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पति के दोस्त से चुदाकर मैं बेवफा औरत बन गयी

हेलो दोस्तों मैं पल्लवी सिंह आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।

दोस्तों मैं एक जवान और खूबसूरत औरत हूँ। मेरी शादी हो चुकी है। पति के साथ मैं मुंबई में फ्लैट में रहती हूँ। मेरा जिस्म बहुत ही भरा, गदराया और चिकना है। मेरा फिगर बहुत ही सेक्सी है। 38 30 34 का फिगर है मेरा। मैं घर पर रहती हूँ। हाउसवाईफ हूँ। दिन में साड़ी और रात में नाइटी पहनती हूँ। दोस्तों मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है। शादी के पहले मैने कई लड़को से चुदा लिया था और चूत में मोटा लंड खा लिया था। अब तो शादी होने के बाद मैं सिर्फ अपने हसबैंड से चुदवाती हूँ। मेरे मम्मे बहुत ही बड़े बड़े और बेहद मुलायम है। मेरे कसे ब्लाउस में मेरे दूध किसी बड़ी गेंद की तरह चमकते है। इसलिए मैं जब भी बजार या किसी शोपिंग माल में जाती हूँ लोग मुझे घूर घूर कर देखते है। वो मुझे नजरों में ही देख देखकर चोद लेते है। अपनी आँखों से ही वो मुझे चोद देते है। शादी से पहले मेरे 6 बॉयफ्रेंड थे। मैं हर एक से दिन बदल बदलकर चुदवाती थी। शादी से पहले ही मैं सुहागरात मना चुकी थी। अब सिर्फ मैं अपने हसबैंड का लंड खाती हूँ और सिर्फ उनसे ही चुदवाती हूँ।

मेरा पति का दोस्त अभय अक्सर मेरे घर आया करता था। मैं ही उसे अपने हाथों से चाय नाश्ता दिया करती थी। वो देखने में जवान था और काफी हैंडसम लड़का था। वो मुझे बार बार के घूर घूर के देखा करता था। धीरे धीरे अभय मेरे पति की गैर मौजूदगी में आने लगा और मेरा हाथ वो पकड़ लेता था। मुझे वो पल्लवी कहकर पुकारता था जब मेरे पति घर पर नही होते थे। मैं अच्छी तरह सब समझ रही थी। अभय मुझे कसके चोदना चाहता था। पर मैं बेवफा औरत नही कहलाना चाहती थी। कुछ दिन बाद मेरे पति कम्पनी के काम से दिल्ली चले गये थे। अचानक शाम को 4 बजे अभय मेरे घर आ गया। मैंने उसे लॉबी में बिठाया। मैंने उस दिन काली रंग की साड़ी पहन रखी थी। मेरे बाल खुले हुए थे और हवा में लहरा रहे थे। मैं बहुत सेक्सी और हॉट माल लग रही थी। मैं पूरी तरह से तैयार थी और कायदे से मेकप कर रखा था।

“आशुतोष (मेरे पति) तो घर पर नही है!” मैंने कहा

“पल्लवी मैं अच्छी तरह जानता हूँ। मैं तो तुमसे मिलने आया हूँ” अभय बोला और सोफे पर वो मेरे पास आकर बैठ गया। फिर धीरे धीरे वो मेरा हाथ पकड़कर किस करने लगा।

“अभय!! मैं उस तरह की औरत नही हूँ। मैं एक आदर्श और पतिव्रता औरत हूँ” मैंने कहा

“पल्लवी! जबसे तुमको देखा हूँ मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ। अगर तुम मुझे न मिली तो मैं आज ही जहर खा लूँगा” अभय बोला

उसकी बात सुनकर मैं डर गयी थी की कहीं सच में वो जहर ना खा ले। फिर वो तरह तरह की बाते बनाने लगा। मैं अच्छी तरह से जानती थी की आज मेरे पति की गैर मौजूदगी में वो मुझे कसके चोदना चाहता था। धीरे धीरे अभय ने मेरा हाथ पकड़ लिया और होठो से लगाकर किस करने लगे।

“अभय !! ये सब गलत है। तुम भगवान के लिए यहाँ से चले जाओ। कोई देख लेगा तो बवाल हो जाएगा” मैंने कहा पर उसपर कोई असर नही क्या। धीरे धीरे उसने सोफे पर मुझे बाहों में भर लिया और किस करने लगा। धीरे धीरे उसने मुझे कसके पकड़ लिया।

