांड को देख रहा था. चाची ने पेंटी नही पहनी थी.और उनकी सलवार गांड की दरार के बीच में आ रही थी.

मेरा तो मॅन मचल गया और में ने चाची की गांद को देखते देखते अपने अंडरवेर में ही झड़ गया. रात को मेरी आँख खुली तो मैने सोचा क्या किया जाए तो में पहले चाची के पास गया उनकी गांड को टच किया फिर देखा की मम्मी भी हिल रही थी तो वापिस आ गया क्यों की मम्मी हल्के से शोर से उठ जाते है

फिर चाची की पेंटी के बारे में याद आया में वॉशरूम गया वहाँ कोई पेंटी नही.फिर मैने उनके बैग में चेक किया तो उसमे उनका पेंटी मिल गया.

फिर मैने उस पेंटी में मूठ मार दी. और सो गया. सुबह जब उठा तो देखा की चाची नॉर्मल थी कोई नेगेटिव बात मुझे नहीं लग रहा था तो 100% श्योर हो गया. फिर जब चाची के पास से जाता तो उनकी गांद को आउच करता.

उस दिन रात को खाना खाने के बाद मैने चाची को कहा की खाना के बाद टेरेस पे आ जाना. वो आ गयी मैने उसके आते ही उसे पकड़ा और किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा. इतने म ही किसी के ऊपर आने की आवाज़ आई और हम अलग हो गये.

अगले दिन सुबह चाची चाचा जाने लगे तो चाची ने मम्मी से बोली की समीर को भी गांव जाने दो थोड़ा वहाँ भी देख लेगा. क्यों की गाँव गए बहूत टाइम हो गया है.

फिर क्या था मैं गाँव आ गया. उस दिन तो कुछ भी नहीं कर पाया क्यों की रविबार का दिन था सब लोग घर पर ही थे, बच्चे भी तो चाचा भी काम पर नहीं गए. उसके बाद दूसरा दिन हुआ चाचा जी सुबह ही चले गया और बच्चे स्कूल चले गया उसके बाद क्या बताऊँ दोस्तों मैने मोका देख के ही चाची को पीछे से पकड़ लिया.

चाची सिसकिया भरने लगी और मेरा साथ देने लगी. चाची नाईटी में थी और नीचे कुछ नही पहना था तो मैने फिर उसे 20 मीं तक किस किया और उपर से बूब्स दबा रहा था.

फिर मैने उसकी नाईटी उतार दी ….. वा क्या माल लग रही थी फिर मैंने तुरंत ही उनके ब्रा को उतार दिया, उनकी बड़ी बड़ी चुचिया को मैं दबाने लगा. चाची आह आह करने लगी. वो गजब की लग रही थी. वो अपने होठ को अपने दाँतों से दबा रही थी मैं उनके बूब्स को पि रहा था. वो सिसकियाँ लेने लगी. और मैं उनके बूब्स को प्रेस करने लगा.

फिर मैंने उनके चूत पे हाथ रखा, ओह्ह ओह्ह्ह क्या गरम गरम था. पानी पानी हो चूका था उनकी चूत, मैंने ऊँगली डाली तो चाची बोली ऊँगली से कुछ भी नहीं होगा. मुझे तो मोटा मोटा चाहिए. मैंने कहा आप चिंता क्यों कर रही हो. आज तो अपना मोटा लण्ड आपमें चूत में डालूंगा, चाची बोली की फिर der किस बात है. मैं तो कब से इंतज़ार कर रही हु,

और मैंने चाची को बेड पर लिटा दिया, पहले तो मैंने उनकी चूत को खूब चाटा, फिर चाची मेरे लण्ड को खूब चूसी, इस तरह से मैं दो बार उनके मुह में ही झड़ गया. और फिर मैंने चाची के चूत के रस को पिने लगा और फिर क्या बताऊँ दोस्तों, मेरा लण्ड फिर तन गया. चाची बोली समीर अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, मेरी तड़पती जिस्म को शांत कर दो. और मैं चाची को चोदने लगा. पुरे कमरे में फच फच की आवाज निकल रही थी.. मैं उनको उलट कर पलट कर, कभी ऊपर कर के कभी नीचे कर के खूब चोदा, उस दिन मैंने 4 बार चाची को चोदा, और मैं गाँव में करीब ८ दिन रहा, खूब रंगरेलियां मनाया अपने चाची के साथ.