आपने कल ही पढ़ा था की मैंने कैसे पड़ोस की भाभी नैना की माँ को चोदा (अगर नहीं पढ़ा तो पहले पार्ट वन पढ़े) पर नैना के बारे में आपको नहीं बता पाया आज मैं आपको बताने बाला हु, की नैना की माँ को तो खूब चोदा कल की कहानी में माँ ही चूद रही थी. जब मैं नैना की मम्मी को चोद रहा था तो उनकी दोनों चूचियाँ अपने हाथ में ले के मसलने लगा और उनके चूत में जोर जोर से झटके देने लगा. पूरा कमरा फच फच कर रहा था. और वो आह आह आह और मैं हाय हाय कर रहा था. तभी नैना आ गई कमरे में और बोली मम्मी आप दोनों क्या कर रहे हो आप दोनों को शर्म नहीं आती है? नैना की मम्मी बोली तुम यहाँ क्या कर रही हो?
तो नैना बोल उठी मैं तो आपकी रंगरेलियां देखने के लिए ही उठी थी, मैं तो कब से आपके जलवे देख रही हु परदे के पीछे से, तो नैना की मम्मी कहने लगी. बदतमीज तुम्हे शर्म नहीं आई. तो नैना बोल उठी हां हां चुद तो आप रहे थे किसी गैर मर्द से पापा के एब्सेंट में और शर्म मुझे होना चाहिए, आने दो पापा को मैं सब बात बताउंगी, आजकल आप बिना सेक्स के नहीं रह पा रहे हो तो पापा को क्यों जाने देते हो. और नैना रोने लगी. मैं चुपचाप दोनों का तमाशा देख रहा था.
कुछ देर बाद नैना की माँ पूछी रो क्यों रही हो. तुम्हे तो पता है तुम्हारे पापा टाइम नहीं दे पाते है, मैंने क्या गलत किया. तो नैना बोल उठी आपने ये गलत किया की करण को मैं चाहती हु, पर आज तक मैं करण को बोल नहीं पाई. मैं करण को पसंद करती हु, अब क्या बताऊँ दोस्तों मैं तो हैरान रह गया, माँ और बेटी दोनों मेरे ऊपर फ़िदा… वाओ, मैं तो खुश हो गया, तभी नैना की मम्मी बोली ये क्या कह रही हो. तो नैना बोली हां मैं सच कह रही हु, पर मैं अब आपको नहीं छोडूंगी पापा को सब बात बताउंगी. फिर नैना की मम्मी नैना को पकड़कर दूसरे कमरे में ले चली गई. और करीब २० मिनट बाद नैना आई. वो खुश थी. और आते ही मेरे से लिपट गई. और मेरे होठों को चूमने लगी. और कहने लगी. मैं कब से आपसे सेक्स सम्बन्ध बनाना चाह रही थी पर मौक़ा नहीं मिला मुझे डर था की कही आप मम्मी को ना बता दोगे.
पर आज मम्मी मेरे ही ख्वाब पे हाथ साफ़ कर ली. मुझे बहुत बुरा लगा. मैं तो मूड में था ही. क्यों की मैंने अभी झडा नहीं था लैंड सलामी दे रहा था, मैंने नैना के गदराए जिस्म को सहलाने लगा ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों जब मेरा हाथ नैना के चूचियों पे पड़ा ओह्ह्ह मजा आ गया मैंने तुरंत उसके टीशर्ट को उतार दिया वो अंदर ब्रा पहनी थी तुरंत उतार फेंका और निप्पल को दन्त से काटने लगा. नैना कह रही थी धीरे धीरे. प्लीज, मैंने उसके होठ को चूसने लगा क्या गुलाबी होठ थे यार, गोरी थी इस वजह से जहां भी गाल पर किश करता वही लाल लाल निशान बन रहे थे. मैंने उसका काप्री उतार दी वो डिज़ाइनर पेंटी में थी. वो भी गुलाबी कलर का मैं निचे होके उसके पेंटी को सुंघा, तभी मदहोश हो गया. गजब का खशबू था,
मैंने तुरंत उसके पेंटी को उतार दिया और दोनों पैरों को अलग अलग करके देखने लगा, अभी हलके हकले भूरे रंग के झांट थे, फिर मैंने नैना के चूत को दोनों ऊँगली से चिर कर देखा अंदर गुलाबी लग रहा था और अंदर कोई भी छेद दिखाई नहीं दे रहा था. मैंने ऊँगली डालने की कोशिश की पर नैना ने मना कर दी. मैंने अपना लण्ड नैना के चूत पर लगाया, नैना की चूत गीली हो चुकी थी वो सिसकियाँ ले रही थी. मैंने जोर से धक्का मार पर चूत में मेरा लण्ड नहीं गया क्यों की नैना की चूत काफी टाइट थी. फिर से मैंने अपने लण्ड में थूक लगाया और फिर चूत के मुंह पे रख और जोर से धक्का लगाया अब नैना जोर से चिल्ला उठी मर गई मैं. तभी नैना की मम्मी दौड़कर आ गई. और अपने बेटी को सहलाने लगी. नैना के आँख में आँशु थे. मैंने हौले हौले से लण्ड को नैना के चूत में डालने लगा. थोड़े देर बाद ही वो नार्मल हो गई और वो भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी.
मैंने भी जोर जोर से नैना को चोद रहा था नैना के चूच को उसकी मम्मी सहला रही थी और धक्का पे धक्का दे रहा था. फिर नैना की मम्मी सो गई और मुझे खींच ली. अब मैं नैना की मम्मी को चोदने लगा और नैना अपनी चूच मेरे पीठ में रगड़ रही थी. इस तरह से मैंने कभी नैना को कभी उसकी मम्मी को चोद रहा था और वो दोनों खूब मजे ले रही थी. दोस्तों क्या बताऊँ वो दिन मेरे ज़िंदगी का सबसे हसीं दिन है. बहुत मजा आया ये मेरे ज़िंदगी का सबसे मजेदार में से एक दिन है. आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताएं प्लीज.