“पल्लवी!! सिर्फ आज के लिए तुम मेरी बीवी बन जाओ। फिर मैं कभी तुम्हारे पास नही आऊंगा। सिर्फ आज के लिए तुम मेरी बीबी बन जाओ” वो बोला और मुझे सीने से लगा लिया। धीरे धीरे मुझे भी अच्छा लगने लगा। मेरा भी मन उससे चुदवाने का हो रहा था।

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“ठीक है सिर्फ आज के लिए मैं तुम्हारी बीवी हूँ। जो करना चाहते हो कर लो। मगर दुबारा तुम मेरे घर मत आना” मैंने कहा

उसके बाद मेरे पति का चुदासा दोस्त मुझे गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया। दोस्तों आज मैं किसी गैर मर्द से चुदने वाली थी। शादी होने के बाद मैंने सिर्फ अपने पति आशुतोष का ही मोटा लंड खाया था पर आज पहली बार मैं उनके दोस्त से चुदाने जा रही थी। बेडरूम में लाकर अभय ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और अपने जूते उसने निकाल दिए। फिर वो मेरे पास आकर लेट गया। उसने फोग परफ्यूम लगाया हुआ था। उसकी मर्दाना खुश्बू बहुत अच्छी थी। अभय ने मुझे बाहों में भर लिया और सीने से लगा लिया।

“ओह्ह पल्लवी!! यू आर सो सेक्सी!!” वो बोला

उसकी तारीफ़ मुझे बहुत अच्छी लगी थी। फिर अभय मुझे होठो पर किस करने लगा। दोस्तों काली साड़ी में मेरे गोरे गोरे हाथ और ब्लौस के नीचे मेरा पेट साफ साफ चमक रहा था। मैं सुंदर और सेक्सी औरत लग रही थी। धीरे धीरे अभय मेरे रसीले होठ चूस रहा था। कुछ देर में मैं भी गर्म हो गयी थी और खुलकर उससे प्यार करने लगी थी। मैं भी खुलकर अभय से प्यार करने लगी थी। फिर उसने मेरे ब्लाउस पर मेरी 38” की चूचियों पर हाथ रख दिया और मेरे रसीले बूब्स को मसलना शुरू कर दिया। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” बोलकर सिसक रही थी। धीरे धीरे मेरे पति का दोस्त मेरे मम्मे दबाने और मसलने लगा। वो अजीब सा मजा मिल रहा था। मैं उसके वश में आ रही थी। हम दोनों अभी भी किस कर रहे थे।

फिर अभय ने मेरी साड़ी का पल्लू मेरे सीने से हटा दिया और मेरे ब्लाउस का बटन खोलने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी। कुछ ही देर में अभय ने मेरा ब्लाउस निकाल दिया। फिर ब्रा भी निकाल दी। मेरी 38” की शानदार चूचियां उसके सामने थी।

दोस्तों, मेरे स्तन बहुत सुंदर थे। बड़े बड़े गोल और बिलकुल मक्कन की टिकिया जैसे नर्म। इतने सुंदर दूध को देखकर तो अभय बिलकुल पागल हुआ जा रहा था। मेरी अनार जैसी लाल लाल निपल्स के चारो ओर बड़े बड़े काले काले घेरे थे, जो मेरे स्तनों में चार चाँद लगा रहे थे। अगर कोई भी मर्द मुझे इस तरह मेरे नग्न मम्मो को देख लेता तो मुझे बिना चोदे ना जाने देता। मेरी मस्त गदराई और उफनती छातियों को देखकर अभय बेचैन हो गया और अपने हाथ से कस कसकर दबाने लगे। “अई…..अई….अई…अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” बोलकर मैं सिसक कर बोली पर उस पर कोई असर ना हुआ। वो मजे से मेरे दूध दबा रहा था जैसे कोई मुसम्मी का रस निकालने के लिए उसे हाथ में लेकर निचोड़ देता है। इसके साथ ही वो मेरे रसीले स्तनों को मुंह में लेकर पी और चूस रहा था। इधर मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। ऐसा लग रहा था की आज अभय मेरा सारा दूध पी जायेगा। उसके दांत मेरी नर्म चूचियों को बार बार चुभ जाते थे। ……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” अभय लगती है!!” मैंने कहा। पर उसने मुझे अनसुना कर दिया। मेरी दोनों बड़ी बड़ी मुसम्मी को वो आधे घंटे तक चूसता और पीता रहा। मुझे अभी बहुत अच्छा लग रहा था। मैं गर्म हो रही थी। अब मैं भी अभय से कसकर चुदना चाहती थी। वो मेरी चूचियों को अपनी औरत की चूचियां समझकर दबा रहे था। ऐसा बार बार करने से मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मैं जल्दी से चुदना चाहती थी और चूत में मोटा लंड खाना चाहती थी। आज मेरे पति का दोस्त मुझे कसके पेलने वाला था।

फिर अभय ने मेरी साड़ी और पेटीकोट खोल दिया और निकाल दिया। मेरी काली रंग की सेक्सी पेंटी भी उसने उतार दी। वो खुद भी निर्वस्त्र हो गया था। मेरे पेट को वो बार बार अपने हाथों से सहला रहा था। मैं“आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” कर रही थी और मचल रही थी। फिर अभय ने मुझे बिस्तर पर उलटा कर दिया। मुझे पेट के बल लिटा दिया। मेरी नंगी पीठ को वो सहला रहा था।

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“पल्लवी!! यू आर सो सेक्सी!!” बार बार मेरे पति का दोस्त अभय बोल रहा था। मेरी पीठ को वो चूम रहा था। मेरे गोल मटोल पुट्ठो पर वो अपने हाथ घुमा रहा था। मेरे पैरो को वो सहला रहा था। धीरे धीरे अभय मेरे जिस्म को चूमता हुआ नीचे बढ़ने लगा फिर मेरी कमर पर पहुच गया। उसने कई बार मेरी कमर पर किस कर दिया। मेरे गोल मटोल पुट्ठो को वो बार बार हाथों से सहला रहा था। मैं सिसकियाँ भर रही थी। फिर अभय ने चट चट मेरे पुट्ठो पर चांटे मारना शुरू कर दिया। उसके जोर जोर से चांटे से मेरे पुट्ठो लाल पड़ गये।

“बोलो पल्लवी!! मुझे अपनी रसीली चूत दोगी की नही?? बोलो मेरी जान!!” अभय पूछने लगा

“अभय मेरे यार!! आज तुम मुझे खुलकर चोद लो। आज के लिए मैं तुम्हारी बीबी हूँ!!” मैंने कहा

फिर उसने मुझे पलट दिया और सीधा पीठ के बल लिटा दिया। मेरे पैर उसने खोल दिए। वो मेरी रसीली चूत पर आ गया। दोस्तों मैंने आज अपनी चूत को सुबह की क्लीन शेव कर लिया था।मुझे झांटे में रहना पसंद नही था। इसलिए मैं रोज अपनी चुद्दी शेव कर लेती थी। अचानक मेरे पति का दोस्त अभय बहुत जोश में आ गया और उसने मेरे दोनों पैर उपर उठा दिए और जल्दी जल्दी मेरी बुर चाटने लगा। उसने मेरी चूत को हाथ से खोलकर देखा। मस्त रबड़ी जैसी गुलाबी चूत थी मेरी। अभय मेरी खूबसूरत चूत देखकर खुश था। उसने मेहनत से मेरी चूत पीना शुरू कर दी।

जैसी तालाब में जानवर छप छप की आवाज करके पानी पीते है ठीक उसी तरह अभय मेरी रसीली बुर चाट और पी रहा था। मुझे बहुत खलबली चूत में महसूस हो रही थी। अभय की दानेदार और नुकीली जीभ मेरे गुलाबी भोसड़े में भीतर तक घुसी जा रही थी। मैं “…..ही ही ही……अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह….. उ उ उ…” बोलकर तडप रही थी। अभय तो जैसे जन्मों से मेरे भोसड़े का प्यासा था। वो मेरी चूत पीता फिर चूत के दाने को पीने लग जाता। कुछ देर बाद उसके मुंह में मेरी रसीली चूत का सफ़ेद रस लग चुका था।

“अभय!! प्लीस मुझे जल्दी चोदो और मेरी चूत को आज फाड़कर रख दो….प्लीस जल्दी करो!!” मैंने कहा

फिर अभय ने अपने 9” मोटे लंड को हाथ में ले लिया और मेरी चूत पर लंड से पीटने लगा। आखिर उसने अपना लंड मेरी चूत में सरका दिया और मुझे पेलने लगा। मुझे बहुत जोर का सेक्स का नशा चढ़ गया था। मैं “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की कामुक आवाजे निकाल रही थी। आज मेरे पति का दोस्त मुझे मेरे ही घर में कस कसके चोद रहा था।

मेरी चूत की अच्छे से कुटाई कर रहा था। उसके धक्के से मेरी चूत की सिलाई खुली जा रही थी। अभय गहरे और तेज तेज धक्के मारकर मुझे चोद रहा था। मेरी चूत से चट चट की आवाज निकल रही थी। मैं दोनों पैर उठाकर चुद रही थी। मुझे अजीब सा नशा चढ़ रहा था।

“हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….” मैंने कहा। फिर तो अभय और जोर जोर से मेरी बुर चोदने लगा। मेरी चूत के दाने को वो अपनी ऊँगली से घिस रहा था। बार बार अपने मुंह से वो थूक लेकर मेरे चूत के दाने पर लगा देता था और जल्दी जल्दी घिस रहा था। दोस्तों मेरे तन बदन में सेक्स की आग लग चुकी थी। मैं अपने पति के दोस्त से चुदा रही थी। मेरी बड़ी बड़ी 38” की चूचियां गोल गोल होकर डांस कर रही थी।

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अभय का लम्बा लंड मुझे चूत की गहराई तक चोद रहा था। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। आधे घंटे तक मेरे साथ अभय ने संभोग किया फिर मेरी योनी में ही स्खलित हो गया। उसके बाद वो मेरे उपर ही लेट गया। मुझे भी भरपूर आनंद मिला था। मैंने उसे पकड़ लिया और होठो पर किस करने लगी। आज एक गैर मर्द का मोटा लंड खाकर मैं एक बेवफा औरत बन गयी थी। अभय मेरे जिस्म से खेल रहा था। मेरी चूचियां अब भी उसके हाथों में थी। कुछ देर तक हम दोनों निर्वस्त्र होकर आराम करते रहे।

“पल्लवी!! अब मैं तुम्हारी गांड चोदूंगा!!” अभय बोला

“प्लीस ऐसा मत करो अभय!!” मैंने कहा

“जो जो मैं कहूँ तुम करती जाओ। फिर तुमको मजा ना आए तो मुझसे कहना!!”

फिर उसने मुझे बिस्तर पर कुतिया बना दिया। वो पीछे से आकर मेरे पुट्ठो को चूम रहा था। फिर वो पीछे ने आकर मेरी गांड चाटने लगा और मेरी चूत में उसने अपनी 2 ऊँगली भीतर डाल दी और अंदर बाहर करने लगा। मैं अपने सर को झुकाकर कुतिया बनी हुई थी। मैंने अपना पिछवाडा बहुत उपर उठा रखा था। मेरे पति का दोस्त मेरी जवानी का मजा लूट रहा था। वो जल्दी जल्दी मेरी गांड चाट रहा था। साथ में उसकी ऊँगली मेरी रसीली चूत को फेट रही थी। मैं तडप रही थी। आखिर में अभय ने अपना मोटा लंड मेरी गांड के छेद पर रख दिया और जोर का धक्का मारा। उसका लंड मेरी गांड में प्रवेश कर गया।

मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” बोलकर तडप उठी। फिर अभय धीरे धीरे मेरी गांड चोदने लगा। दर्द के मारे मेरी जान निकल रही थी। दोस्तों मेरे पति आशुतोष सिर्फ मेरी चूत ही मारते थे। कभी मेरी कसी गांड का यूस नही करते थे। पर आज अभय ने तो इसको भी नही छोड़ा। फिर उसने अपने लंड पर थूक दिया और धीरे धीरे मेरी कुवारी गांड में लंड चलाने लगा। मैं तडप रही थी, रो रही थी पर फिर भी गांड मरा रही थी। कुछ देर बाद अभय जल्दी जल्दी मेरे साथ गुदा मैथुन करने लगा। ये बिलकुल अलग तरह का अहसास था। अभय ने अपना हाथ मेरी चूत पर रख दिया और जल्दी जल्दी मेरी चूत सहला सहलाकर मुझे चोद रहा था। मैं डौगी स्टाइल में बिस्तर पर थी और पिछवाडा चुदा रही थी।

अभय को मेरी कुवारी गांड में काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। उसके माथे पर पसीना आ गया था। फिर भी वो मुझे जल्दी जल्दी चोद रहा था। उसकी हालत बता रही थी की उसे काफी कसी और नशीली रगड़ मिल रही थी। 45 मिनट के गुदा मैथुन के बाद उसने अपना पानी मेरी गांड में ही छोड़ दिया। फिर हम दोनों लेट गये और सुस्ताने लगे। अब मैं अभय की रखेल बन गयी हूँ। जब भी मेरे पति शहर से बाहर जाते है मैं अभय के साथ सम्भोग के मजे लुट लेती हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।